शिमला, 03 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . Himachal Pradesh को शिक्षा के क्षेत्र में केंद्र सरकार की ओर से बड़ी सौगात मिली है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने देश भर में 57 नए केंद्रीय विद्यालय खोलने की मंजूरी दी है, जिनमें से दो विद्यालय हिमाचल को मिले हैं. ये विद्यालय शिमला संसदीय क्षेत्र की कोटखाई और पांवटा साहिब विधानसभा क्षेत्रों में स्थापित किए जाएंगे. इस ऐतिहासिक सौगात के लिए भाजपा सांसद एवं पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं केंद्रीय मंत्री जगत प्रकाश नड्डा तथा केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का आभार व्यक्त किया है. उन्होंने कहा कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर सहित समूचा संगठन इसके लिए केंद्र सरकार का धन्यवाद करता है.
उन्होंने कहा कि इन 57 नए केंद्रीय विद्यालयों की स्थापना के लिए लगभग 5862 करोड़ रुपये खर्च होंगे, जिसमें 2585 करोड़ रुपये पूंजीगत व्यय और 3277 करोड़ रुपये परिचालन व्यय के रूप में शामिल हैं. यह खर्च 2026-27 से अगले नौ वर्षों तक कवर करेगा. उल्लेखनीय है कि पहली बार इन विद्यालयों को बाल वाटिका यानी प्री-प्राइमरी कक्षाओं के तीन वर्ष भी शामिल किए गए हैं.
इसके साथ ही सुरेश कश्यप ने कहा कि केंद्र सरकार के हालिया जीएसटी सुधारों का सीधा लाभ Himachal Pradesh को मिलेगा. उन्होंने बताया कि पारंपरिक शिल्प, कृषि उपज और उद्योगों से जुड़ा हिमाचल इन सुधारों से नई प्रतिस्पर्धात्मकता और अवसर पाएगा. खासतौर पर राज्य के हथकरघा कारीगरों, बुनकरों और किसानों को इसका लाभ मिलेगा. शॉल और ऊनी उत्पादों पर जीएसटी 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है, जिससे उपभोक्ताओं को राहत और कारीगरों को अधिक आय होगी.
उन्होंने कहा कि कुल्लू घाटी के करीब 3,000 बुनकर, जो जीआई टैग वाले प्रसिद्ध कुल्लू शॉल बनाते हैं तथा राज्य भर के 10 से 12 हजार हथकरघा कारीगर सीधे तौर पर लाभान्वित होंगे. किन्नौर जिले के जटिल डिजाइन वाले शॉल और लाहौल-स्पीति, मंडी तथा शिमला क्षेत्रों के पश्मीना उत्पाद भी अब सस्ते दामों पर बाजार में उपलब्ध होंगे. इसी तरह किन्नौरी टोपियों, दस्तानों और अन्य ऊनी उत्पादों की लागत कम होगी, जिससे इन कारीगरों की आजीविका सुरक्षित रहेगी और पीढ़ियों से चली आ रही परंपरा संरक्षित होगी.
सुरेश कश्यप ने कहा कि केंद्र सरकार की ये नीतियां Himachal Pradesh के लिए विकास, शिक्षा और आजीविका के नए अवसर लेकर आई हैं. इससे जहां प्रदेश के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलेगी, वहीं कारीगरों और किसानों की आजीविका भी और मजबूत होगी.
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा
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