पटना : बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान मोकामा में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के पूर्व नेता और हाल ही में जन सुराज के समर्थक बने दुलार चंद यादव की हत्या ने राज्य के राजनीतिक और सुरक्षा माहौल को झकझोर कर रख दिया है। यह हत्या गुरुवार को हुई और दुलार चंद के समर्थकों ने इसका सीधा आरोप बाहुबली पूर्व विधायक और एनडीए प्रत्याशी अनंत सिंह के समर्थकों पर लगाया है। इस हत्याकांड ने पिछले दो दशकों से बिहार में कायम हुई शांति पर एक बड़ा सवालिया निशान खड़ा कर दिया है। इस गंभीर घटना पर आरजेडी नेता और विपक्ष के बड़े चेहरे तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली डबल इंजन सरकार पर जमकर निशाना साधा है।
'आचार संहिता में बंदूक लेकर कौन घूम रहा?'
तेजस्वी ने इस हत्या को 'सत्ता के संरक्षण में हुई हत्या' करार दिया है और बिहार में एक बार फिर से 'महाजंगलराज' लौटने का गंभीर आरोप लगाया है। पटना एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बात करते हुए तेजस्वी यादव ने इस हत्याकांड को लेकर राज्य सरकार की कार्यप्रणाली पर सीधे सवाल उठाए। उन्होंने सीधे तौर पर एनडीए प्रत्याशी अनंत सिंह का नाम लेने से परहेज किया, लेकिन मोकामा के बाहुबली कहे जाने वाले पूर्व विधायक की रिहाई और उनकी गतिविधियों पर गंभीर सवाल उठाए। तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार में चुनाव आचार संहिता लागू है, फिर भी लोग खुलेआम बंदूक और गोली लेकर घूम रहे हैं। बिहार में पहले भी गोलीबारी की घटनाएं हुई हैं, लेकिन आज दुलार चंद की हत्या हो गई। यह दिखाता है कि सत्ता किसे संरक्षण दे रही है।
अनंत सिंह पर प्रहार
उन्होंने इस संदर्भ में जनवरी में अनंत सिंह और सोनू-मोनू गैंग के बीच हुई गोलीबारी की घटना का भी उल्लेख किया, ताकि यह बताया जा सके कि हिंसा का माहौल पहले से ही मौजूद था। तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक लंबा और तीखा पोस्ट लिखकर इस घटना को राष्ट्रीय स्तर पर उठाया। उन्होंने अपने पोस्ट में कई गंभीर आरोप लगाए, उन्होंने लिखा कि लोकतंत्र में हिंसा का कोई स्थान नहीं है। लोकतंत्र में विचारधारा और जनहित के मुद्दों की लड़ाई होती है। बमबारी और गोलीबारी की नहीं! सत्ता संपोषित अपराधी। सत्ता संपोषित दुर्दांत अपराधी एनडीए के महाजंगलराज में बाहर घूम तांडव मचा रहे हैं। उन्होंने इस हत्याकांड को सामाजिक कार्यकर्ता दुलारचंद यादव की हत्या बताया।
दारोगा की हत्या
उन्होंने मोकामा की घटना के साथ-साथ राज्य में हुई अन्य हिंसा की घटनाओं को भी जोड़ा और कहा कि आज ही बिहार में एक दरोगा अनिरुद्ध पासवान की निर्मम हत्या कर दी गई। AK-47 और गुंडाराज: तेजस्वी ने एनडीए प्रत्याशियों पर पत्रकारों पर गुस्सा करने, जान से मारने की बात करने और पूर्व में AK-47 की बरामदगी का जिक्र किया, और कहा कि इन सभी की परिणीति आज दिख रही है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सीधे घेरे में लेते हुए कहा कि मुद्दों से डर कर जुमलेबाजी करने वाले प्रधानमंत्री जी को 35 मिनट पहले का अपना गुंडाराज और महाजंगलराज नहीं दिखता। तेजस्वी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री बिहार में महाजंगलराज को संरक्षण और इसके पोषकों व निर्वाहकों को टिकट दे कर बिहार को बदनाम और बदहाल कर रहे हैं। उन्होंने बिहार की जनता से इस डबल इंजन सरकार की सोच, अपराध के संरक्षण और सत्ता को उखाड़ने का काम करने का आह्वान किया।
