बीजिंग: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात के पहले दोनों देशों के बीच व्यापार समझौते पर सहमति बन गई है। इसका ऐलान चीन के शीर्ष व्यापार वार्ताकार ली चेंगगांग और अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने किया है। ली चेंगगांग ने रविवार को कुआलालंपुर में कहा कि चीन और अमेरिका के आर्थिक अधिकारियों ने अपने व्यापार युद्धविराम समझौते के विस्तार, फेंटेनाइल और निर्यात नियंत्रण सहित कई मुद्दों पर चर्चा के बाद प्रारंभिक सहमति पर पहुंच गए हैं।
चीन ने की सहमति बनने की पुष्टि
ली ने उप-प्रधानमंत्री हे लिफेंग के साथ मिलकर आसियान शिखर सम्मेलन से इतर अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट और अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि जेमीसन ग्रीर के साथ व्यापार युद्ध को कम करने के लिए बातचीत की है। ली ने सहमत मुद्दों और शर्तों के बारे में विस्तृत जानकारी नहीं दी। इस वार्ता का उद्देश्य डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा 1 नवंबर से चीनी वस्तुओं पर नए 100% टैरिफ लगाने की धमकी के बाद तनाव कम करना है, जो बीजिंग द्वारा दुर्लभ मृदा पदार्थों और प्रमुख विनिर्माण इनपुट पर निर्यात नियंत्रण बढ़ाने के जवाब में है।
अमेरिकी वित्त मंत्री ने क्या कहा
अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने स्पष्ट किया कि व्हाइट हाउस ट्रंप और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की दक्षिण कोरिया में मुलाकात के बाद तक नए टैरिफ लगाने में देरी कर सकता है ताकि उन्हें व्यापार विवाद से संबंधित मुद्दों को सुलझाने का समय मिल सके। चीन ने पहले "समान" व्यापार वार्ता के अपने आह्वान को दोहराया था, जिसमें चीनी विदेश मंत्री के प्रवक्ता गुओ जियाकुन ने ज़ोर देकर कहा था कि "टैरिफ युद्ध और व्यापार युद्ध किसी भी पक्ष के हित में नहीं हैं।"
भारत-अमेरिका व्यापार समझौता अटका
भारत-अमेरिका व्यापार समझौता अब भी अधर में लटका है। हालांकि, दोनों देश इस मुद्दे पर लगातार बैठकें कर रहे हैं। ट्रंप के दूसरी बार राष्ट्रपति बनने के बाद भारत उन चुनिंदा देशों में शामिल था, जिसके साथ अमेरिका ने सबसे पहले व्यापार वार्ता शुरू किया था। हालांकि, कई मुद्दों पर दोनों देशों के बीच सहमति नहीं बन सकी है। 24 अक्तूबर को केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि भारत और अमेरिका अपनी व्यापार वार्ता में लगातार प्रगति कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वाणिज्य सचिव ने हाल ही में अमरीकी दौरै में अमरीकी अधिकारियों से मुलाकात की ताकि बातचीत को एक निष्पक्ष एवं समतापूर्ण व्यापार समझौते की ओर बढ़ाया जा सके।
चीन ने की सहमति बनने की पुष्टि
ली ने उप-प्रधानमंत्री हे लिफेंग के साथ मिलकर आसियान शिखर सम्मेलन से इतर अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट और अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि जेमीसन ग्रीर के साथ व्यापार युद्ध को कम करने के लिए बातचीत की है। ली ने सहमत मुद्दों और शर्तों के बारे में विस्तृत जानकारी नहीं दी। इस वार्ता का उद्देश्य डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा 1 नवंबर से चीनी वस्तुओं पर नए 100% टैरिफ लगाने की धमकी के बाद तनाव कम करना है, जो बीजिंग द्वारा दुर्लभ मृदा पदार्थों और प्रमुख विनिर्माण इनपुट पर निर्यात नियंत्रण बढ़ाने के जवाब में है।
अमेरिकी वित्त मंत्री ने क्या कहा
अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने स्पष्ट किया कि व्हाइट हाउस ट्रंप और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की दक्षिण कोरिया में मुलाकात के बाद तक नए टैरिफ लगाने में देरी कर सकता है ताकि उन्हें व्यापार विवाद से संबंधित मुद्दों को सुलझाने का समय मिल सके। चीन ने पहले "समान" व्यापार वार्ता के अपने आह्वान को दोहराया था, जिसमें चीनी विदेश मंत्री के प्रवक्ता गुओ जियाकुन ने ज़ोर देकर कहा था कि "टैरिफ युद्ध और व्यापार युद्ध किसी भी पक्ष के हित में नहीं हैं।"
भारत-अमेरिका व्यापार समझौता अटका
भारत-अमेरिका व्यापार समझौता अब भी अधर में लटका है। हालांकि, दोनों देश इस मुद्दे पर लगातार बैठकें कर रहे हैं। ट्रंप के दूसरी बार राष्ट्रपति बनने के बाद भारत उन चुनिंदा देशों में शामिल था, जिसके साथ अमेरिका ने सबसे पहले व्यापार वार्ता शुरू किया था। हालांकि, कई मुद्दों पर दोनों देशों के बीच सहमति नहीं बन सकी है। 24 अक्तूबर को केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि भारत और अमेरिका अपनी व्यापार वार्ता में लगातार प्रगति कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वाणिज्य सचिव ने हाल ही में अमरीकी दौरै में अमरीकी अधिकारियों से मुलाकात की ताकि बातचीत को एक निष्पक्ष एवं समतापूर्ण व्यापार समझौते की ओर बढ़ाया जा सके।
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