वैशाली: बिहार अब सिर्फ खेती करने वाला राज्य नहीं रहेगा। यह उद्योग और रहने के लिए नए घर बनाने के क्षेत्र में भी आगे बढ़ेगा। बिहार सरकार 12 जिलों में 'इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप' बना रही है। इन टाउनशिप में उद्योगों के साथ कर्मचारियों के रहने के लिए आधुनिक घर भी होंगे। रोहतास, पश्चिम चंपारण, सारण, पूर्णिया, बेगूसराय, वैशाली, भागलपुर, बांका, जमुई, जहानाबाद, दरभंगा और समस्तीपुर में यह योजना शुरू की जाएगी। इससे राज्य में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और औद्योगिक विकास को गति मिलेगी। सरकार खरीदेगी जमीन और बनाएगी औद्योगिक केंद्रदरअसल, जिन इलाकों में अभी तक उद्योग नहीं हैं, वहां नीतीश कुमार सरकार जमीन खरीदेगी और नए औद्योगिक केंद्र बनाएगी। उद्योग विभाग इस काम को तेजी से कर रहा है। गया के डोभी में अमृतसर-कोलकाता इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के तहत पहले से बन रही एकीकृत विनिर्माण इकाई इसका एक अच्छा उदाहरण है। 100 एकड़ में दवा बनाने और रिसर्च सेंटर इसके अलावा, सारण के अमनौर में फार्मास्यूटिकल पार्क बनाने की भी योजना है। यहां 100 एकड़ में दवा बनाने और रिसर्च सेंटर की स्थापना की जाएगी। इस पहल से बिहार की औद्योगिक तस्वीर बदलने की उम्मीद है। राज्य सरकार का लक्ष्य है कि बिहार देश का सबसे आगे रहने वाला औद्योगिक केंद्र बने। सरकार का कहना है कि इन टाउनशिप से युवाओं के लिए रोजगार के नए दरवाजे खुलेंगे। टाउनशिप में कर्मचारियों के लिए घरजानकारी के अनुसार, इन टाउनशिप में कर्मचारियों के लिए घर, 24 घंटे बिजली और पानी की सुविधा होगी। यहां स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, शॉपिंग सेंटर, मनोरंजन के साधन, पार्क, खेल के मैदान और 40% हरित क्षेत्र भी होगा। इससे युवाओं को रोजगार मिलेगा और उनका जीवन बेहतर होगा।
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