दुलारचंद का राजनीतिक जुड़ाव
दुलार चंद यादव की हत्या मोकामा विधानसभा क्षेत्र के घोसवरी में हुई। दुलार चंद यादव, जो मोकामा-टाल क्षेत्र के एक जाने-माने और प्रभावशाली नेता थे, पहले राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता और लालू यादव के करीबी माने जाते थे, लेकिन हाल ही में वह जन सुराज के साथ जुड़ गए थे। उनकी हत्या तब हुई जब जेडीयू प्रत्याशी अनंत सिंह के समर्थकों और जन सुराज कार्यकर्ताओं के बीच किसी बात को लेकर विवाद हो गया। इस विवाद ने जल्द ही मारपीट का रूप ले लिया और इसी दौरान गोली चलने से दुलार चंद यादव को सिर में गोली लगी, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। दुलार चंद यादव के परिवार वालों ने इस हत्या का सीधा और स्पष्ट आरोप अनंत सिंह के समर्थकों पर लगाया है।
बाहुबलियों का अध्याय
पिछले दो दशकों में बिहार ने जिस तरह से अपराध और हिंसा पर काबू पाया था, उस पर यह हत्या एक बड़ा सवालिया निशान लगाती है। दुलार चंद यादव की हत्या ने एक बार फिर से बिहार की राजनीति में बाहुबलियों के प्रभाव और सत्ता के संरक्षण में अपराध की आशंकाओं को हवा दे दी है। तेजस्वी यादव के आरोपों ने इस मामले को और भी गंभीर बना दिया है, क्योंकि उन्होंने सीधे तौर पर सत्ताधारी दल और प्रधानमंत्री पर बिहार में 'महाजंगलराज' को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है। यह घटना बिहार के चुनावी माहौल में हिंसा के एक नए अध्याय की शुरुआत मानी जा रही है। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि चुनाव आयोग और राज्य सरकार इस गंभीर घटना पर क्या कार्रवाई करती है और बिहार की जनता इस हिंसा के माहौल पर कैसी प्रतिक्रिया देती है, क्योंकि यह हत्या चुनावी परिणाम और राज्य की कानून व्यवस्था की छवि दोनों पर गहरा असर डालेगी।
'आचार संहिता में बंदूक लेकर कौन घूम रहा?'
तेजस्वी ने इस हत्या को 'सत्ता के संरक्षण में हुई हत्या' करार दिया है और बिहार में एक बार फिर से 'महाजंगलराज' लौटने का गंभीर आरोप लगाया है। पटना एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बात करते हुए तेजस्वी यादव ने इस हत्याकांड को लेकर राज्य सरकार की कार्यप्रणाली पर सीधे सवाल उठाए। उन्होंने सीधे तौर पर एनडीए प्रत्याशी अनंत सिंह का नाम लेने से परहेज किया, लेकिन मोकामा के बाहुबली कहे जाने वाले पूर्व विधायक की रिहाई और उनकी गतिविधियों पर गंभीर सवाल उठाए। तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार में चुनाव आचार संहिता लागू है, फिर भी लोग खुलेआम बंदूक और गोली लेकर घूम रहे हैं। बिहार में पहले भी गोलीबारी की घटनाएं हुई हैं, लेकिन आज दुलार चंद की हत्या हो गई। यह दिखाता है कि सत्ता किसे संरक्षण दे रही है।
अनंत सिंह पर प्रहार
