ढाका: पाकिस्तान के डिप्टी पीएम और विदेश मंत्री इशाक डार शनिवार को दो दिन के दौरे पर बांग्लादेश पहुंचे हैं। यह बीते 13 वर्षों में किसी पाकिस्तानी विदेश मंत्री की बांग्लादेश की पहली राजकीय यात्रा है। पिछले साल अगस्त में शेख हसीना की सरकार के गिरने और बांग्लादेश में मोहम्मद यूनूस की सरकार बनने के बाद इस्लामाबाद और ढाका के संबंध सुधरे हैं। इसी के तहत बांग्लादेश सरकार के निमंत्रण पर 23-24 अगस्त की यात्रा पर डार ढाका पहुंचे हैं।
इशाक डार की ढाका में बांग्लादेश के दूसरे बड़े नेताओं के अलावा अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस से मुलाकात करेंगे। पाक विदेश मंत्रालय का कहना है कि डार और यूनुस की चर्चा में आपसी हित के क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों सहित द्विपक्षीय सहयोग के संपूर्ण आयाम शामिल होंगे। वहीं एक्सपर्ट का कहना है कि पाकिस्तान और बांग्लादेश की यह नजदीकी भारत के लिए चिंता का सबब बन सकती है।
डार से पहले खार ने किया था ढाका दौरापाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि डार की यह यात्रा पाकिस्तान-बांग्लादेश संबंधों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है क्योंकि कोई पाकिस्तानी विदेश मंत्री 13 वर्षों के अंतराल के बाद बांग्लादेश का दौरा कर रहा है। डार से पहले पाकिस्तान की विदेश मंत्री के तौर पर हिना रब्बानी खार ने 2012 में ढाका का दौरा किया था।
डार की यात्रा पाकिस्तानी वाणिज्य मंत्री जाम कमाल खान के ढाका के आधिकारिक दौरे के तुरंत बाद हो रही है। दोनों तरफ के नेताओं के अलावा सैन्य अफसरों ने बीते कुछ महीनों में लगातार एक-दूसरे के देशों का दौरा किया है। इतना ही नहीं पाकिस्तानी एजेंसी आईएसआई के लोग भी ढाका में बीते कुछ समय में कई चक्कर लगा चुके हैं।
भारत की चिंतापाकिस्तान और बांग्लादेश ने व्यापार, सीधी उड़ान और वीजा छूट जैसे कई फैसले लिए हैं। हालांकि ये भारत की चिंता नहीं है। भारत की चिंता बांग्लादेश में पाक सेना और आईएसआई की दखल है। पाक सेना और आईएसआई पूर्व में भारत के पूर्वोत्तर के राज्यों को अस्थिर करने की साजिश कर चुकी है।
शेख हसीना सरकार में पाक एजेंसियों का बांग्लादेश में दखल काफी कम हो गया था। मोहम्मद यूनुस सत्ता संभालने के बाद कट्टरपंथियों को खुली छूट और पाकिस्तानियों को अपनी जमीन के इस्तेमाल की इजाजत देते दिख रहे है। यह निश्चित रूप से भारत के लिए सुरक्षा के स्तर पर परेशानी खड़ी कर सकता है।
इशाक डार की ढाका में बांग्लादेश के दूसरे बड़े नेताओं के अलावा अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस से मुलाकात करेंगे। पाक विदेश मंत्रालय का कहना है कि डार और यूनुस की चर्चा में आपसी हित के क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों सहित द्विपक्षीय सहयोग के संपूर्ण आयाम शामिल होंगे। वहीं एक्सपर्ट का कहना है कि पाकिस्तान और बांग्लादेश की यह नजदीकी भारत के लिए चिंता का सबब बन सकती है।
डार से पहले खार ने किया था ढाका दौरापाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि डार की यह यात्रा पाकिस्तान-बांग्लादेश संबंधों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है क्योंकि कोई पाकिस्तानी विदेश मंत्री 13 वर्षों के अंतराल के बाद बांग्लादेश का दौरा कर रहा है। डार से पहले पाकिस्तान की विदेश मंत्री के तौर पर हिना रब्बानी खार ने 2012 में ढाका का दौरा किया था।
डार की यात्रा पाकिस्तानी वाणिज्य मंत्री जाम कमाल खान के ढाका के आधिकारिक दौरे के तुरंत बाद हो रही है। दोनों तरफ के नेताओं के अलावा सैन्य अफसरों ने बीते कुछ महीनों में लगातार एक-दूसरे के देशों का दौरा किया है। इतना ही नहीं पाकिस्तानी एजेंसी आईएसआई के लोग भी ढाका में बीते कुछ समय में कई चक्कर लगा चुके हैं।
भारत की चिंतापाकिस्तान और बांग्लादेश ने व्यापार, सीधी उड़ान और वीजा छूट जैसे कई फैसले लिए हैं। हालांकि ये भारत की चिंता नहीं है। भारत की चिंता बांग्लादेश में पाक सेना और आईएसआई की दखल है। पाक सेना और आईएसआई पूर्व में भारत के पूर्वोत्तर के राज्यों को अस्थिर करने की साजिश कर चुकी है।
शेख हसीना सरकार में पाक एजेंसियों का बांग्लादेश में दखल काफी कम हो गया था। मोहम्मद यूनुस सत्ता संभालने के बाद कट्टरपंथियों को खुली छूट और पाकिस्तानियों को अपनी जमीन के इस्तेमाल की इजाजत देते दिख रहे है। यह निश्चित रूप से भारत के लिए सुरक्षा के स्तर पर परेशानी खड़ी कर सकता है।
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