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यूपी नंबर वन कैसे बना? गन्ना उत्पादन के राज खोले योगी, किसानों को मिलेगा सम्मान

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लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अगर हमारे अन्नदाता किसान खुश और समृद्ध होंगे, तो देश लगातार विकास की राह पर आगे बढ़ता रहेगा। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से किसानों के हित में हो रहे कामों का जिक्र किया और गन्ना किसानों की मांग पर गन्ना मूल्य बढ़ाने का फैसला सुनाया। योगी ने साफ कहा कि किसानों की अनदेखी करके कोई राज्य या देश तरक्की नहीं कर सकता। पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की वो मशहूर बात याद दिलाते हुए उन्होंने कहा कि देश का विकास गांवों के खेतों और खलिहानों से होकर गुजरता है।

गोपाष्टमी पर किसानों को बधाई, गन्ना मूल्य में 30 रुपये की बढ़ोतरी

मुख्यमंत्री आज अपने सरकारी आवास पर गन्ना किसानों से बातचीत कर रहे थे। इस मौके पर उन्होंने गोपाष्टमी की शुभकामनाएं दीं और पेराई सत्र 2025-26 के लिए गन्ना मूल्य में 30 रुपये प्रति क्विंटल की ऐतिहासिक बढ़ोतरी की बधाई दी। उन्होंने बताया कि भारत की कृषि व्यवस्था में गोवंश का बड़ा रोल है और किसान इसका गवाह हैं।

पिछले 11 सालों में किसानों की जिंदगी बदली: योगी

योगी ने कहा कि पिछले 11 सालों में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश के किसान खुशहाली की नई राह पर चल पड़े हैं। पहले धरती मां की सेहत का कोई ख्याल नहीं था, लेकिन अब सॉइल हेल्थ कार्ड से मिट्टी का टेस्ट होता है। पूरे देश में किसानों के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, कृषि सिंचाई योजना, फसल बीमा योजना और वन नेशन वन मार्केट जैसी कई स्कीमें चल रही हैं।

किसान सम्मान निधि से 12 करोड़ किसानों को फायदा

मुख्यमंत्री ने बताया कि अब किसानों को अपनी फसल एक मंडी से दूसरी ले जाने पर कोई टैक्स नहीं लगता। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि से हर साल 6 हजार रुपये मिलते हैं, जिससे देश के 12 करोड़ किसान फायदा उठा रहे हैं। इससे किसान रोजमर्रा की जरूरतों के लिए किसी पर निर्भर नहीं रहते। 2017 में हमारी सरकार ने छोटे किसानों के 1 लाख रुपये तक के कर्ज माफ किए, जिससे 86 लाख किसानों को राहत मिली।

सिंचाई सुविधा में बड़ा इजाफा, 16 लाख नलकूपों के बिल माफ

पिछले 8 सालों में प्रदेश में 23 लाख हेक्टेयर extra जमीन को सिंचाई की सुविधा दी गई। अर्जुन सहायक, बाणसागर और सरयू नहर जैसी पुरानी परियोजनाओं को पूरा करके किसानों को पानी पहुंचाया गया। सरकार ने 16 लाख निजी नलकूपों के बिजली बिल माफ किए।

फसल खरीद में सुधार, बिचौलियों का खेल खत्म

पहले सरकारों में फसल खरीद के लिए अच्छे केंद्र नहीं थे, जिससे किसानों को सही दाम नहीं मिलता था और बिचौलिए मुनाफा कमाते थे। अब हमने कई क्रय केंद्र बनाए और तय किया कि जमीन जिस किसान के नाम है, उसी से फसल खरीदी जाएगी। एमएसपी का सीधा फायदा किसानों को मिलेगा।

गन्ना मूल्य में 85 रुपये की बढ़ोतरी, किसानों को सीधा लाभ

पिछले साढ़े 8 सालों में गन्ना मूल्य 85 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाया गया, जिससे किसान भाइयों को बड़ा फायदा हो रहा है। 2017 से पहले गन्ना खेती घाटे का सौदा थी। 2009-10 से 2016-17 तक गन्ना भुगतान बाकी था, चीनी मिलें बंद होने की कगार पर थीं। प्रदेश में 108-110 मिलें चल रही थीं, लेकिन उनकी हालत खराब थी। नतीजा, गन्ना उत्पादन में यूपी तीसरे नंबर पर खिसक गया क्योंकि किसान निराश थे।

