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सेना के 'त्रिशूल' के बाद भारत का नया टारगेट... श्रीलंका के साथ मिलकर करने करने जा रहा 'बड़ा' काम

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नई दिल्ली: भारतीय सेना पड़ोसी देश श्रीलंका की सेना के साथ भारत-श्रीलंका संयुक्त सैन्य अभ्यास 'मित्र शक्ति' शुरू करने जा रही है। इस संयुक्त अभ्यास में दोनों देशों के सैनिक आतंकवाद-रोधी अभियानों की संयुक्त रणनीतियां विकसित करेंगे। यह सैन्य अभ्यास भारत-श्रीलंका के बीच रणनीतिक साझेदारी को भी और अधिक मजबूती प्रदान करेगा।

बेलगावी स्थित फॉरेन ट्रेनिंग नोड में अभ्यास
भारतीय सेना के मुताबिक, 10 नवंबर से यह संयुक्त सैन्य अभ्यास कर्नाटक के बेलगावी स्थित फॉरेन ट्रेनिंग नोड में प्रारंभ होगा। यहां दोनों देशों की सेनाएं 23 नवंबर 2025 तक सैन्य अभ्यास करेंगी। यह भारत-श्रीलंका संयुक्त सैन्य अभ्यास 'मित्र शक्ति' का 11वां संस्करण है। अभ्यास 'मित्र शक्ति 2025' का उद्देश्य दोनों सेनाओं के बीच संचालनात्मक तालमेल को सुदृढ़ करना है ताकि शहरी और अर्ध-शहरी इलाकों में संयुक्त अभियानों को अधिक प्रभावी ढंग से संचालित किया जा सके।


स्थिरता, सुरक्षा के प्रति साझा प्रतिबद्धता

यह संयुक्त सैन्य अभ्यास भारत और श्रीलंका के बीच क्षेत्रीय शांति, स्थिरता और सुरक्षा के प्रति साझा प्रतिबद्धता को दर्शाता है। साथ ही, यह दोनों देशों की सेनाओं के बीच रक्षा सहयोग, सौहार्द, मित्रता और पारस्परिक विश्वास को और अधिक गहरा बनाता है। इस संयुक्त अभ्यास में दोनों देशों के सैनिक आतंकवाद-रोधी अभियानों, मानवतावादी सहायता एवं आपदा प्रबंधन जैसी परिस्थितियों में संयुक्त रूप से कार्य करने की रणनीतियां विकसित करेंगे।

2013 में शुरू हुआ था मित्र शक्ति
इसके अंतर्गत संयुक्त प्रशिक्षण, सामरिक अभ्यास, सामूहिक संचालन योजनाएं तथा फील्ड प्रशिक्षण मिशन आयोजित किए जाएंगे। 'मित्र शक्ति' अभ्यास 2013 में प्रारंभ हुआ था और अब तक भारत व श्रीलंका की सेनाओं के बीच यह एक प्रमुख द्विपक्षीय सैन्य सहयोग कार्यक्रम के रूप में स्थापित हो चुका है। इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य संयुक्त सैन्य कौशल और समझ को बढ़ाना, संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों के लिए तैयारी, शहरी एवं अर्ध-शहरी युद्ध परिदृश्यों में समन्वित कार्रवाई व क्षेत्रीय सुरक्षा और मित्रता को प्रोत्साहन देना है।

रक्षा सहयोग को मजबूती, रणनीतिक साझेदारी को मजबूती
रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह अभ्यास न केवल रक्षा सहयोग को सुदृढ़ करेगा, बल्कि भारत-श्रीलंका के बीच दीर्घकालिक रणनीतिक साझेदारी को भी और अधिक मजबूती प्रदान करेगा। वहीं, भारत की तीनों सेनाएं भी इन दिनों 'त्रिशूल' जैसे महत्वपूर्ण सैन्य अभ्यास कर रही हैं। भारतीय सेना 'थार रैप्टर ब्रिगेड' रेगिस्तानी युद्ध क्षेत्र की वास्तविक परिस्थितियों में उच्च तीव्रता वाले कंबाइंड आर्म्स ऑपरेशंस कर रही है।

'एक्सरसाइज त्रिशूल' में क्या-क्या?
ये ऑपरेशंस एक्सरसाइज त्रिशूल के अंतर्गत आयोजित किए जा रहे हैं। यह अभ्यास थार रैप्टर ब्रिगेड की एविशन इकाइयां, 'सुदर्शन चक्र' और 'कोणार्क' कोर के मैकेनाइज्ड फॉर्मेशन्स के साथ समन्वय में कर रही है। यह पूरा अभियान भारतीय सेना की दक्षिण कमान के तत्वावधान में चल रहा है। भारतीय सेना के मुताबिक, ये युद्धक अभ्यास दक्षिण कमान के मरु अभ्यासों का हिस्सा हैं। दक्षिण कमान ने मरुस्थल में 'मरुज्वाला' और 'अखंड प्रहार' जैसे शक्तिशाली युद्धाभ्यास आयोजित किए हैं। ये अभ्यास त्रि-सेवा (आर्मी, नेवी, एयरफोर्स) फ्रेमवर्क 'एक्सरसाइज त्रिशूल' के अंतर्गत आयोजित किए जा रहे हैं।


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