पानीपत, 8 मई . संस्कृत हम सब की मातृभाषा है. आधुनिक समय में विद्यार्थियों में संस्कृत के प्रति रुझान बढ़ाने के लिए आर्य गर्ल्स पब्लिक स्कूल में गुरुवार को अंतरसदन श्लोक गायन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया . आज के इस रोचक कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों की आत्म अभिव्यक्ति को सबके सम्मुख लाना था.
इस प्रतियोगिता में चार सदनों के प्रतिभागियों ने विभिन्न विषयों पर श्लोक गायन करके सभी का मन मोह लिया. गीता के द्वारा दिए गए कर्म संदेश पर आधारित विभिन्न शलोको को तथा परोपकार ,नीति एवं प्रतिदिन के यज्ञ हवन पर आधारित श्लोकों के द्वारा प्रतिभागिओं ने अपनी प्रस्तुति से सभी को रोमांचित कर दिया.उप प्रधानाचार्या श्रीमती अनुभा गुप्ताने आदित्य स्त्रोत सुना कर सभी को मंत्र मुग्ध कर दिया. उन्होंने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि संस्कृत के बिना समाज का उत्थान पूर्णतया नहीं हो सकतासंस्कृत और संस्कार एक दूसरे के पूरक हैं .
आज के विषम परिस्थितियों में दोनों का ही होना अत्यंत अनिवार्य है . इसलिए सभी बच्चों को अधिक से अधिक संस्कृत का ज्ञान प्राप्त करना चाहिए .संस्कृत एक भाषा नहीं, बल्कि भाषाओं की जननी. संस्कृत का शब्दकोश बहुत ही विस्तृत है. इसमें 102 अरब 78 करोड़ शब्द हैं. इसे देव वाणी की संज्ञा दी जाती है. इस प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर विवेकानंद सदन द्वितीय स्थान पर नेहरु सदन तथा तृतीय स्थान पर दयानंद सदन रहा. इस प्रतियोगिता के सफल आयोजन में संस्कृत विभाग अध्यक्षा श्रीमती नीलम मिगलानी एवं अध्यापिका श्रीमती शालिनी का विशेष योगदान रहा.इस अवसर पर विद्यालय की सभी अध्यापिकाएं सभागार में उपस्थित रही.
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/ अनिल वर्मा
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