नई दिल्ली, 19 मई . उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार को प्रोटोकॉल के उल्लंघन पर खुलकर नाराजगी जताई है. उन्होंने कहा कि वह स्वयं भी इस लापरवाही के शिकार रहे हैं. उन्होंने मुख्य न्यायाधीश द्वारा हाल में प्रोटोकॉल को लेकर दिए गए बयान का समर्थन करते हुए कहा कि देश में प्रोटोकॉल का पालन आवश्यक है.
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने यह बयान ‘द कॉन्स्टिट्यूशन वी अडॉप्टेड (विद आर्टवर्क्स)’ पुस्तक के विमोचन कार्यक्रम में दिया. इस पुस्तक का संपादन विजय हंसारिया ने किया है. कार्यक्रम भारत मंडपम में आयोजित हुआ था, जिसमें न्यायपालिका, विधायिका और कानूनी क्षेत्र से जुड़े कई प्रमुख व्यक्ति उपस्थित रहे.
उपराष्ट्रपति ने कहा, “आज सुबह मुझे याद दिलाया गया कि प्रोटोकॉल केवल व्यक्ति नहीं बल्कि उस पद की गरिमा का सवाल है. हमें उसमें विश्वास रखना चाहिए. मुख्य न्यायाधीश ने यह बात देश के लिए कही थी और मैं उनका आभारी हूं कि उन्होंने इस दिशा में ध्यान खींचा.”
उन्होंने व्यथा जाहिर करते हुए कहा, “आपने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री की तस्वीरें देखी होंगी, लेकिन उपराष्ट्रपति की नहीं. मैं जब इस पद से हटूंगा, तो अपने उत्तराधिकारी के लिए यह सुनिश्चित करूंगा कि उनकी तस्वीर वहां हो.”
धनखड़ ने सिविल सेवकों की उदासीनता पर भी सवाल उठाए. उनका कहना था कि कई बार नियमों की अनदेखी जानबूझकर होती है, जो गलत परंपरा की शुरुआत करती है.
कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि यह केवल उनके सम्मान की बात नहीं है, बल्कि पद की गरिमा से जुड़ा मसला है. उन्होंने उम्मीद जताई कि भविष्य में ऐसे मामलों में सतर्कता बरती जाएगी.
उन्होंने अंत में दोहराया कि लोकतंत्र में हर पद का सम्मान जरूरी है. प्रोटोकॉल न केवल औपचारिकता है बल्कि यह संस्थागत संतुलन और मर्यादा का प्रतीक है.
—————
/ सुशील कुमार
You may also like
देवो के देव लिखेंगे 20 मई को इन 4 राशि वालों की बेहद सुनहरी किस्मत
गंधर्व कन्या का नृत्य देखकर इंद्र ने दिया था श्राप, इस वजह से रखा जाता है जया एकादशी का व्रत
Mission: Impossible के प्रशंसकों के लिए 7 बेहतरीन देसी फिल्में
चाय में माइक्रोप्लास्टिक का खतरा: जानें कैसे बचें
शहतूत के अद्भुत स्वास्थ्य लाभ: जानें इसके फायदे