पेरिस, 09 सितंबर (Udaipur Kiran) । फ्रांस में राजनीतिक अस्थिरता एक नए मोड़ पर पहुंच गई है। प्रधानमंत्री फ्रांस्वा बायरो ने संसद में विश्वास मत हारने के बाद अपना इस्तीफा राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को सौंप दिया है। इस घटनाक्रम से सरकार गिर गई है और देश में एक बार फिर सत्ता का संकट गहराया है।
राष्ट्रपति मैक्रों ने घोषणा की है कि वे आने वाले दिनों में नए प्रधानमंत्री का नाम तय करेंगे। नए नेता के सामने सबसे बड़ी चुनौती विभाजित संसद के बीच बजट पारित कराने की होगी। यह स्थिति फ्रांस के लिए गंभीर है क्योंकि एक ही वर्ष में तीसरी बार प्रधानमंत्री बदले जा रहे हैं।
बायरो के इस्तीफे के बाद देशभर में विरोध प्रदर्शन देखने को मिले। सोमवार रात लगभग 11,000 लोग विभिन्न नगर निगम भवनों के सामने जुटे और “बाय बाय बायरो” नामक प्रतीकात्मक विदाई समारोह आयोजित किया। कई प्रदर्शनकारियों ने इस मौके पर आगामी बुधवार को आयोजित होने वाले व्यापक विरोध अभियान की रणनीति भी तैयार की।
बुधवार को प्रस्तावित इस अभियान को “सब कुछ रोक दो” नाम दिया गया है। इसमें सड़क जाम और ईंधन डिपो की नाकेबंदी जैसी कार्रवाइयों की आशंका है। सरकार ने एहतियातन करीब 80,000 पुलिसकर्मियों को तैनात करने का आदेश दिया है।
लगातार बदलते प्रधानमंत्रियों और सड़कों पर बढ़ते असंतोष ने फ्रांस की राजनीतिक स्थिरता को गंभीर चुनौती दी है। अब सबकी नजरें राष्ट्रपति मैक्रों के अगले कदम पर टिकी हैं।
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(Udaipur Kiran) / आकाश कुमार राय
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