सोने और चांदी की कीमतों में आज अचानक जोरदार गिरावट ने बाजार में हलचल मचा दी है। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर छठ पूजा के दिन सोने के दाम एक ही झटके में 1,600 रुपये तक लुढ़क गए। निवेशकों से लेकर आम लोग तक, हर कोई इस गिरावट के पीछे के कारण और भविष्य में कीमतों के रुख को जानने के लिए उत्सुक है। क्या सोना और सस्ता होगा, या फिर इसमें तेजी लौटेगी? आइए, इस खबर को विस्तार से समझते हैं।
चांदी के दाम भी लुढ़केसोमवार, 27 अक्टूबर 2025 को चांदी की कीमतों में भी भारी मंदी देखी गई। 5 दिसंबर की एक्सपायरी वाली चांदी शुरुआती कारोबार में 4,560 रुपये यानी 3 प्रतिशत की गिरावट के साथ 1,42,910 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई। यह पिछले बंद से 1,400 रुपये कम है। बाजार के जानकारों का कहना है कि आने वाले दिनों में सोने और चांदी की कीमतों में और गिरावट देखने को मिल सकती है।
5% से ज्यादा की गिरावटमोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड में कमोडिटी रिसर्च के सीनियर एनालिस्ट मानव मोदी के अनुसार, सोने की कीमतों में गिरावट का रुख अभी बना रह सकता है। पिछले कुछ महीनों में सोने में जबरदस्त तेजी देखी गई थी, लेकिन हाल के हफ्तों में पांच साल की सबसे बड़ी साप्ताहिक बढ़त के बाद अब सोने के दाम नरम पड़ गए हैं। चांदी की कीमतों में भी मुनाफावसूली के चलते एक ही सत्र में 5 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई। निवेशक अब अपनी रणनीति पर फिर से विचार कर रहे हैं।
सोने के दाम क्यों गिरे?विशेषज्ञों का कहना है कि सोने की कीमतों में इस अचानक गिरावट के पीछे कई बड़े कारण हैं। सबसे बड़ा कारण है रूस-यूक्रेन और इजरायल-हमास के बीच युद्धविराम की बढ़ती संभावनाएं। इससे वैश्विक स्तर पर जियोपॉलिटिकल तनाव में कमी आई है, जो सोने की कीमतों को प्रभावित करता है। इसके अलावा, अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड डील की उम्मीदों ने भी निवेशकों का भरोसा बढ़ाया है, जिससे बाजार में स्थिरता आई है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रविवार को मलेशिया में आयोजित ASEAN सम्मेलन के दौरान कहा, “हम चीन के साथ एक अच्छी डील करने जा रहे हैं।” इस हफ्ते उनकी चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात भी होने वाली है। इन खबरों से अमेरिका-चीन के बीच तनाव कम होने के संकेत मिले हैं, जिसका असर सोने और चांदी की कीमतों पर पड़ा है।
85% की बढ़ोतरी के बाद मुनाफावसूलीCOMEX पर सोना 4,400 डॉलर प्रति औंस के रिकॉर्ड स्तर तक पहुंचने और चांदी की कीमतों में 85 प्रतिशत से ज्यादा की बढ़ोतरी के बाद अब निवेशक मुनाफा वसूल रहे हैं। मजबूत अमेरिकी डॉलर इंडेक्स और मार्जिन कॉल की वजह से निवेशकों में घबराहट बढ़ी है, जिसके चलते तेज बिकवाली शुरू हो गई। यह बिकवाली सोने और चांदी की कीमतों में गिरावट का एक बड़ा कारण बनी है।
क्या सोना और सस्ता होगा?मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के कमोडिटी रिसर्चर नवनीत दमानी का अनुमान है कि सोने की कीमतों में और 5-6 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है। इसका मतलब है कि सोना 6,000-7,000 रुपये तक और सस्ता हो सकता है। अगर आप सोने में निवेश की सोच रहे हैं, तो यह आपके लिए एक बड़ा मौका हो सकता है। लेकिन, विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि निवेश से पहले बाजार के रुझानों को अच्छे से समझ लें।
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