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भारत और कनाडा के रिश्तों में सुधार की शुरुआत, दोनों देशों ने लिया ये बड़ा फैसला

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नई दिल्ली: भारत और कनाडा के बीच राजनयिक संबंधों में सुधार की ओर एक बड़ा कदम उठाया गया है। भारत कनाडा को अपने उतने ही राजनयिकों और अधिकारियों को देश में तैनात करने की अनुमति देगा जितने अक्टूबर 2024 से पहले थे। यह फैसला पिछले साल 2023 में दोनों देशों के बीच हुए राजनयिकों के निष्कासन के बाद आया है। यह जानकारी एक वरिष्ठ भारतीय सरकारी अधिकारी ने दी है। यह प्रक्रिया कनाडा की ओर से प्रस्तावित नामों के मिलते ही शुरू हो जाएगी। यह समझौता कनाडा की विदेश मंत्री अनीता आनंद की भारत यात्रा के दौरान हुआ।

पिछले साल अक्टूबर में, भारत ने 41 कनाडाई राजनयिकों को वापस जाने के लिए कहा था। भारत ने कहा था कि उनकी राजनयिक छूट रद्द कर दी जाएगी और दोनों देशों में राजनयिकों की संख्या बराबर होनी चाहिए। उस समय भारत के कनाडा में 21 राजनयिक थे, जबकि कनाडा के भारत में 62 अधिकारी थे। हालांकि, अधिकारी ने यह भी कहा कि अगर कनाडा भारतीय राजनयिकों के लिए मान्यता प्रक्रिया को आसान बनाता है तो कनाडाई अधिकारियों की संख्या भविष्य में काफी बढ़ सकती है।

अधिकारी ने बताया कि भारत राजनयिकों की संख्या में 'पारस्परिकता' चाहता है, न कि जरूरी 'समानता'। इसका मतलब है कि कनाडा को कुछ अधिकारियों की जरूरत हो सकती है, लेकिन भारत बड़ी संख्या में कनाडाई आप्रवासन अधिकारियों के पक्ष में नहीं है। अधिकारी ने जोर देकर कहा कि राजनयिकों की संख्या 'पहले जैसी ही होगी'।

भारत से निकलने से पहले, कनाडा की विदेश मंत्री अनीता आनंद ने कनाडाई मीडिया से बात की थी। उन्होंने कहा था कि राजनयिक मिशनों में 'कर्मचारियों की संख्या बढ़ाना' एजेंडे में था। उन्होंने कहा, 'मैं आपको विश्वास दिला सकती हूं कि हम पूरे देश में कनाडाई राजनयिकों की संख्या को पहले जैसा कर रहे हैं। इस मामले पर मेरी (विदेश मंत्री) एस जयशंकर के साथ बातचीत में, हम दोनों इस बात पर सहमत हुए कि हम अपने-अपने नागरिकों की सेवा के लिए पहले की तरह ही कर्मचारियों की संख्या बढ़ाएंगे।'

जब बिगड़ गए थे दोनों देशों के संबंध 2023 में भारत-कनाडा संबंध तब बिगड़े जब कनाडा के तत्कालीन प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने आरोप लगाया कि 2023 जून में खालिस्तानी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय सरकारी एजेंट शामिल थे। भारत ने इस आरोप को 'बेतुका' कहकर खारिज कर दिया था। दोनों देशों ने व्यापार समझौते पर बातचीत रोक दी, राजनयिक संबंधों को कमजोर किया और एक-दूसरे के कई राजनयिकों को निष्कासित कर दिया।

अक्टूबर 2023 में, भारत ने ओटावा में अपने राजदूत संजय वर्मा और पांच अन्य अधिकारियों को वापस बुला लिया था। यह तब हुआ जब कनाडाई अधिकारियों ने निज्जर की हत्या के संबंध में उनसे पूछताछ करने की कोशिश की थी। इसके जवाब में, भारत ने तत्कालीन कार्यवाहक उच्चायुक्त स्टीवर्ट व्हीलर सहित छह कनाडाई राजनयिकों को निष्कासित कर दिया था।

अब सुधर रहे हैं रिश्तेहालांकि, कनाडा में नेतृत्व परिवर्तन के बाद, दोनों देशों ने संबंधों को फिर से पटरी पर लाने के लिए सावधानीपूर्वक कदम उठाए हैं। जून में जी7 शिखर सम्मेलन के मौके पर प्रधानमंत्री मार्क कार्नी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच द्विपक्षीय बैठक के दौरान यह महत्वपूर्ण मोड़ आया। अनीता आनंद की भारत यात्रा ने इस जुड़ाव को और आगे बढ़ाया।
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