मुजफ्फरनगर। तारीख थी 8 अक्टूबर 2025, सुबह का वक्त और जगह पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले का छपार पुलिस थाना। इलाके के खुड्डा गांव में रहने वाले शराफत अली परेशान हालत में थाने पहुंचते हैं और बताते हैं कि उनका बेटा शोएब लापता है। पुलिस गुमशुदगी दर्ज करती है और शोएब की तलाश में जुट जाती है। करीब 10 दिन बाद, 17 अक्टूबर की रात को शोएब की लाश पुलिस को सहारनपुर जिले के विहारीगढ़ इलाके में मिलती है। जिस कार में शोएब घर से निकला था, वह भी जली हुई हालत में मिलती है। छानबीन में पता चलता है कि शोएब का कत्ल किया गया है। पुलिस केस दर्ज कर कातिलों की तलाश में जुट जाती है।
सुराग तलाशे जाते हैं, कड़ियों को जोड़ा जाता है और पता चलता है कि शोएब का कत्ल किसी और ने नहीं, बल्कि उसके पड़ोसी मुनव्वर अली ने किया है। वही मुनव्वर अली, जो अभी तक शोएब के परिजनों से हमदर्दी जता रहा था और परिवार के साथ उसे तलाशने का नाटक भी कर रहा था। मुनव्वर से पूछताछ होती है तो कत्ल की एक बेहद हैरान कर देने वाली कहानी सामने आती है। वो कहानी, जिसमें कत्ल के तार सऊदी अरब से लाए गए 150 ग्राम सोने से जुड़े थे। इसी सोने के लिए मुनव्वर ने शोएब की सुपारी देकर उसका कत्ल करा दिया।
मुजफ्फरनगर का रहने वाला मुनव्वर पिछले 15 साल से सऊदी अरब में रह रहा था और सोने की तस्करी करता था। करीब डेढ़ साल पहले शोएब भी उसके नेटवर्क का हिस्सा बना और सोने की तस्करी करने लगा। पिछले ढाई साल में ही शोएब 6 बार विदेश गया। इसी बीच लगभग 6 महीने पहले मुनव्वर वापस भारत लौट आया। कुछ महीने पहले शोएब को सऊदी अरब से 300 ग्राम सोने की तस्करी का जिम्मा सौंपा गया, जिसे वह 150-150 करके, दो अलग-अलग मोबाइल चार्जर में छिपाकर भारत लाया।
हालांकि, शोएब ने केवल 150 सोना ही बताए गए व्यक्ति को सौंपा और कहा कि दूसरा चार्जर एयरपोर्ट पर पकड़ लिया गया। बस यहीं से, मुनव्वर ने तय कर लिया कि वो शोएब को रास्ते से हटाएगा। करीब दो महीने पहले उसने शोएब के कत्ल का प्लान बनाया और दो लोगों को उसकी सुपारी दे दी। 7 अक्टूबर को देहरादून घूमने का प्लान बनाया गया, रास्ते में मुनव्वर और अंकित राणा उसकी कार में सवार हो गए। कार में इन दोनों ने उसे शराब पिलाई और जब शोएब नशे में हो गया तो अंकित ने बाइक के क्लच तार से उसका गला घोंट दिया। शोएब छटपटाया तो मुनव्वर से चाकू से उसकी गर्दन पर वार कर दिया। शोएब तड़प-तड़पकर मर गया।
इसके बाद शामली के जंगलों में कार को आग लगा दी गई और शोएब की लाश को भी वहीं फेंक दिया गया। शोएब की हत्या और कार जलाने की वारदात में कुल 6 लोग शामिल थे। बाद में मुनव्वर घर लौट आया और परिजनों के साथ शोएब को तलाशने में साथ देने का नाटक करने लगा। पुलिस ने उसे पूछताछ के लिए बुलाया तो वह थाने भी गया। हालांकि, उसकी चालाकी ज्यादा देर तक नहीं टिक पाई और आखिरकार वह पुलिस की गिरफ्त में आ गया। फिलहाल पुलिस ने मुनव्वर सहित पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि एक फरार है।
सुराग तलाशे जाते हैं, कड़ियों को जोड़ा जाता है और पता चलता है कि शोएब का कत्ल किसी और ने नहीं, बल्कि उसके पड़ोसी मुनव्वर अली ने किया है। वही मुनव्वर अली, जो अभी तक शोएब के परिजनों से हमदर्दी जता रहा था और परिवार के साथ उसे तलाशने का नाटक भी कर रहा था। मुनव्वर से पूछताछ होती है तो कत्ल की एक बेहद हैरान कर देने वाली कहानी सामने आती है। वो कहानी, जिसमें कत्ल के तार सऊदी अरब से लाए गए 150 ग्राम सोने से जुड़े थे। इसी सोने के लिए मुनव्वर ने शोएब की सुपारी देकर उसका कत्ल करा दिया।
मुजफ्फरनगर का रहने वाला मुनव्वर पिछले 15 साल से सऊदी अरब में रह रहा था और सोने की तस्करी करता था। करीब डेढ़ साल पहले शोएब भी उसके नेटवर्क का हिस्सा बना और सोने की तस्करी करने लगा। पिछले ढाई साल में ही शोएब 6 बार विदेश गया। इसी बीच लगभग 6 महीने पहले मुनव्वर वापस भारत लौट आया। कुछ महीने पहले शोएब को सऊदी अरब से 300 ग्राम सोने की तस्करी का जिम्मा सौंपा गया, जिसे वह 150-150 करके, दो अलग-अलग मोबाइल चार्जर में छिपाकर भारत लाया।
हालांकि, शोएब ने केवल 150 सोना ही बताए गए व्यक्ति को सौंपा और कहा कि दूसरा चार्जर एयरपोर्ट पर पकड़ लिया गया। बस यहीं से, मुनव्वर ने तय कर लिया कि वो शोएब को रास्ते से हटाएगा। करीब दो महीने पहले उसने शोएब के कत्ल का प्लान बनाया और दो लोगों को उसकी सुपारी दे दी। 7 अक्टूबर को देहरादून घूमने का प्लान बनाया गया, रास्ते में मुनव्वर और अंकित राणा उसकी कार में सवार हो गए। कार में इन दोनों ने उसे शराब पिलाई और जब शोएब नशे में हो गया तो अंकित ने बाइक के क्लच तार से उसका गला घोंट दिया। शोएब छटपटाया तो मुनव्वर से चाकू से उसकी गर्दन पर वार कर दिया। शोएब तड़प-तड़पकर मर गया।
इसके बाद शामली के जंगलों में कार को आग लगा दी गई और शोएब की लाश को भी वहीं फेंक दिया गया। शोएब की हत्या और कार जलाने की वारदात में कुल 6 लोग शामिल थे। बाद में मुनव्वर घर लौट आया और परिजनों के साथ शोएब को तलाशने में साथ देने का नाटक करने लगा। पुलिस ने उसे पूछताछ के लिए बुलाया तो वह थाने भी गया। हालांकि, उसकी चालाकी ज्यादा देर तक नहीं टिक पाई और आखिरकार वह पुलिस की गिरफ्त में आ गया। फिलहाल पुलिस ने मुनव्वर सहित पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि एक फरार है।
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