जकार्ता: भारतीय हथियारों की डिमांड पूरी दुनिया में तेजी से बढ़ रही है। इसमें ब्रह्मोस मिसाइल की भूमिका सबसे ज्यादा है। यह ऐसी मिसाइल है, जिसे खरीदने वाले देशों की लाइन बहुत लंबी है। हालांकि, भारत पूरी तरह सोच विचार करने के बाद ही ब्रह्मोस मिसाइल को दुनिया को बेच रहा है। इस मिसाइल का पहला विदेशी खरीदार फिलीपींस बना है, जिसने चीन के खिलाफ इस हथियार को तैनात भी कर दिया है। अब ऐसी रिपोर्ट है कि इंडोनेशिया भी भारत से ब्रह्मोस मिसाइल खरीदने को तैयार है।
ब्रह्मोस सौदे पर हस्ताक्षर के करीब भारत-इंडोनेशिया
सूत्रों के अनुसार, भारत और इंडोनेशिया ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों के सौदे पर हस्ताक्षर करने के और करीब पहुंच रहे हैं। दोनों देशों में बातचीत की लगभग सभी प्रक्रियाएं पूरी हो चुकी हैं और अनुबंध पर हस्ताक्षर करने के लिए केवल रूसी पक्ष की स्वीकृति की आवश्यकता है। भारत और इंडोनेशिया लंबे समय से इस सौदे पर चर्चा कर रहे हैं। इस साल जनवरी में एक उच्च-स्तरीय यात्रा के दौरान इस मुद्दे पर विस्तार से चर्चा हुई थी, जब इंडोनेशिया के शीर्ष राजनीतिक और सैन्य नेतृत्व नई दिल्ली में थे।
मजबूत हो रहे भारत-इंडोनेशिया सैन्य संबंध
भारत फिलीपींस को मिसाइलें बेचने में सक्षम रहा है और इस अनूठी हथियार प्रणाली के लिए बाजार का विस्तार करना चाहता है, जिसने इस साल मई में हुए भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान भी युद्ध में अपनी क्षमता साबित की है। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान सहित वरिष्ठ भारतीय सैन्य नेताओं ने हाल ही में इंडोनेशिया का दौरा किया। सीडीएस की इंडोनेशिया यात्रा ने भारत और इंडोनेशिया के बीच बढ़ते रक्षा संबंधों को उजागर किया। जनवरी में राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांटो की भारत की राजकीय यात्रा ने भी भारतीय और इंडोनेशियाई सेना के बीच घनिष्ठ सहयोग का मार्ग प्रशस्त किया।
भारत ने फिलीपींस को बेचा है ब्रह्मोस
भारत ने कुछ वर्ष पहले फिलीपींस के साथ लगभग 3,500 करोड़ रुपये का एक समझौता किया था और मिसाइलें तथा आवश्यक प्रणालियां भी प्रदान की थीं। इस समझौते पर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कड़ी नजर रखी जा रही थी क्योंकि इसे क्षेत्र में अपने हितों की रक्षा के लिए फिलीपींस द्वारा हथियारबंद होने के एक कदम के रूप में देखा गया था।
ब्रह्मोस सौदे पर हस्ताक्षर के करीब भारत-इंडोनेशिया
सूत्रों के अनुसार, भारत और इंडोनेशिया ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों के सौदे पर हस्ताक्षर करने के और करीब पहुंच रहे हैं। दोनों देशों में बातचीत की लगभग सभी प्रक्रियाएं पूरी हो चुकी हैं और अनुबंध पर हस्ताक्षर करने के लिए केवल रूसी पक्ष की स्वीकृति की आवश्यकता है। भारत और इंडोनेशिया लंबे समय से इस सौदे पर चर्चा कर रहे हैं। इस साल जनवरी में एक उच्च-स्तरीय यात्रा के दौरान इस मुद्दे पर विस्तार से चर्चा हुई थी, जब इंडोनेशिया के शीर्ष राजनीतिक और सैन्य नेतृत्व नई दिल्ली में थे।
मजबूत हो रहे भारत-इंडोनेशिया सैन्य संबंध
भारत फिलीपींस को मिसाइलें बेचने में सक्षम रहा है और इस अनूठी हथियार प्रणाली के लिए बाजार का विस्तार करना चाहता है, जिसने इस साल मई में हुए भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान भी युद्ध में अपनी क्षमता साबित की है। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान सहित वरिष्ठ भारतीय सैन्य नेताओं ने हाल ही में इंडोनेशिया का दौरा किया। सीडीएस की इंडोनेशिया यात्रा ने भारत और इंडोनेशिया के बीच बढ़ते रक्षा संबंधों को उजागर किया। जनवरी में राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांटो की भारत की राजकीय यात्रा ने भी भारतीय और इंडोनेशियाई सेना के बीच घनिष्ठ सहयोग का मार्ग प्रशस्त किया।
भारत ने फिलीपींस को बेचा है ब्रह्मोस
भारत ने कुछ वर्ष पहले फिलीपींस के साथ लगभग 3,500 करोड़ रुपये का एक समझौता किया था और मिसाइलें तथा आवश्यक प्रणालियां भी प्रदान की थीं। इस समझौते पर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कड़ी नजर रखी जा रही थी क्योंकि इसे क्षेत्र में अपने हितों की रक्षा के लिए फिलीपींस द्वारा हथियारबंद होने के एक कदम के रूप में देखा गया था।
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