नई दिल्ली: भारतीय नौसेना को गुरुवार को उथले पानी के पनडुब्बी रोधी 8 जहाजों ( Anti-Submarine Warfare Shallow Water Crafts-ASW SWCs) की श्रृंखला वाला पहला युद्धपोत आईएनएस'माहे'सौंप दिया गया है। इसे कोच्चि स्थित कोचीन शिपयार्ड (CSL) ने स्वदेशी तरीके से ही डिजाइन किया और फिर बनाकर तैयार किया है। सीएसएल के अनुसार 78 मीटर लंबा यह युद्धपोत डीजल इंजन-वॉटरजेट कॉम्बिनेशन से चलने वाला भारतीय नौसेना का सबसे बड़ा युद्धपोत है।
समंदर के अंदर दुश्मन की तबाही है 'माहे'आईएनएस 'माहे' की डिजाइन पानी के अंदर सर्विलांस, सर्च और रेस्क्यू ऑपरेशन चलाने के लिए ही की गई है। इसके साथ ही यह कम तीव्रता वाले समुद्री अभियानों को अंजाम देने में भी माहिर है। आईएनएस 'माहे' समुद्र के तटीय क्षेत्रों में पनडुब्बी रोधी युद्ध लड़ने में सक्षम है और यह समंदर के भीतर बारूदी सुरंग बिछाने की उन्नत क्षमता (advanced mine laying capabilities) से भी लैस है। इसके मिलने के साथ ही भारतीय नौसेना उथले पानी में दुश्मन के पनडुब्बियों के खिलाफ युद्ध लड़ने की क्षमता से लैस हो गई है। अब दुश्मन अगर समंदर के अंदर से भी भारतीय सुरक्षा में सेंध लगाने की कोशिश करेगा, तो उनकी तबाही लिख दी गई है।
नेवी, सीएसएल के वरिष्ठों की मौजूदगी में डील
आईएनएस माहे के लिए एक्सेप्टेंस फॉर्म पर वेस्टर्न नेवल कमांड के चीफ स्टाफ ऑफिसर रियर एडमिरल आर अधिश्रीनिवासन, वॉरशिप प्रोडक्शन सुप्रिटेंडेंट कोमोडोर अनूप मेनन और नेवी एवं सीएसएल के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में कमांडिंग ऑफिसर कमांडर (डेजिगनेट) अमित चंद्र चौबे और कोचीन शिपयार्ड डायरेक्टर एस हरिकृष्णन ने हस्ताक्षर किए।
आईएनएस मगदला का हो चुका है जलावतरण
इससे पहले शनिवार को कोच्चि में ही कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड के आठ एंटी-सबमरीन वारफेयर शैलो वॉटर क्राफ्ट्स (ASW SWC) की सीरीज का छठा जहाज, आईएनएस मगदला (INS Magdala) का जलावतरण किया गया था। यह जानकारी रक्षा मंत्रालय की ओर से दी गई। नौसेना की समुद्री परंपरा के मुताबिक इस जहाज को रेणु राजाराम ने जलावतरण किया। इस अवसर पर वाइस एडमिरल राजाराम स्वामीनाथन, कंट्रोलर ऑफ वॉरशिप प्रोडक्शन एंड एक्विजिशन और भारतीय नौसेना एवं सीएसएल के वरिष्ठ अफसर भी मौजूद थे।
अत्याधुनिक हथियारों से लैस हैं ये युद्धपोत
ये युद्धपोत अत्याधुनिक सेंसर और हथियारों से सुसज्जित हैं, जिनमें हल-माउंटेड सोनार,लो फ्रीक्वेंसी वेरिएबल डेप्थ सोनार , टॉरपीडो, पनडुब्बी रोधी रॉकेट, एनएसजी-30 गन और 12.7 मिमी स्टेबलाइज्ड रिमोट-कंट्रोल गन भी शामिल हैं। ये सारे हथियार और उपकरण युद्धपोत की समुद्री निगरानी और हमले की क्षमता को अप्रत्याशित रूप से बढ़ा देते हैं। (एजेंसी इनपुट के साथ)
समंदर के अंदर दुश्मन की तबाही है 'माहे'आईएनएस 'माहे' की डिजाइन पानी के अंदर सर्विलांस, सर्च और रेस्क्यू ऑपरेशन चलाने के लिए ही की गई है। इसके साथ ही यह कम तीव्रता वाले समुद्री अभियानों को अंजाम देने में भी माहिर है। आईएनएस 'माहे' समुद्र के तटीय क्षेत्रों में पनडुब्बी रोधी युद्ध लड़ने में सक्षम है और यह समंदर के भीतर बारूदी सुरंग बिछाने की उन्नत क्षमता (advanced mine laying capabilities) से भी लैस है। इसके मिलने के साथ ही भारतीय नौसेना उथले पानी में दुश्मन के पनडुब्बियों के खिलाफ युद्ध लड़ने की क्षमता से लैस हो गई है। अब दुश्मन अगर समंदर के अंदर से भी भारतीय सुरक्षा में सेंध लगाने की कोशिश करेगा, तो उनकी तबाही लिख दी गई है।
नेवी, सीएसएल के वरिष्ठों की मौजूदगी में डील
आईएनएस माहे के लिए एक्सेप्टेंस फॉर्म पर वेस्टर्न नेवल कमांड के चीफ स्टाफ ऑफिसर रियर एडमिरल आर अधिश्रीनिवासन, वॉरशिप प्रोडक्शन सुप्रिटेंडेंट कोमोडोर अनूप मेनन और नेवी एवं सीएसएल के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में कमांडिंग ऑफिसर कमांडर (डेजिगनेट) अमित चंद्र चौबे और कोचीन शिपयार्ड डायरेक्टर एस हरिकृष्णन ने हस्ताक्षर किए।
आईएनएस मगदला का हो चुका है जलावतरण
इससे पहले शनिवार को कोच्चि में ही कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड के आठ एंटी-सबमरीन वारफेयर शैलो वॉटर क्राफ्ट्स (ASW SWC) की सीरीज का छठा जहाज, आईएनएस मगदला (INS Magdala) का जलावतरण किया गया था। यह जानकारी रक्षा मंत्रालय की ओर से दी गई। नौसेना की समुद्री परंपरा के मुताबिक इस जहाज को रेणु राजाराम ने जलावतरण किया। इस अवसर पर वाइस एडमिरल राजाराम स्वामीनाथन, कंट्रोलर ऑफ वॉरशिप प्रोडक्शन एंड एक्विजिशन और भारतीय नौसेना एवं सीएसएल के वरिष्ठ अफसर भी मौजूद थे।
अत्याधुनिक हथियारों से लैस हैं ये युद्धपोत
ये युद्धपोत अत्याधुनिक सेंसर और हथियारों से सुसज्जित हैं, जिनमें हल-माउंटेड सोनार,लो फ्रीक्वेंसी वेरिएबल डेप्थ सोनार , टॉरपीडो, पनडुब्बी रोधी रॉकेट, एनएसजी-30 गन और 12.7 मिमी स्टेबलाइज्ड रिमोट-कंट्रोल गन भी शामिल हैं। ये सारे हथियार और उपकरण युद्धपोत की समुद्री निगरानी और हमले की क्षमता को अप्रत्याशित रूप से बढ़ा देते हैं। (एजेंसी इनपुट के साथ)
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