बलरामपुर, 12 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . Chhattisgarh के बलरामपुर-रामानुजगंज जिला मुख्यालय से करीब 14 किलोमीटर दूर प्रकृति की गोद में बसा अवराझरिया आज भी प्रकृति की अनकही कहानी सुनाता है. चारों ओर घने जंगल, हरे-भरे पहाड़, कल-कल करती झरनों की ध्वनि और निर्मल वातावरण मानो धरती का यह कोना प्रकृति ने खुद अपनी कलाकारी से संवारा हो. यहां की सुंदरता न केवल पर्यटकों को आकर्षित करती है, बल्कि यह स्थल आस्था और अध्यात्म का भी केंद्र बन चुका है.
प्राकृतिक छटा का अनुपम दृश्य
अवराझरिया अपने झरनों और हरियाली के लिए प्रसिद्ध है. वर्षा ऋतु में जब बादल पहाड़ों को चूमते हैं और झरनों से पानी झर-झर गिरता है, तब यह जगह किसी स्वर्ग से कम नहीं लगती. स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां का पानी औषधीय गुणों से भरपूर है, जो त्वचा और स्वास्थ्य दोनों के लिए लाभकारी माना जाता है.
आस्था और परंपरा से जुड़ा स्थल
प्राकृतिक सौंदर्य के साथ-साथ अवराझरिया धार्मिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण माना जाता है. स्थानीय ग्रामीण हर वर्ष यहां पूजा-अर्चना करते हैं और प्रकृति के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करते हैं. कई श्रद्धालु इसे “देवभूमि की छाया” कहते हैं.
पर्यटन की संभावनाएं प्रबल
यह स्थान पर्यटन की दृष्टि से अपार संभावनाएं समेटे हुए है. यदि प्रशासन द्वारा यहां बुनियादी सुविधाओं का विस्तार किया जाए. जैसे सड़क, शौचालय, विश्रामगृह और सूचना बोर्ड तो यह क्षेत्र न केवल स्थानीय बल्कि राज्य स्तरीय पर्यटन मानचित्र पर भी अपनी पहचान बना सकता है.
स्थानीय निवासी रामकुमार सिंह बताते हैं कि, अवराझरिया हमारे गांव की पहचान है. अगर इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाए, तो यहां के युवाओं को रोजगार के नए अवसर मिल सकते हैं.
इस संबंध में जिला पर्यटन अधिकारी आर. के. तिवारी ने बताया. अवराझरिया क्षेत्र प्राकृतिक रूप से बेहद सुंदर है. विभाग की प्राथमिकता है कि ऐसे स्थलों को पर्यटन परिपथ से जोड़ा जाए. हम यहां बुनियादी सुविधाओं के विकास के लिए प्रस्ताव तैयार कर रहे हैं ताकि आने वाले समय में यह क्षेत्र पर्यटकों के लिए एक आकर्षक गंतव्य बन सके.
संरक्षण और विकास की जरूरत
अवराझरिया केवल एक खूबसूरत जगह नहीं, बल्कि बलरामपुर जिले की प्राकृतिक धरोहर है. प्रशासन और समाज दोनों को मिलकर इसकी सुंदरता और पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने की दिशा में प्रयास करना होगा. सही योजना और संरक्षण के साथ, अवराझरिया आने वाले समय में Chhattisgarh के प्रमुख पर्यटन स्थलों में शुमार हो सकता है.
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(Udaipur Kiran) / विष्णु पांडेय
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