शनिदेव को कर्म का देवता कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि शनिदेव व्यक्ति के कर्मों के आधार पर ही फल देते हैं। अगर आप शनिदेव की कृपा पाना चाहते हैं या शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से परेशान हैं, तो शनिवार की पूजा में कुछ खास मंत्रों का जप करना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। ये मंत्र न केवल शनिदेव को प्रसन्न करते हैं, बल्कि आपके जीवन में सुख-शांति और समृद्धि भी लाते हैं। आइए जानते हैं, शनिवार की पूजा में किन मंत्रों का जप करना चाहिए और कैसे ये आपके लिए चमत्कार कर सकते हैं।
शनिदेव का महत्व और पूजा का समयहिंदू धर्म में शनिदेव को न्याय का देवता माना जाता है। वे कर्मों का हिसाब रखते हैं और उसी के आधार पर सजा या इनाम देते हैं। शनिवार का दिन शनिदेव की पूजा के लिए सबसे उत्तम माना जाता है। इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें, साफ कपड़े पहनें और शनिदेव की मूर्ति या तस्वीर के सामने दीप जलाएं। पूजा के दौरान सरसों का तेल, काले तिल, और नीले फूल चढ़ाना शुभ माना जाता है। लेकिन पूजा का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है मंत्र जप, जो शनिदेव को सीधे प्रसन्न करता है।
शनिदेव को प्रसन्न करने वाले मंत्रशनिदेव की कृपा पाने के लिए कुछ खास मंत्रों का जप करना चाहिए। इन मंत्रों का उच्चारण सही तरीके से और पूरी श्रद्धा के साथ करना जरूरी है। यहाँ कुछ शक्तिशाली मंत्र दिए गए हैं, जिन्हें आप शनिवार की पूजा में शामिल कर सकते हैं:
1. शनि बीज मंत्र: ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः इस मंत्र का जप 108 बार करने से शनिदेव की कृपा प्राप्त होती है। यह मंत्र शनि दोष को कम करने में भी मदद करता है।
2. शनि गायत्री मंत्र: ॐ सूर्यपुत्राय विद्महे मृत्युरूपाय धीमहि तन्नो शनिः प्रचोदयात् यह मंत्र शनिदेव के प्रति समर्पण और भक्ति को दर्शाता है। इसे 11 या 21 बार जपने से शनिदेव का आशीर्वाद मिलता है।
3. शनि वैदिक मंत्र: ॐ शं शनैश्चराय नमः यह सबसे सरल और प्रभावी मंत्र है। इसे जपने से शनिदेव की कृपा जल्दी प्राप्त होती है। इसे कम से कम 108 बार जपें।
मंत्र जप के नियम और सावधानियांमंत्र जप करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। सबसे पहले, शुद्ध मन और शांत वातावरण में जप करें। जप के लिए रुद्राक्ष या तुलसी की माला का उपयोग करें। मंत्रों का उच्चारण सही और स्पष्ट होना चाहिए। साथ ही, पूजा के बाद शनिदेव की आरती करें और गरीबों को दान दें। काले तिल, काला कपड़ा, या सरसों का तेल दान करना शुभ माना जाता है। मांस-मदिरा से दूर रहें और शनिवार को शुद्ध शाकाहारी भोजन करें।
शनिदेव की कृपा से बदलें जीवनशनिदेव की पूजा और मंत्र जप से न केवल शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या का प्रभाव कम होता है, बल्कि जीवन में स्थिरता और समृद्धि भी आती है। ये मंत्र आपके मन को शांति देते हैं और नकारात्मक ऊर्जा को दूर करते हैं। अगर आप नियमित रूप से इन मंत्रों का जप करते हैं, तो शनिदेव की कृपा से आपकी हर मुश्किल आसान हो सकती है।
तो, इस शनिवार से शुरू करें इन मंत्रों का जप और शनिदेव की कृपा से अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव लाएं। शनिदेव को समर्पित यह छोटा सा प्रयास आपके लिए बड़े चमत्कार ला सकता है।
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