उन्होंने इस संदर्भ में जनवरी में अनंत सिंह और सोनू-मोनू गैंग के बीच हुई गोलीबारी की घटना का भी उल्लेख किया, ताकि यह बताया जा सके कि हिंसा का माहौल पहले से ही मौजूद था। तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक लंबा और तीखा पोस्ट लिखकर इस घटना को राष्ट्रीय स्तर पर उठाया। उन्होंने अपने पोस्ट में कई गंभीर आरोप लगाए, उन्होंने लिखा कि लोकतंत्र में हिंसा का कोई स्थान नहीं है। लोकतंत्र में विचारधारा और जनहित के मुद्दों की लड़ाई होती है। बमबारी और गोलीबारी की नहीं! सत्ता संपोषित अपराधी। सत्ता संपोषित दुर्दांत अपराधी एनडीए के महाजंगलराज में बाहर घूम तांडव मचा रहे हैं। उन्होंने इस हत्याकांड को सामाजिक कार्यकर्ता दुलारचंद यादव की हत्या बताया।
दारोगा की हत्या
उन्होंने मोकामा की घटना के साथ-साथ राज्य में हुई अन्य हिंसा की घटनाओं को भी जोड़ा और कहा कि आज ही बिहार में एक दरोगा अनिरुद्ध पासवान की निर्मम हत्या कर दी गई। AK-47 और गुंडाराज: तेजस्वी ने एनडीए प्रत्याशियों पर पत्रकारों पर गुस्सा करने, जान से मारने की बात करने और पूर्व में AK-47 की बरामदगी का जिक्र किया, और कहा कि इन सभी की परिणीति आज दिख रही है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सीधे घेरे में लेते हुए कहा कि मुद्दों से डर कर जुमलेबाजी करने वाले प्रधानमंत्री जी को 35 मिनट पहले का अपना गुंडाराज और महाजंगलराज नहीं दिखता। तेजस्वी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री बिहार में महाजंगलराज को संरक्षण और इसके पोषकों व निर्वाहकों को टिकट दे कर बिहार को बदनाम और बदहाल कर रहे हैं। उन्होंने बिहार की जनता से इस डबल इंजन सरकार की सोच, अपराध के संरक्षण और सत्ता को उखाड़ने का काम करने का आह्वान किया।
दुलारचंद का राजनीतिक जुड़ाव
दुलार चंद यादव की हत्या मोकामा विधानसभा क्षेत्र के घोसवरी में हुई। दुलार चंद यादव, जो मोकामा-टाल क्षेत्र के एक जाने-माने और प्रभावशाली नेता थे, पहले राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता और लालू यादव के करीबी माने जाते थे, लेकिन हाल ही में वह जन सुराज के साथ जुड़ गए थे। उनकी हत्या तब हुई जब जेडीयू प्रत्याशी अनंत सिंह के समर्थकों और जन सुराज कार्यकर्ताओं के बीच किसी बात को लेकर विवाद हो गया। इस विवाद ने जल्द ही मारपीट का रूप ले लिया और इसी दौरान गोली चलने से दुलार चंद यादव को सिर में गोली लगी, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। दुलार चंद यादव के परिवार वालों ने इस हत्या का सीधा और स्पष्ट आरोप अनंत सिंह के समर्थकों पर लगाया है।
बाहुबलियों का अध्याय
पिछले दो दशकों में बिहार ने जिस तरह से अपराध और हिंसा पर काबू पाया था, उस पर यह हत्या एक बड़ा सवालिया निशान लगाती है। दुलार चंद यादव की हत्या ने एक बार फिर से बिहार की राजनीति में बाहुबलियों के प्रभाव और सत्ता के संरक्षण में अपराध की आशंकाओं को हवा दे दी है। तेजस्वी यादव के आरोपों ने इस मामले को और भी गंभीर बना दिया है, क्योंकि उन्होंने सीधे तौर पर सत्ताधारी दल और प्रधानमंत्री पर बिहार में 'महाजंगलराज' को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है। यह घटना बिहार के चुनावी माहौल में हिंसा के एक नए अध्याय की शुरुआत मानी जा रही है। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि चुनाव आयोग और राज्य सरकार इस गंभीर घटना पर क्या कार्रवाई करती है और बिहार की जनता इस हिंसा के माहौल पर कैसी प्रतिक्रिया देती है, क्योंकि यह हत्या चुनावी परिणाम और राज्य की कानून व्यवस्था की छवि दोनों पर गहरा असर डालेगी।
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