नौ दिनों की कठिन साधना,व्रत और भक्ति का सफर आज अपने अंतिम और सबसे महत्वपूर्ण पड़ाव पर आ पहुंचा है। आज महानवमी है,नवरात्रि का नौवां और आखिरी दिन। आज हम माँ दुर्गा के उस परम स्वरूप की पूजा करते हैं जो हमारी नौ दिनों की तपस्या को सम्पूर्ण करती हैं और हमें हर सिद्धि और सफलता का वरदान देती हैं - माँसिद्धिदात्री।‘सिद्धि’का अर्थ है अलौकिक शक्ति और‘दात्री’का अर्थ है देने वाली। यानी माँ सिद्धिदात्री वो देवी हैं जो अपने भक्तों को हर प्रकार की सिद्धियां प्रदान करती हैं। कहा जाता है कि आज के दिन माँ अपने भक्तों पर इतनी प्रसन्न होती हैं कि उन्हें लौकिक और पारलौकिक,हर प्रकार की इच्छाओं को पूरा करने का आशीर्वाद देती हैं।कैसा है माँ का दिव्य स्वरूप?माँ सिद्धिदात्री का स्वरूप बेहद सौम्य और दिव्य है। वे कमल के फूल पर विराजमान हैं,उनके चार हाथ हैं,जिनमें वे शंख,चक्र,गदा और कमल का फूल धारण करती हैं। मान्यता है कि भगवान शिव ने भी इन्हीं देवी की कृपा से ही सारी सिद्धियां प्राप्त की थीं,जिसके बाद उनका आधा शरीर देवी का हो गया और वे‘अर्धनारीश्वर’कहलाए।क्यों है महानवमी पर इनकी पूजा इतनी खास?माँ सिद्धिदात्री की पूजा के साथ ही नवरात्रि की नौ दिनों की पूजा सम्पन्न होती है। आज की पूजा हमारी अब तक की गई सारी पूजा का फल देने वाली मानी जाती है। जो भक्त पूरी श्रद्धा से आज के दिन माँ की उपासना करते हैं,उनके लिए संसार में कुछ भी अप्राप्य नहीं रह जाता।कैसे करें घर पर सरल पूजा?माँ सिद्धिदात्री को प्रसन्न करने के लिए आपको किसी आडंबर की जरूरत नहीं,बस सच्ची श्रद्धा चाहिए:सुबह स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें। माँ का प्रिय रंग बैंगनी (Purple)माना जाता है।पूजा स्थान पर माँ सिद्धिदात्री की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करें।माता को उनके पसंदीदा फूल, जैसे कमल या बैंगनी फूल अर्पित करें।भोग:माँ सिद्धिदात्री कोतिलका भोग बेहद प्रिय है। आप उन्हें तिल से बनी मिठाई,रेवड़ी या हलवा-पूरी-चने का भोग लगा सकते हैं। अनार का फल भी उन्हें अर्पित किया जाता है।मंत्र:पूजा करते समय इस सरल मंत्र का जाप करें -"सिद्ध गन्धर्व यक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि। सेव्यमाना सदा भूयात् सिद्धिदा सिद्धिदायिनी॥"या सिर्फ"ॐ देवी सिद्धिदात्र्यै नमः॥"भी कह सकते हैं।अंत में कपूर से माँ की आरती करें और अपनी नौ दिनों की पूजा में हुई किसी भी भूल के लिए क्षमा मांगते हुए उनसे आशीर्वाद लें।महानवमी का सबसे बड़ा पुण्य: कन्या पूजनआज महानवमी के दिन कन्या पूजन का विशेष महत्व होता है।2से9साल की कन्याओं को घर पर बुलाकर उन्हें माँ का स्वरूप मानकर भोजन कराएं और अंत में कुछ उपहार देकर उनका आशीर्वाद जरूर लें। माना जाता है कि इसके बिना नौ दिन की पूजा अधूरी रहती है।आज अपनी पूजा को पूरे मन और श्रद्धा से सम्पन्न करें,माँ सिद्धिदात्री आपकी हर मनोकामना को सिद्धि का वरदान देंगी।
You may also like
जनरल असीम मुनीर का मुंहलगा है ट्रॉफी चोर मोहसिन, बेगम ने भी दुबई में जमकर बनाया है माल
स्विस घड़ियां, चॉकलेट होंगी सस्ती, और क्या होगा फायदा?
मार्केट गई थी बहू, 2 साल बाद कुएं में मिला कंकाल... रॉन्ग नंबर के बाद लव जिहाद का रूह कंपाने वाला कांड
कृति सेनन की हल्दी रस्म में लहूलूहान होकर पहुंचे धनुष, 'तेरे इश्क में' का टीजर कर देगा इमोशनल
Son of Sardar 2: थियेटर्स में कमाल नहीं दिखा सकी ये फिल्म, लेकिन OTT पर बनी टॉप ट्रेडिंग