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Colon Cancer Prevention : 20-30 की उम्र में कोलन कैंसर? ये आदतें बदल देंगी आपकी जिंदगी

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Colon Cancer Prevention : आज की भागदौड़ भरी जिंदगी और मॉडर्न लाइफस्टाइल हमें कई तरह की बीमारियों की ओर धकेल रही है। हाल ही में आई एक चौंकाने वाली रिपोर्ट ने सबका ध्यान खींचा है। कोलन कैंसर, जिसे पहले बुजुर्गों की बीमारी माना जाता था, अब युवाओं में तेजी से फैल रहा है। चौंका देने वाली बात यह है कि यह बीमारी अब 40 की उम्र ही नहीं, बल्कि 20 साल के युवाओं में भी देखी जा रही है। अगर यही रफ्तार रही, तो आने वाले समय में कोलन कैंसर युवाओं में कैंसर से होने वाली मौतों का सबसे बड़ा कारण बन सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि बदलती लाइफस्टाइल इसकी मुख्य वजह है, लेकिन राहत की बात यह है कि सही खानपान और कुछ जरूरी आदतों से इस खतरे को कम किया जा सकता है। आइए जानते हैं कि कोलन कैंसर से कैसे बचा जा सकता है।

कोलन कैंसर क्या है?

कोलन कैंसर एक गंभीर बीमारी है, जो हमारी बड़ी आंत (कोलन) या मलाशय (रेक्टम) में होती है। यह पाचन तंत्र के आखिरी हिस्से को प्रभावित करता है। इसकी शुरुआत छोटे-छोटे पॉलिप्स से होती है, जो समय के साथ कैंसर में बदल सकते हैं। अगर समय पर इसकी पहचान और इलाज न हो, तो यह जानलेवा हो सकता है।

बदलती लाइफस्टाइल क्यों बन रही है खतरा?

आज की जिंदगी में जंक फूड, लंबे समय तक बैठे रहना, शराब और स्मोकिंग जैसी आदतें कोलन कैंसर के खतरे को बढ़ा रही हैं। पहले 40 साल से ऊपर के लोगों में स्क्रीनिंग और हेल्दी लाइफस्टाइल की वजह से इस बीमारी को कंट्रोल किया जा रहा था, लेकिन अब युवा भी इसका शिकार हो रहे हैं। अच्छी खबर यह है कि कुछ आसान बदलावों से इस खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है।

कोलन कैंसर से बचाव के लिए डाइट टिप्स रेड और प्रोसेस्ड मीट से रहें दूर

बेकन, सॉसेज और हॉट डॉग जैसी प्रोसेस्ड मीट को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कैंसर का कारण माना है। ज्यादा तली या जली हुई मीट भी आंतों को नुकसान पहुंचाती है। अगर आप मीट खाते हैं, तो इसे हफ्ते में एक-दो बार तक सीमित करें।

शराब और स्मोकिंग को कहें अलविदा

शराब हमारी आंतों की परत को नुकसान पहुंचाती है, जबकि स्मोकिंग शरीर में हानिकारक केमिकल्स लाती है। ये दोनों ही कोलन कैंसर का खतरा बढ़ाते हैं। स्मोकिंग को पूरी तरह छोड़ दें और शराब का सेवन बहुत कम करें।

फाइबर और पौधों से मिलने वाला खाना खाएं

फल, सब्जियां, दालें और साबुत अनाज न सिर्फ पेट को स्वस्थ रखते हैं, बल्कि कोलन को भी सुरक्षित करते हैं। फाइबर पाचन को आसान बनाता है और आंतों में अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ाता है। इससे सूजन और इंफेक्शन का खतरा कम होता है।

आंतों की सेहत को दें तवज्जो

हमारी आंतों में मौजूद “गट माइक्रोबायोम” यानी बैक्टीरिया का समूह, कोलन कैंसर से बचाव में बड़ी भूमिका निभाता है। दही, छाछ, अखरोट और हरी पत्तेदार सब्जियां खाने से ये बैक्टीरिया मजबूत होते हैं, जिससे आंतें स्वस्थ रहती हैं।

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