कोलकाता, 7 नवंबर (Udaipur Kiran) . राष्ट्रीय चेतना को जगाने का एक उद्घोष है वन्देमातरम्. यह नये भारत के सृजन का मंत्र है. कवि बंकिमचन्द्र ने राष्ट्रीय महत्व का एक बड़ा काम किया है जिसने देश की सुसुप्त अस्मिता में जागरण शंख फूंका है. हजारों लोग वंदेमातरम् का गान करते स्वतंत्रता की बलिवेदी पर शहीद हो गये.
उपरोक्त बातें वरिष्ठ साहित्यकार एवं कुमारसभा पुस्तकालय के मंत्री बंशीधर शर्मा ने शुक्रवार को कुमार सभा द्वारा आयोजित वन्देमातरम् साद्र्धशती’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही. कुमारसभा की ओर से पुस्तकालय कक्ष में आयोजित समारोह की अध्यक्षता कर रहे बंशीधर शर्मा ने कहा कि वंदे मातरम गीत के 150 सालों का गौरवपूर्ण इतिहास हमें नई दिशा प्रदान करेगा.
कार्यक्रम में महावीर बजाज, रमाकांत सिन्हा, तेज बहादुर सिंह, आलोक चौधरी, भागीरथ सारस्वत, सत्यप्रकाश राय, मनीष जैन, गायत्री बजाज और अरुण सिंह जैसे वक्ताओं ने वंदेमातरम् के बारे में अपने विचार रखें एवं काव्य पाठ किया. कार्यक्रम के अंत में वंदेमातरम् गीत का सस्वर पाठ कर भारत माता की वन्दना की गई.———————-
(Udaipur Kiran) / संतोष मधुप
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