—सप्तमी के दिन शाम ढ़लते ही पूजा पंडालों में दर्शन पूजन के लिए उमड़े श्रद्धालु
वाराणसी,29 सितंबर (Udaipur Kiran News) . Uttar Pradesh की धार्मिक नगरी वाराणसी (काशी ) में शारदीय नवरात्र की सप्तमी तिथि Monday की शाम से तीन दिवसीय दुर्गापूजा उत्सव की शुरूआत हो गई. इसके पहले नवरात्र की षष्ठी तिथि पर देर शाम जिले के सभी पूजा पंडालों में मां दुर्गा सहित अन्य देवताओं की मूर्तियों को धूमधाम से लाया गया.
पूजा पंडालों में सुबह हवन पूजन, विविध धार्मिक अनुष्ठान के बाद दुर्गा प्रतिमाओं में प्राण प्रतिष्ठा की गई. सप्तमी तिथि पर बंगीय पूजा पंडालों में घट स्थापन और बोधन, आमंत्रण व अधिवास,नवपत्रिका प्रवेश के विधान पूरे किए गए. फिर शाम को पूजा पंडालों का पट आम श्रद्धालुओं के लिए खुल गया. पंडालों में ढाक के डंके की गूंज के बीच लोग सपरिवार मां दुर्गा का दर्शन पूजन करने पहुंचने लगे. पूजा पंडालों की भव्यता और आसपास बिजली की रंग बिरंगी रंगीन झालरों से सजावट के चलते सड़कों पर इंद्रधनुषी रंग बिखर गए. झालरों से जगमग सड़क और गलियों में लोग सेल्फी भी लेते दिखे. सभी पंडाल के पास सड़क पर दूर तक बिजली की सजावट के साथ तोरणद्वार बनाए गए हैं. सुरक्षा व्यवस्था की दृष्टि से पंडालों के पास पुलिस कर्मियों की तैनाती गई है. बंगीय पूजा पंडालों में चंडी पाठ के स्वर फिजाओं में गूंज रहे है. लहुराबीर स्थित हथुआ मार्केट,सनातन धर्म इंटर कालेज,जगतगंज विजेता स्पोर्टिग क्लब,मछोदरी,सोनारपुरा,पांडेय हवेली, भेलूपुर, सोनारपुरा और शिवाला,जंगमबाड़ी,शिवपुर स्थित मिनी स्टेडियम,पांडेयपुर,अर्दली बाजार स्थित पंडालों में लोगों का सैलाब उमड़ पड़ा.
दुर्गापूजा में इस बार अर्दली बाजार स्थित न्यू डिलाइट क्लब का पंडाल नेपाल के प्रसिद्ध पशुपतिनाथ मंदिर की अनुकृति है. पंडाल का यह स्वरूप पहले दिन ही श्रद्धालुओं में आकर्षण बना रहा. क्लब के संरक्षक मनोज रावत ‘अच्छु’ ने बताया कि यहां के पूजा पंडाल ने बनारस में अपनी अलग पहचान बनाई है. माता वैष्णो देवी की गुफा सहित कई अनूठे स्वरूपों के बाद इस बार क्लब ने नेपाल के पशुपतिनाथ मंदिर का थीम पर पंडाल का निर्माण कराया. नेपाल में शांति और सौहार्द बना रहे, इसी भावना से हमने यह थीम लिया है. पंडाल की सजावट और निर्माण पूर्वांचल के प्रसिद्ध डेकोरेटर्स ने किया है. यहां पंडाल की ऊंचाई लगभग 45 फीट है और अंदर स्थापित दुर्गा प्रतिमा की ऊंचाई 16 फीट की है. श्रद्धालुओं को पंडाल में प्रवेश करने पर माता दुर्गा के साथ ही पशुपतिनाथ महादेव के स्वरूप का दर्शन मिल रहा है. श्रद्धालुओं के सुरक्षा और व्यवस्था को लेकर भी पूरा ध्यान रखा गया है. पंडाल में दर्जनों कैमरे लगाए गए हैं और स्वयंसेवक तथा सुरक्षा गार्ड मुस्तैद है. इसके अलावा एक कंट्रोल रूम भी बनाया गया है, जहां से सीसीटीवी के जरिए पूरे पंडाल और उसके आसपास की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है. उधर, सिगरा स्थित भारत सेवाश्रम संघ, बंगाली टोला, रामकृष्ण मिशन आदि स्थानों पर बने दुर्गा पूजा पंडालों में बंगाल की झलक दिख रही है. ढाक की थाप, धुनुची नृत्य से पंडालों में अलग ही माहौल है. भारत सेवाश्रम संघ में दुर्गा मां की प्रतिमा स्थापना के पूर्व विशाल शोभायात्रा निकाली गई. संघ से जुड़े संत, सन्यासी, पुजारी, भक्त, बटुक आदि रथों, हाथियों, घोड़ों पर सवार होकर इसमें शामिल हुए.
—ड्रोन सीसीटीवी कैमरा के माध्यम से सभी पंडालो की की जा रही निगरानी
तीन दिवसीय दुर्गा पूजा उत्सव में पहले ही दिन लाखों की भीड़ सड़क पर देख पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल खुद अफसरों के साथ पूजा पंडालों में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर संजीदा दिखे. अपर पुलिस आयुक्त शिवहरि मीणा, डीसीपी काशी जोन गौरव बंसवाल, एडीसीपी सरवणन टी एवं एसीपी के साथ सड़कों पर फुट पेट्रोलिंग कर कमिश्नर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेते रहे. मेला में डॉग स्क्वायड टीम एवं एंटी रोमियो टीम भी सतर्क दिखी. ड्रोन सीसीटीवी कैमरा के माध्यम से नगर के सभी पंडालो की निगरानी हो रही है. ड्रोन से प्राप्त जानकारी को नियंत्रण कक्ष में रीयल टाइम मॉनिटरिंग की जा रही है.
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(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी
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