पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की मतगणना से पहले ही पुलिस मुख्यालय ने साफ कर दिया है कि आचार संहिता तोड़ने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। पुलिस ने सभी जिलों को कड़े निर्देश भेजे हैं कि 11 नवंबर को दूसरे चरण का मतदान खत्म होते ही सोशल मीडिया पर भ्रामक पोस्ट करने वालों के खिलाफ तुरंत FIR दर्ज की जाए। अब तक चुनाव आचार संहिता उल्लंघन के 430 से अधिक मामले दर्ज हो चुके हैं, जिनमें फेसबुक, एक्स (Twitter), यूट्यूब और इंस्टाग्राम पर आपत्तिजनक कंटेंट सबसे ज्यादा है।
डीपफेक बनाने वालों पर होगी छापेमारी
राज्य की आर्थिक अपराध इकाई (EOU) के साइबर सेल ने 150 सोशल मीडिया हैंडल की एक सूची तैयार की है। ये प्रोफाइल चुनाव के दौरान लगातार फेक न्यूज, जातीय उकसावा और डीपफेक वीडियो शेयर कर रहे थे। EOU के डीआईजी मानवजीत सिंह ढिल्लन ने बताया कि AI डेस्क ने दो दर्जन से ज्यादा डीपफेक वीडियो पकड़े हैं और उनके लिंक प्लेटफॉर्म से हटवाए गए हैं।
अब इन पोस्ट को करने वालों के घर छापेमारी की जाएगी और गिरफ्तारी के बाद कोर्ट में 15 दिन के भीतर चार्जशीट दाखिल की जाएगी।
प्रमुख दलों के हैंडल को भी चेतावनी
पुलिस मुख्यालय के सोशल मीडिया मॉनिटरिंग सेल ने अब तक 184 आपत्तिजनक पोस्ट हटवाए हैं। इनमें राजद, भाजपा और कांग्रेस से जुड़े हैंडल भी शामिल हैं। ADG नैयर हसनैन खान ने बताया कि चुनाव आयोग के निर्देश पर सभी पार्टियों को चेतावनी दी गई थी कि AI से बनी सामग्री पर 'AI Generated' लेबल लगाना अनिवार्य है। इसका उल्लंघन करने वालों पर IT एक्ट, RPC (भारतीय दंड संहिता) और आचार संहिता की धाराएं लगाई जाएंगी। उन्होंने 'जीरो टॉलरेंस' की नीति दोहराई और कहा कि ट्रायल तेजी से चलेगा ताकि दोषी जल्द से जल्द सजा पाएं।
अवैध हथियारों पर भी 'स्पीडी ट्रायल'पुलिस मुख्यालय ने आर्म्स एक्ट के मामलों में भी स्पीडी ट्रायल (तेज सुनवाई) का प्लान बनाया है। चुनाव के दौरान राज्य भर से 850 अवैध हथियार और 4000 कारतूस बरामद किए गए थे। इन मामलों की फाइलें कोर्ट भेजी जा रही हैं।
पुलिस का स्पष्ट कहना है कि हिंसा भड़काने वालों को कोई राहत नहीं मिलेगी। सभी जिलों में विशेष टीमें गठित की गई हैं, और मतगणना के दिन अतिरिक्त पुलिस बल तैनात रहेगा। बिहार पुलिस की यह सख्ती चुनाव को निष्पक्ष बनाए रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। पुलिस ने आम लोगों से cVIGIL ऐप के माध्यम से शिकायत करने और अफवाह न फैलाने की अपील की है।
डीपफेक बनाने वालों पर होगी छापेमारी
राज्य की आर्थिक अपराध इकाई (EOU) के साइबर सेल ने 150 सोशल मीडिया हैंडल की एक सूची तैयार की है। ये प्रोफाइल चुनाव के दौरान लगातार फेक न्यूज, जातीय उकसावा और डीपफेक वीडियो शेयर कर रहे थे। EOU के डीआईजी मानवजीत सिंह ढिल्लन ने बताया कि AI डेस्क ने दो दर्जन से ज्यादा डीपफेक वीडियो पकड़े हैं और उनके लिंक प्लेटफॉर्म से हटवाए गए हैं।
अब इन पोस्ट को करने वालों के घर छापेमारी की जाएगी और गिरफ्तारी के बाद कोर्ट में 15 दिन के भीतर चार्जशीट दाखिल की जाएगी।
प्रमुख दलों के हैंडल को भी चेतावनी
पुलिस मुख्यालय के सोशल मीडिया मॉनिटरिंग सेल ने अब तक 184 आपत्तिजनक पोस्ट हटवाए हैं। इनमें राजद, भाजपा और कांग्रेस से जुड़े हैंडल भी शामिल हैं। ADG नैयर हसनैन खान ने बताया कि चुनाव आयोग के निर्देश पर सभी पार्टियों को चेतावनी दी गई थी कि AI से बनी सामग्री पर 'AI Generated' लेबल लगाना अनिवार्य है। इसका उल्लंघन करने वालों पर IT एक्ट, RPC (भारतीय दंड संहिता) और आचार संहिता की धाराएं लगाई जाएंगी। उन्होंने 'जीरो टॉलरेंस' की नीति दोहराई और कहा कि ट्रायल तेजी से चलेगा ताकि दोषी जल्द से जल्द सजा पाएं।
अवैध हथियारों पर भी 'स्पीडी ट्रायल'पुलिस मुख्यालय ने आर्म्स एक्ट के मामलों में भी स्पीडी ट्रायल (तेज सुनवाई) का प्लान बनाया है। चुनाव के दौरान राज्य भर से 850 अवैध हथियार और 4000 कारतूस बरामद किए गए थे। इन मामलों की फाइलें कोर्ट भेजी जा रही हैं।
पुलिस का स्पष्ट कहना है कि हिंसा भड़काने वालों को कोई राहत नहीं मिलेगी। सभी जिलों में विशेष टीमें गठित की गई हैं, और मतगणना के दिन अतिरिक्त पुलिस बल तैनात रहेगा। बिहार पुलिस की यह सख्ती चुनाव को निष्पक्ष बनाए रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। पुलिस ने आम लोगों से cVIGIL ऐप के माध्यम से शिकायत करने और अफवाह न फैलाने की अपील की है।
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