पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का पहले चरण का मतदान शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न होने के बाद रेलवे स्टेशनों की तस्वीर एक बार फिर बदल गई है। दूसरे और आखिरी चरण के मतदान के बाद रेलवे स्टेशनों पर भीड़ बढ़ने का अनुमान है। प्रवासी कामगार जो अपने लोकतांत्रिक अधिकार का प्रयोग करने और छठ महापर्व मनाने के लिए घर आए थे, अब वापस रोजी-रोटी कमाने के लिए परदेस (दूसरे राज्यों) लौटने लगे हैं। शुक्रवार से ही स्थानीय रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों का दबाव अचानक बढ़ गया है। रूट पर संचालित वैशाली, बिहार संपर्क क्रांति और पूर्वांचल जैसी नियमित ट्रेनों में क्षमता से अधिक भीड़ देखी जा रही है, खासकर जेनरल और स्लीपर बोगियों में यात्रियों को खड़े होकर यात्रा करनी पड़ रही है।
रेलवे की ओर से की गई तैयारीयात्रियों की इस अचानक बढ़ी हुई भीड़ का अनुमान रेलवे ने पहले ही लगा लिया था और इसके लिए विशेष व्यवस्था की गई है।
वापस काम पर लौटने की जद्दोजहदमतदान और त्योहार समाप्त होने के साथ ही बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर मुंबई, दिल्ली, सूरत, अहमदाबाद, बेंगलुरु और हैदराबाद जैसे शहरों में अपने कार्यस्थलों की ओर लौट रहे हैं।
ट्रेनों के परिचालन पर असरस्टेशनों पर अत्यधिक भीड़ के कारण ट्रेनों के परिचालन में भी कुछ बदलाव देखे गए हैं। भीड़ प्रबंधन के चलते कुछ ट्रेनें यात्रियों के चढ़ने के बाद अगले स्टेशन के लिए रवाना होने से पहले अपने नियत समय से कुछ देर तक प्लेटफार्म पर खड़ी रहीं। सबसे अधिक भीड़ दरभंगा से चलकर नई दिल्ली को जाने वाली बिहार संपर्क क्रांति एक्सप्रेस और वैशाली सुपरफास्ट ट्रेन में देखी गई।
रेलवे की ओर से की गई तैयारीयात्रियों की इस अचानक बढ़ी हुई भीड़ का अनुमान रेलवे ने पहले ही लगा लिया था और इसके लिए विशेष व्यवस्था की गई है।
- सतर्कता: रेल प्रबंधन ने 15 नवंबर तक विशेष सतर्कता बरतने का फैसला किया है।
- सुरक्षा: यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए हरियाणा, आंध्र प्रदेश, राजस्थान और ओडिशा सहित कई राज्यों के आरपीएफ जवानों को एक माह के लिए बिहार में तैनात किया गया है। ये जवान प्लेटफॉर्म पर सुरक्षा और रात के समय गश्त की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं।
- भीड़ प्रबंधन: ट्रेनों के प्लेटफार्म पर पहुंचने पर यात्रियों को लाइनों में लगाकर बोगियों में प्रवेश दिलाया जा रहा है और उतरने वाले यात्रियों को पहले प्राथमिकता दी जा रही है।
वापस काम पर लौटने की जद्दोजहदमतदान और त्योहार समाप्त होने के साथ ही बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर मुंबई, दिल्ली, सूरत, अहमदाबाद, बेंगलुरु और हैदराबाद जैसे शहरों में अपने कार्यस्थलों की ओर लौट रहे हैं।
- कठिनाई: यात्रियों को टिकट न मिलने और लंबी दूरी की ट्रेनों में पैर रखने की जगह न मिलने जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
- प्लेटफॉर्म पर रात: टिकट की कमी के कारण कई यात्री प्लेटफॉर्म पर रात बिताने को मजबूर हैं, जहां उन्हें ठंड और मच्छरों जैसी समस्याओं से जूझना पड़ रहा है।
- मजबूरी: कई यात्रियों ने बताया कि वे लोकतांत्रिक दायित्व निभाने के लिए रुके थे, लेकिन अब रोजी-रोटी के लिए परदेस जाना उनकी मजबूरी है।
ट्रेनों के परिचालन पर असरस्टेशनों पर अत्यधिक भीड़ के कारण ट्रेनों के परिचालन में भी कुछ बदलाव देखे गए हैं। भीड़ प्रबंधन के चलते कुछ ट्रेनें यात्रियों के चढ़ने के बाद अगले स्टेशन के लिए रवाना होने से पहले अपने नियत समय से कुछ देर तक प्लेटफार्म पर खड़ी रहीं। सबसे अधिक भीड़ दरभंगा से चलकर नई दिल्ली को जाने वाली बिहार संपर्क क्रांति एक्सप्रेस और वैशाली सुपरफास्ट ट्रेन में देखी गई।
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