UPI Transaction : डिजिटल भारत में UPI ने भुगतान की दुनिया को बदल दिया है। किराने की दुकान से लेकर ऑनलाइन शॉपिंग तक, हर छोटा-बड़ा लेनदेन अब UPI के जरिए हो रहा है। लेकिन हाल ही में एक खबर ने यूजर्स को परेशान कर दिया। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि 2,000 रुपये से अधिक के UPI लेनदेन पर अब GST लगेगा।
इस खबर ने सोशल मीडिया से लेकर आम बातचीत तक हलचल मचा दी। हालांकि, वित्त मंत्रालय ने 18 अप्रैल 2025 को इस अफवाह पर विराम लगाते हुए साफ कर दिया कि यह दावा पूरी तरह गलत है। आइए, इस पूरे मामले को विस्तार से समझते हैं और जानते हैं कि सरकार ने क्या कहा।
अफवाह का बाजार
पिछले कुछ दिनों में कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया कि सरकार UPI के जरिए 2,000 रुपये से अधिक के लेनदेन पर GST लगाने की योजना बना रही है। दावा Motilal Banka की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस कदम का मकसद डिजिटल लेनदेन को और बढ़ावा देना बताया गया। इस खबर ने UPI यूजर्स में बेचैनी पैदा कर दी, क्योंकि भारत में लाखों लोग रोजाना UPI का इस्तेमाल करते हैं। लोग इस बात को लेकर चिंतित थे कि अगर GST लागू हुआ, तो छोटे-मोटे लेनदेन भी महंगे हो सकते हैं। सोशल मीडिया पर भी यह खबर तेजी से वायरल हुई, जिसने लोगों की चिंता को और बढ़ा दिया।
सरकार का स्पष्टीकरण
18 अप्रैल 2025 को वित्त मंत्रालय ने इन दावों को सिरे से खारिज कर दिया। मंत्रालय ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि 2,000 रुपये से अधिक के UPI लेनदेन पर GST लगाने का कोई प्रस्ताव सरकार के पास नहीं है। यह दावा पूरी तरह झूठा, भ्रामक और निराधार है।
मंत्रालय ने साफ किया कि GST केवल कुछ खास शुल्कों, जैसे मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR), पर लागू होता है। लेकिन जनवरी 2020 से लागू केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) की अधिसूचना के तहत व्यक्ति-से-व्यापारी (P2M) UPI लेनदेन पर MDR को हटा दिया गया है। इसका मतलब है कि आम यूजर्स के लिए UPI लेनदेन पर कोई अतिरिक्त शुल्क या कर नहीं लगेगा।
यूजर्स के लिए राहत की खबर
वित्त मंत्रालय के इस स्पष्टीकरण ने UPI यूजर्स को बड़ी राहत दी है। भारत में UPI ने न केवल भुगतान को आसान बनाया है, बल्कि छोटे व्यापारियों और आम लोगों के लिए डिजिटल लेनदेन को किफायती भी बनाया है। अगर इस तरह का कोई कर लागू होता, तो यह डिजिटल इंडिया के सपने को झटका दे सकता था। सरकार का यह बयान न केवल अफवाहों को शांत करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि वह डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।
अफवाहों से सावधान
इस घटना ने एक बार फिर यह साबित किया कि सोशल मीडिया और कुछ गैर-जिम्मेदार खबरें लोगों में भ्रम फैला सकती हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसी खबरों पर विश्वास करने से पहले आधिकारिक स्रोतों, जैसे सरकार की वेबसाइट या विश्वसनीय न्यूज पोर्टल्स, से जानकारी लेना जरूरी है। वित्त मंत्रालय ने भी लोगों से अपील की है कि वे भ्रामक खबरों पर ध्यान न दें और केवल सरकारी बयानों पर भरोसा करें।
डिजिटल भुगतान का भविष्य
UPI ने भारत में डिजिटल अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है। यह न केवल तेज और सुरक्षित है, बल्कि मुफ्त लेनदेन की सुविधा ने इसे हर वर्ग के लिए लोकप्रिय बनाया है। सरकार का यह स्पष्टीकरण इस बात का आश्वासन देता है कि UPI की यह खूबी बरकरार रहेगी। अगर आप भी UPI का इस्तेमाल करते हैं, तो बेफिक्र होकर लेनदेन करें, क्योंकि आपका पैसा और विश्वास दोनों सुरक्षित हैं।
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