उत्तर भारत की पर्वतीय श्रृंखलाओं में कई ऐसे धार्मिक स्थल हैं जो न केवल आस्था का केंद्र हैं, बल्कि प्रकृति की गोद में बसे होने के कारण भक्तों को अध्यात्मिक शांति के साथ-साथ प्राकृतिक सौंदर्य का भी अद्भुत अनुभव कराते हैं। ऐसा ही एक मंदिर है माता रानी का, जो लगभग 1000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है और हर साल हजारों श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करता है।
माता रानी का यह मंदिर क्यों है खास?यह मंदिर अपनी ऊंचाई, पौराणिक महत्व और मनोहारी दृश्यावली के लिए जाना जाता है। चारों ओर पहाड़ों से घिरे इस मंदिर तक पहुंचने के लिए भक्तों को या तो घुमावदार सीढ़ियों से होकर चढ़ना पड़ता है या फिर अब कुछ स्थानों पर रोपवे की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है, जिससे बुजुर्ग और बच्चे भी आसानी से दर्शन कर सकें।
माना जाता है कि यह मंदिर सदियों पुराना है और इसका संबंध देवी दुर्गा के एक अवतार से जोड़ा जाता है। मंदिर की दीवारों पर की गई प्राचीन नक्काशी और शिलालेख आज भी श्रद्धालुओं और इतिहासकारों के लिए शोध का विषय बने हुए हैं।
वीडियो देख बनाएं दर्शन का प्लानहाल ही में सोशल मीडिया पर इस मंदिर से जुड़ा एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें मंदिर तक पहुंचने का रास्ता, आसपास का प्राकृतिक सौंदर्य, और भक्तों की आस्था को दर्शाया गया है। इस वीडियो को देखकर न केवल धार्मिक भावनाएं जागृत होती हैं, बल्कि इस स्थान की खूबसूरती भी मन मोह लेती है। कई दर्शकों ने कमेंट में लिखा कि वीडियो देखने के बाद अब वे जल्द ही मंदिर दर्शन की योजना बना रहे हैं।
ट्रैकिंग और भक्ति का संगममाता रानी के इस मंदिर तक पहुंचना किसी ट्रैकिंग एडवेंचर से कम नहीं है। पहाड़ी रास्तों पर चढ़ते हुए भक्त “जय माता दी” के जयकारों से वातावरण को गुंजायमान करते हैं। रास्ते में कई छोटे-छोटे विश्राम स्थल हैं, जहां श्रद्धालु कुछ पल ठहर कर आराम करते हैं और फिर आगे बढ़ते हैं। इस चढ़ाई में भक्ति और साहस दोनों का अद्भुत संगम देखने को मिलता है।
दर्शन के साथ मिलता है प्रकृति का सुखएक बार जब भक्त मंदिर के मुख्य द्वार तक पहुंचते हैं और वहां से नीचे की ओर नज़र डालते हैं, तो बादलों के बीच से झांकती धरती, हरे-भरे जंगल और पहाड़ी गांवों का दृश्य किसी स्वर्ग से कम नहीं लगता। मंदिर के ऊपरी हिस्से से सूर्योदय और सूर्यास्त का दृश्य बेहद मनोरम होता है।
कैसे पहुंचे मंदिर तक?इस मंदिर तक पहुंचने के लिए नजदीकी शहर या रेलवे स्टेशन से टैक्सी, बस या प्राइवेट वाहन का उपयोग किया जा सकता है। मंदिर प्रशासन द्वारा समय-समय पर विशेष पूजा-अर्चना और मेलों का आयोजन भी किया जाता है, जिनमें हजारों की संख्या में श्रद्धालु शामिल होते हैं।
निष्कर्ष:
अगर आप भी अध्यात्म, शांति और प्रकृति से जुड़ना चाहते हैं, तो माता रानी के इस 1000 फीट ऊंचे मंदिर के दर्शन अवश्य करें। वीडियो देख आप न केवल इस पवित्र स्थान की भव्यता को महसूस कर पाएंगे, बल्कि खुद वहां जाने की प्रेरणा भी मिलेगी। “जय माता दी” के जयकारों के साथ आपकी यात्रा यादगार बन जाएगी।
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