मॉस्को, नई दिल्ली: रूसी राष्ट्रपति पुतिन आज तुर्कियेव (तुर्की) में हो रही रूस-यूक्रेन शांति वार्ता में भाग नहीं ले रहे हैं। उन्होंने अपने स्थान पर वरिष्ठ अधिकारियों को भेजा है।
उल्लेखनीय है कि इस वार्ता की सफलता सुनिश्चित करने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति पुतिन भी पहुंचे।
राष्ट्रपति पुतिन स्वयं इसमें शामिल नहीं हुए, लेकिन उन्होंने रूसी प्रतिनिधिमंडल में व्लादिमीर मेडिंस्की, उप विदेश मंत्री मिशाल गलुज़िन, उप रक्षा मंत्री अलेक्जेंडर फोमिन और रूसी सशस्त्र बलों के मुख्य निदेशालय के प्रमुख इगोर कोसुकोव को भेजा। इसके अलावा जनरल स्टाफ सूचना विभाग के प्रथम उप प्रमुख, मानवीय नीति के लिए राष्ट्रपति निदेशालय के उप प्रमुख एलेक्सी पोलिचुक और रक्षा मंत्रालय के अंतर्राष्ट्रीय सैन्य सहयोग निदेशालय के उप प्रमुख विक्टर शेवत्सोव भी मौजूद हैं। इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व व्लादिमीर मेडिंस्की कर रहे हैं।
रूस की सरकारी समाचार एजेंसी तास की रिपोर्ट के अनुसार क्रेमलिन के सहयोगी उत उशाकोल ने स्पष्ट रूप से कहा है कि वार्ता 15 तारीख अर्थात गुरुवार को शुरू होगी।
वास्तव में, यह राष्ट्रपति पुतिन ही थे जिन्होंने 11 मई को बिना शर्त वार्ता के लिए राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की को निमंत्रण भेजा था।
इन वार्ताओं में कुछ तकनीकी और राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा की जा रही है।
इस संबंध में यूक्रेनी राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने वार्ता से पहले ही रूस की मंशा पर संदेह व्यक्त किया था। हालांकि, यह कहा गया कि यूक्रेन स्थिति पर नजर रख रहा है और देख रहा है कि रूस किस प्रतिनिधिमंडल को भेजता है। लेकिन रूस से आ रहे संकेत विश्वसनीय नहीं हैं।
पर्यवेक्षकों का कहना है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की उपस्थिति उल्लेखनीय है। वे हर कीमत पर इस युद्ध को रोकना चाहते हैं ताकि अमेरिका मध्य पूर्व (अरब-इजरायल संघर्ष) और पूर्व में चीन-ताइवान तनाव पर ध्यान केंद्रित कर सके।
You may also like
क्या कहता है भारत सरकार का पहला मासिक रोजगार सर्वे का डेटा, जानें शहरों और गांवों में बेरोजगारी का हाल
16 मई से बन रहा गजब का महासंयोग इन 3 राशियों को मिलेगा बड़ा फायदा किस्मत देगी इनका साथ
शेयर बाज़ार में ऐतिहासिक तेज़ी: निफ्टी 25000 के शिखर पर, सेंसेक्स भी पहुँचा नई ऊँचाई पर
नीरव मोदी की उलटी गिनती शुरू, लंदन कोर्ट ने दिखाया भारत का रास्ता! जमानत याचिका खारिज
नज़रों से ओझल होतीं गगनचुंबी चोटियां, क्यों मुश्किल हो रहे हैं हिमालय के दीदार