लाइव हिंदी खबर :- "प्रेम करने वालों की मदद भगवान स्वयं करते हैं। चाहे दुनिया कितनी भी विरोध करे, लेकिन ऊपरवाला हमेशा प्रेमियों का साथ देता है।" आपने अक्सर ऐसी बातें फिल्मों में सुनी होंगी, लेकिन आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताएंगे, जहां सच में भगवान प्रेमियों की रक्षा करते हैं। यह मंदिर शांघड गांव में स्थित शंगचुल महादेव का है, जहां घर से भागकर आए प्रेमी युगल शरण पाते हैं।
हर धर्म और जाति के प्रेमियों को मिलता है आश्रय
हिमाचल प्रदेश अपनी प्राकृतिक सुंदरता के साथ-साथ अपनी परंपराओं के लिए भी प्रसिद्ध है। कुल्लू जिले के शांघड गांव में स्थित शंगचुल महादेव मंदिर प्रेमियों को आश्रय प्रदान करता है। मान्यता है कि भगवान शिव यहां प्रेमियों की रक्षा करते हैं। यह मंदिर पांडव काल की ऐतिहासिक धरोहरों में से एक माना जाता है। यहां किसी भी धर्म या जाति के प्रेमी युगल आते हैं, और भगवान शिव उन्हें अपनी शरण में लेते हैं। महादेव मंदिर का क्षेत्रफल लगभग 100 बीघा है, और यहां आने वाला हर युगल शिव की शरण में आता है।
गांव में पुलिस का आना है निषिद्ध
इस अनोखे गांव और मंदिर के नियमों के अनुसार, यहां पुलिस का आना भी प्रतिबंधित है। इसके साथ ही, कोई भी व्यक्ति यहां शराब, सिगरेट या चमड़े का सामान लेकर नहीं आ सकता। गांव में किसी भी प्रकार के हथियार का उपयोग नहीं किया जाता, और लड़ाई-झगड़े या ऊंची आवाज में बात करने की मनाही है। यहां देवता का निर्णय ही अंतिम होता है। जब तक प्रेमी युगल के मामले का समाधान नहीं हो जाता, तब तक शंगचुल महादेव मंदिर के पंडित उन्हें भगवान शिव का मेहमान मानते हैं और उनकी सेवा करते हैं।
पांडवों की भी हुई थी रक्षा
इस मंदिर से जुड़ी पौराणिक कथा के अनुसार, महाभारत के समय पांडवों को जब आज्ञातवास मिला, तो वे इस गांव में आए थे और कुछ समय के लिए रुके थे। कौरवों ने पांडवों की हत्या करने के लिए यहां आने का प्रयास किया, लेकिन शंगचुल महादेव ने उन्हें रोक दिया और कहा कि यह मेरा क्षेत्र है, जो भी मेरी शरण में आता है, उसका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। महादेव के क्रोध से डरकर कौरव वापस लौट गए। तब से, जो भी प्रेमी युगल समाज से ठुकराए जाते हैं, वे महादेव की शरण में आते हैं, और भगवान शिव उनकी देखभाल करते हैं।
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