नई दिल्ली: मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के एक छोटे से गांव गुवारा में एक 12 साल की बच्ची अपने घर के सामने एक मैदान के पास बैठकर घंटों लड़कों को क्रिकेट खेलते देखती थी। हालांकि, अब एक दशक बाद वही 22 साल की राइट आर्म मीडियम पेसर नवी मुंबई में आईसीसी महिला वनडे विश्व कप की ट्रॉफी उठाती है। हम बात कर रहे हैं क्रांति गौड़ की... जिन्होंने भारत को वर्ल्ड कप जिताने में अहम भूमिका निभाई। क्रांति गौड़ काफी संघर्षों के बाद यहां तक पहुंची हैं। उनकी राह बिल्कुल भी आसान नहीं थी। आइये उनकी क्रिकेटर बनने की कहानी के बारे में आपको विस्तार से बताते हैं।
काफी संघर्ष के बाद यहां तक पहुंची क्रांति गौड़
विश्व कप जीतने वाली टीम की भारत की कई खिलाड़ियों की तरह क्रांति की कहानी भी एक छोटे कस्बे से शुरू हुई। उन्होंने विरोध, चुनौतियों, संसाधनों की कमी और आर्थिक तंगी से जूझते हुए 2 नवंबर की रात को डी.वाय. पाटिल स्टेडियम में इस ऐतिहासिक पल तक का सफर तय किया। विश्व कप में पाकिस्तान के खिलाफ भारत के दूसरे मैच में, क्रांति ने 10 ओवर में सिर्फ 20 रन देकर तीन अहम विकेट लिए, जिससे विरोधी टीम 159 रनों पर ऑल आउट हो गई और उन्होंने 'प्लेयर ऑफ द मैच' का अवॉर्ड जीता।
बचपन से ही थीं क्रिकेट की दीवानी
क्रांति गौड़ की बड़ी बहन रोशनी गौड़ याद करती हैं कि क्रांति, जिन्होंने 8वीं कक्षा के बाद पढ़ाई छोड़ दी थी। वह पड़ोस की लड़कियों के साथ न के बराबर खेलती थीं और बचपन से ही क्रिकेट की दीवानी थीं। स्पोर्टस्टार के मुताबिक, 'रोशनी बताती हैं, जब हम लड़कियां बाहर खेलती थीं तो वह बस बैठकर मैदान में लड़कों को क्रिकेट खेलते देखती रहती थी, क्योंकि हमारे भाई भी खेलते थे इसलिए वह कभी-कभी उनके साथ भी खेल लेती थीं। '
रोशनी ने यह भी बताया कि क्रांति को पहला मौका कैसे मिला। लोकल टूर्नामेंट में लड़कों की टीम में एक खिलाड़ी की कमी थी तो क्रांति को मौका मिला था। रोशनी ने बताया, 'जब उन्हें खेलने का मौका मिला तो उन्होंने 25 रन बनाए और दो विकेट लिए और अपने पहले ही मैच में 'प्लेयर ऑफ द मैच' बन गईं।' साल 2017 तक क्रांति लड़कों की टीमों में रबर या टेनिस बॉल से लोकल टूर्नामेंट खेलती रहीं।
कैसे हुई भारतीय टीम में एंट्री?
क्रांति पहली बार चयनकर्ताओं की नजरों में तब आई जब उन्होंने महिला सीनियर वनडे ट्रॉफी 2024 के फाइनल में बंगाल के खिलाफ शानदार प्रदर्शन करते हुए 2.77 की इकॉनमी से गेंदबाजी करते हुए 4 विकेट लिए, जिसके लिए उन्हें 'प्लेयर ऑफ द मैच' चुना गया।
इसके तुरंत बाद उन्हें महिला प्रीमियर लीग 2025 के लिए यूपी वॉरियर्ज ने खरीद लिया। 2025 में डब्ल्यूपीएल में क्रांति ने 8 मैचों में 6 विकेट लिए। क्रांति गौड़ ने फिर इसी साल मई में श्रीलंका के खिलाफ डेब्यू किया। क्रांति ने अब तक भारत के लिए 15 वनडे और 1 टी20 मुकाबला खेला है। वनडे में क्रांति के नाम 23 विकेट हैं जबकि टी20 में उन्होंने खाता नहीं खोला है।
काफी संघर्ष के बाद यहां तक पहुंची क्रांति गौड़
विश्व कप जीतने वाली टीम की भारत की कई खिलाड़ियों की तरह क्रांति की कहानी भी एक छोटे कस्बे से शुरू हुई। उन्होंने विरोध, चुनौतियों, संसाधनों की कमी और आर्थिक तंगी से जूझते हुए 2 नवंबर की रात को डी.वाय. पाटिल स्टेडियम में इस ऐतिहासिक पल तक का सफर तय किया। विश्व कप में पाकिस्तान के खिलाफ भारत के दूसरे मैच में, क्रांति ने 10 ओवर में सिर्फ 20 रन देकर तीन अहम विकेट लिए, जिससे विरोधी टीम 159 रनों पर ऑल आउट हो गई और उन्होंने 'प्लेयर ऑफ द मैच' का अवॉर्ड जीता।
बचपन से ही थीं क्रिकेट की दीवानी
क्रांति गौड़ की बड़ी बहन रोशनी गौड़ याद करती हैं कि क्रांति, जिन्होंने 8वीं कक्षा के बाद पढ़ाई छोड़ दी थी। वह पड़ोस की लड़कियों के साथ न के बराबर खेलती थीं और बचपन से ही क्रिकेट की दीवानी थीं। स्पोर्टस्टार के मुताबिक, 'रोशनी बताती हैं, जब हम लड़कियां बाहर खेलती थीं तो वह बस बैठकर मैदान में लड़कों को क्रिकेट खेलते देखती रहती थी, क्योंकि हमारे भाई भी खेलते थे इसलिए वह कभी-कभी उनके साथ भी खेल लेती थीं। '
रोशनी ने यह भी बताया कि क्रांति को पहला मौका कैसे मिला। लोकल टूर्नामेंट में लड़कों की टीम में एक खिलाड़ी की कमी थी तो क्रांति को मौका मिला था। रोशनी ने बताया, 'जब उन्हें खेलने का मौका मिला तो उन्होंने 25 रन बनाए और दो विकेट लिए और अपने पहले ही मैच में 'प्लेयर ऑफ द मैच' बन गईं।' साल 2017 तक क्रांति लड़कों की टीमों में रबर या टेनिस बॉल से लोकल टूर्नामेंट खेलती रहीं।
कैसे हुई भारतीय टीम में एंट्री?
क्रांति पहली बार चयनकर्ताओं की नजरों में तब आई जब उन्होंने महिला सीनियर वनडे ट्रॉफी 2024 के फाइनल में बंगाल के खिलाफ शानदार प्रदर्शन करते हुए 2.77 की इकॉनमी से गेंदबाजी करते हुए 4 विकेट लिए, जिसके लिए उन्हें 'प्लेयर ऑफ द मैच' चुना गया।
इसके तुरंत बाद उन्हें महिला प्रीमियर लीग 2025 के लिए यूपी वॉरियर्ज ने खरीद लिया। 2025 में डब्ल्यूपीएल में क्रांति ने 8 मैचों में 6 विकेट लिए। क्रांति गौड़ ने फिर इसी साल मई में श्रीलंका के खिलाफ डेब्यू किया। क्रांति ने अब तक भारत के लिए 15 वनडे और 1 टी20 मुकाबला खेला है। वनडे में क्रांति के नाम 23 विकेट हैं जबकि टी20 में उन्होंने खाता नहीं खोला है।
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