– Chief Minister ने प्रदेशवासियों को महर्षि वाल्मीकि जयंती पर दी बधाई
भोपाल, 06 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . Madhya Pradesh के Chief Minister डॉ. मोहन यादव ने महर्षि वाल्मीकि जयंती पर श्रद्धालु नागरिकों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं. उन्होंने कहा कि महर्षि वाल्मीकि का जीवन दृढ़ इच्छाशक्ति और मानवता की क्रूरता पर विजय का प्रतीक है. वे अद्वितीय विद्वान ऋषि एवं सहृदय कवि थे, जिन्होंने Indian समाज में पूजनीय स्थान अर्जित किया.
Chief Minister डॉ. यादव ने Monday को एक बयान में कहा कि सभ्यता, धर्म एवं आध्यात्म का अद्वितीय समन्वय भारत के अतिरिक्त और कहीं नहीं मिलता. यही कारण है कि ‘विश्व गुरु’ की उपाधि से सम्मानित भारत, सनातन धर्म की महानता का दिव्य प्रतीक है. महर्षि वाल्मीकि महिमामयी Indian सनातन परंपरा के प्रणेता, प्रहरी, प्रचारक ऋषि Indian संस्कृति के गौरव हैं. महर्षि वाल्मीकि के जीवन में परिवर्तन की शुरुआत तब हुई, जब उनकी भेंट महान ऋषि नारद से हुई. नारद जी ने उन्हें ‘राम’ नाम का जप करने की प्रेरणा दी.
Chief Minister ने कहा कि रामायण की रचना महर्षि वाल्मीकि के महान कार्यों में से एक है. इसमें उन्होंने भगवान श्रीराम के जीवन से जुड़े आदर्शों को विस्तृत रूप में प्रस्तुत किया है. उनके रचित 23 हजार से अधिक श्लोकों से युक्त रामायण, Indian संस्कृति और आत्म संयम की शिक्षा प्रदान करता है. महर्षि वाल्मीकि ने न केवल रामायण की रचना की, बल्कि माता सीता को अपने आश्रम में शरण दी और उनके पुत्रों लव-कुश को ज्ञान प्रदान किया.
Chief Minister डॉ. यादव ने कहा कि महर्षि वाल्मीकि ने बोध कराया कि जीवन को समझने की सबसे सुंदर यात्रा है रामायण का श्रवण करना. महर्षि वाल्मीकि ने रामायण के माध्यम से यह दिखाया कि सच्चा धर्म सबको साथ लेकर चलता है क्योंकि इसमें करुणा, न्याय और समर्पण शामिल होता है. उन्होंने भगवान श्रीराम के जीवन के माध्यम से मानव समाज को मर्यादा, परिवार, समाज और कर्तव्य के महत्व का बोध कराया. महर्षि वाल्मीकि ने यह संदेश दिया कि यदि मनुष्य सच्चे मन से प्रयत्न करे, तो अंधकार से भी प्रकाश की राह बनाई जा सकती है. यही कारण है कि उन्हें आदिकवि कहा गया.
Chief Minister डॉ. यादव ने कहा कि महर्षि वाल्मीकि का दर्शन बहुत सरल है- किसी के साथ अन्याय मत करो, और यदि किसी के जीवन में प्रकाश लाने का अवसर मिले तो पीछे मत हटो. यही भाव एक बेहतर समाज की नींव है. उन्होंने समाज के हर वर्ग को यह सिखाया कि सम्मान किसी जाति या स्थिति से नहीं, बल्कि कर्म और आचरण से मिलता है. यह शिक्षा आज भी उतनी ही प्रासंगिक है. उन्होंने यह सिखाया कि हर व्यक्ति के भीतर अच्छाई का दीप जल सकता है. यही कारण है कि उनका जीवन हर युग में मार्गदर्शक बना रहेगा. वाल्मीकि जी के आदर्शों से प्रेरित होकर हमें भी यह संकल्प लेना चाहिए कि हम समाज में किसी के साथ भेदभाव न होने दें. हर घर में शिक्षा, सम्मान और आत्मविश्वास का दीप जले.
Chief Minister डॉ. यादव ने कहा कि महर्षि वाल्मीकि हमारे लिए केवल एक ऐतिहासिक या धार्मिक व्यक्तित्व ही नहीं, वे उस चेतना के प्रतीक हैं जो हर मनुष्य के भीतर मौजूद है. जब तक हम उनके आदर्शों को जीवन में उतारते रहेंगे, समाज आगे बढ़ता रहेगा और मानवता की यह ज्योति जलती रहेगी.
(Udaipur Kiran) तोमर
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