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Rajasthan Politics : राजस्थान की सियासत में हलचल, संघ प्रमुख मोहन भागवत से मिलीं वसुंधरा राजे, बंद कमरे में हुई बात

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News India Live, Digital Desk: Rajasthan Politics : राजस्थान की राजनीति में एक बार फिर अटकलों का बाजार गर्म हो गया है. वजह है पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी की कद्दावर नेता वसुंधरा राजे की राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत से हुई मुलाकात. यह मुलाकात चित्तौड़गढ़ में हुई, जहां संघ प्रमुख भागवत अपने 4 दिवसीय दौरे पर हैं. दोनों नेताओं के बीच करीब 25 मिनट तक बंद कमरे में बातचीत हुई, जिसके बाद प्रदेश के सियासी गलियारों में तरह-तरह के कयास लगाए जाने लगे हैं.क्या यह सिर्फ एक शिष्टाचार भेंट थी?हालांकि इस मुलाकात को पूरी तरह से "शिष्टाचार भेंट" बताया जा रहा है, लेकिन राजनीति के जानकार इसके गहरे मायने निकाल रहे हैं. राजस्थान में अगले विधानसभा चुनाव में अब ज्यादा समय नहीं बचा है और बीजेपी में मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर अभी भी कोई स्पष्टता नहीं है. ऐसे में संघ प्रमुख और वसुंधरा राजे के बीच हुई इस बैठक को बेहद अहम माना जा रहा है.यह मुलाकात चित्तौड़गढ़ के एक निजी स्कूल के गेस्ट हाउस में हुई, जहां संघ प्रमुख रुके हुए हैं. वसुंधरा राजे खास तौर पर जयपुर से यहां उनसे मिलने पहुंची थीं. बंद कमरे में हुई इस बातचीत में क्या चर्चा हुई, इसका कोई आधिकारिक ब्योरा सामने नहीं आया है.क्यों महत्वपूर्ण है यह मुलाकात?राजस्थान की राजनीति में वसुंधरा राजे एक ऐसा चेहरा हैं, जिन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. पिछले कुछ समय से यह महसूस किया जा रहा था कि वह पार्टी की प्रदेश इकाई में थोड़ी अलग-थलग पड़ गई हैं. हालांकि, लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने पार्टी के लिए जमकर प्रचार किया था.अब संघ प्रमुख से उनकी सीधी मुलाकात को उनके राजनीतिक कद और महत्व को फिर से स्थापित करने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है. यह बैठक उन चर्चाओं को भी बल देती है कि आने वाले विधानसभा चुनाव में वसुंधरा राजे की क्या भूमिका होगी. क्या पार्टी एक बार फिर उनके अनुभव और चेहरे पर भरोसा जताएगी? या फिर किसी नए चेहरे को मौका दिया जाएगा? इन सभी सवालों के बीच इस मुलाकात ने नई सियासी चर्चाओं को जन्म दे दिया है.संघ प्रमुख अपने प्रवास के दौरान संघ के कई कार्यक्रमों में हिस्सा ले रहे हैं और संगठन के पदाधिकारियों के साथ बैठकें कर रहे हैं. लेकिन उनके व्यस्त कार्यक्रम के बीच वसुंधरा राजे के लिए अलग से समय निकालना इस बात का संकेत है कि संघ अभी भी राजस्थान में उन्हें एक महत्वपूर्ण नेता मानता है. इस मुलाकात का असर आने वाले दिनों में राजस्थान बीजेपी की राजनीति पर क्या पड़ता है, यह देखना दिलचस्प होगा.
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