नई मिलें लगीं, चीनी मिलें अब शुगर कॉम्प्लेक्स

अब हम नई चीनी मिलें लगा रहे हैं। 2017 से तय किया कि कोई मिल बंद नहीं होगी, बंद मिलों को चालू करेंगे और आधुनिकीकरण करेंगे। 42 मिलों की क्षमता बढ़ाई गई, 4 से ज्यादा नई मिलें लगीं। कोजेन प्लांट, डिस्टलरी और एथेनॉल प्लांट बने, अब चीनी मिलें शुगर कॉम्प्लेक्स की तरह काम कर रही हैं।

122 मिलें चल रही हैं, भुगतान तेज

आज प्रदेश में 122 चीनी मिलें चल रही हैं। 105 मिलें एक हफ्ते में गन्ना भुगतान कर देती हैं। कोई किसान अपने पैसे से वंचित नहीं रहेगा। गन्ना का क्षेत्र 20 लाख से बढ़कर 30 लाख हेक्टेयर हो गया। किसानों को अच्छे बीज और तकनीक से कम लागत में ज्यादा मुनाफा कमाना चाहिए।

रिकॉर्ड उत्पादन करने वाले किसान, सरकार का साथ

कुछ किसानों ने 2600 क्विंटल प्रति हेक्टेयर गन्ना उगाया है। हर किसान में ऐसी होड़ होनी चाहिए। सरकार अच्छी क्वालिटी के लिए मदद करेगी और तकनीक से जोड़ेगी। डिस्टलरी और एथेनॉल प्लांट साल भर चलते हैं। जितना गन्ना उगाओ, उतनी मिलें लगेंगी, निवेश बढ़ेगा और लाखों रोजगार मिलेंगे।

किसानों का सम्मान जरूरी, यूपी नंबर वन

जिन किसानों ने यूपी को अनाज, एथेनॉल, चीनी और गन्ना उत्पादन में नंबर वन बनाया, उनका सम्मान पूरे प्रदेश में होना चाहिए। 2007-2017 में 1 लाख 37 हजार करोड़ गन्ना भुगतान हुआ था, लेकिन 2017 से अब तक हमने 2 लाख 92 हजार करोड़ से ज्यादा दिए। जिनका भुगतान बाकी है, उनके अकाउंट में पैसे डाले जा रहे हैं।

ऑनलाइन पर्ची से माफियागिरी खत्म

टेक्नोलॉजी से गन्ना किसानों को ऑनलाइन पर्ची मिलती है, इससे वजन में गड़बड़ी और माफिया राज खत्म हो गया। इसी तरह खेती और दूसरे कामों में तकनीक का इस्तेमाल बढ़ाना चाहिए। चीनी मिलों से ही 10 लाख लोगों को रोजगार मिल रहा है। सरकार ने खांडसारी में रियायत दी, लाइसेंस फ्री किए। इससे और मिलें, प्लांट लगेंगे और जहां जरूरत वहां गुड़ उद्योग फलेगा।

किसानों को अच्छा दाम मिलना लक्ष्य

सरकार का लक्ष्य है कि हर हाल में किसानों को फसल का अच्छा दाम मिले और उनके चेहरे पर खुशी आए। 2.5 करोड़ लोग गन्ना खेती से जुड़े हैं, ये उनकी आजीविका है। प्रगतिशील किसानों से अपील की कि गन्ने के साथ सहफसली भी करें। शोध केंद्रों की मदद से लागत कम करके मुनाफा बढ़ाएं। एक एकड़ में 500-600 की बजाय 2600 क्विंटल उगाने वाला ज्यादा कमाएगा। डबल इंजन सरकार आपके साथ है और आपके हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।

इस कार्यक्रम में गन्ना विकास मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी, यूपी किसान मोर्चा अध्यक्ष कामेश्वर सिंह समेत कई लोग मौजूद थे।

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