नई दिल्ली: भारत के खिलाफ तुर्की ने पाकिस्तान की खूब मदद की है। गुरुवार रात भारत की उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं पर जिन ड्रोन से घुसपैठ की कोशिश की गई, वे तुर्की के बने हैं। शुरुआती जांच में यह पता चला है। ये एसिसगार्ड कंपनी के सोनगार आर्म्ड ड्रोन सिस्टम हैं। सियाचिन से सर क्रीक तक अंतरराष्ट्रीय सीमा और LoC पर लगभग 300-400 ड्रोन के साथ 36 जगहों पर घुसपैठ की कोशिश की गई। पाकिस्तान का तुर्की से ये ड्रोन खरीदना इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि उसके पास चीन से भी रक्षा उपकरण हैं। तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने 7 मई को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से फोन पर बात की थी। भारत की ओर से पाकिस्तान और पीओके में नौ आतंकी ठिकानों पर हमला करने के बाद एकजुटता दिखाई थी। एर्दोगन ने शरीफ से कहा कि तुर्की संकट में पाकिस्तान की 'शांत और संयमित नीतियों' का समर्थन करता है। एर्दोगन ने पहलगाम आतंकी हमले की जांच के इस्लामाबाद के आह्वान को भी 'उचित' बताया था। एसिसगार्ड नई और बढ़ती हुई कंपनीपाकिस्तान और तुर्की के बीच रक्षा सहयोग काफी मजबूत है। पाकिस्तान की सेना में तुर्की के हथियारों का होना इसी बात का सबूत है। एसिसगार्ड अपेक्षाकृत नई और बढ़ती हुई कंपनी है। यह मुख्य रूप से रक्षा उद्योग पर केंद्रित है। जबकि यह बड़ी बहुराष्ट्रीय रक्षा कंपनियों जैसे लॉकहीड मार्टिन या बीएई सिस्टम्स जितनी बड़ी नहीं है। लेकिन, तुर्की के रक्षा क्षेत्र में इसने अपनी पहचान बनाई है। खासकर ड्रोन और संबंधित तकनीकों के क्षेत्र में। सोनगार आर्म्ड ड्रोन सिस्टम यही कंपनी बनाती है। इनका भारत के खिलाफ इस्तेमाल हुआ। यह एक आर्म्ड ड्रोन है, जिसका मतलब है कि यह हथियार ले जा सकता है और उनका उपयोग कर सकता है। रिपोर्ट्स के अनुसार, यह 5.56 मिमी मशीन गन जैसे हथियार ले जा सकता है। इसे टोही, निगरानी और हमले जैसे विभिन्न कार्यों के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। AI का इस्तेमाल करते हैं ये ड्रोन सोनगार आर्म्ड ड्रोन सिस्टम में लक्ष्य पहचान और ट्रैकिंग जैसी क्षमताओं के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल किया जाता है। इसे अपेक्षाकृत आसानी से ले जाया और तैनात किया जा सकता है। यह दिन और रात दोनों समय काम कर सकता है, जो इसे विभिन्न परिस्थितियों में उपयोगी बनाता है। इसे दूर से ऑपरेटर कंट्रोल कर सकता है। इससे ऑपरेटर सुरक्षित दूरी पर रहकर काम करता रहता है। पाकिस्तान और तुर्की के बीच बढ़ती दोस्ती भारत के लिए चिंता का विषय हो सकती है। भारत को अपनी सीमाओं की सुरक्षा के साथ-साथ अपनी विदेश नीति पर भी ध्यान देना होगा।
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भारत के खिलाफ पाकिस्तान इस्तेमाल कर रहा जो तुर्की के ड्रोन, उन्हें कौन बनाता है?
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