रामगढ़, 21 अप्रैल . केंद्र सरकार द्वारा लाए गए वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 का पूरे देश में मुस्लिम समुदाय के लोगों के द्वारा विरोध किया जा रहा है. देशव्यापी आंदोलन के तहत सोमवार को रामगढ़ जिले में भी एदार-ए-शरिया के द्वारा विरोध प्रदर्शन किया गया. इस दौरान राज्यपाल क प्रेषित ज्ञापन डीसी चंदन कुमार को सौंपा गया. इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से वक्फ एक्ट 1995 में मुस्लिम समुदाय के लोगों से मशवरा नहीं किया गया.
वक्फ संशोधित बिल में जेपीसी को मुस्लिम सामाजिक और धार्मिक संगठनों की ओर से दिए गए सुझाव को शामिल नहीं किया गया एवं जल्दबाजी में निर्णय ले लिया गया.
वक्ताओं ने कहा कि संशोधित अधिनियम 1995 और देश में स्थापित वक्फ संपत्तियों के बारे में गलत जानकारी देकर जल्दबाजी में बहुमत के बल पर दोनों सदनों से वक्त संशोधित बिल 2024 को पारित कराकर वक्फ संशोधित अधिनियम बनाया गया. यह बिल भारतीय मुसलमान के धार्मिक स्वायत्तता और संविधान से प्राप्त मौलिक अधिकारों का हनन करता है.
विरोध प्रदर्शन के दौरान वक्ताओं ने कहा कि झारखंड में जो वक्फ की संपत्ति है, उसपर अधिकांश मस्जिद, मदरसे, ईदगाह, कब्रिस्तान, मजार, खानकाह, मकबरा, मुसाफिरखाना के अलावा दुकान, मकान, संस्थान, खेत-खलिहान है. यह संपत्ति पूर्वजों ने अपनी निजी जमीन और संपत्ति को इस्लामी परंपरा के अनुसार दान कर स्थापित किया गया है.
ज्ञापन देने वालों में रियाज अंसारी, शहजादा अनवर, मुकीम आलम, मुफ्ती अब्दुल कुद्दूस, मिस्बाही कारी, मोहम्मद जाफर सहित अन्य शामिल थे.
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/ अमितेश प्रकाश
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