नई दिल्ली: भारतीय वायुसेना एक दशक से भी ज्यादा समय से अगली पीढ़ी के फाइटर जेट की मांग कर रही है। भारत में अपने जो 4.5 या 5वीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान बन रहे हैं, उनमें अभी बहुत समय लगने वाला है। अन्य देशों से आयात पर भी तस्वीर साफ नहीं है। जबकि, हकीकत ये है कि भारतीय वायुसेना की जो स्वीकृत स्क्वार्डनों की संख्या है, उसमें करीब 30% की कमी आ चुकी है। अब 42 की जगह मात्र 29 स्क्वार्डन रह गए हैं। यह कमी हाल ही में मिग-21 के रिटायरमेंट की वजह से बढ़ी है, जिसके चलते दो स्क्वार्डनों की और कमी आ गई है। ऐसे में सवाल है कि भारतीय वायुसेना के पास अभी सबसे एडवांस 5 फाइटर जेट कौन हैं?
राफेल फाइटर जेट
भारतीय वायुसेना के पास अभी जो सबसे एडवांस फाइटर जेट हैं, उनमें फ्रांस में बने एडवांस मल्टीरोल राफेल फाइटर जेट भी शामिल है। भारतीय वायुसेना के पास अभी 36 राफेल लड़ाकू विमान हैं। राफेल अत्याधुनिक रडार सिस्टम से लैस एक मल्टीरोल एयरक्राफ्ट है, जिसकी अत्याधुनिक डिजाइन और लंबी दूरी की मारक क्षमता इसे बहुत ही बेहतर लड़ाकू विमानों में शामिल करता है। यह फाइटर जेट डीप स्ट्राइक मिशन में शानदार प्रदर्शन के लिए भी जाना जाता है।
सुखोई एसयू-30
रूसी मूल के सुखोई एसयू-30एमकेआई ( Sukhoi Su-30MKI ) अभी भी भारतीय वायुसेना के प्राथमिक लड़ाकू विमानों में शामिल है। अब हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL)के द्वारा भारत में ही बनने वाला यह विमान लंबी दूरी के रडार से लैस है और इनपर ब्रह्मोस मिसाइल भी तैनात की गई हैं। ध्वनि की गति से दो गुनी स्पीड (Mach 2.0) से उड़ने में सक्षम यह लड़ाकू विमान एकसाथ कई टारगेट को निशाना बनाने में सक्षम हैं। इस समय 270 से ज्यादा सुखोई एसयू-30एमकेआई विमान सेवा में हैं। मतलब, भारतीय वायुसेना के पास अभी सबसे ज्यादा संख्या में यही फाइटर जेट हैं।
तेजस एलसीए एमके1एतेजस (Tejas Mk1A) एक हल्का लड़ाकू विमान (LCA) है, जिसे डीआरडीओ ने डिजाइन किया है और एचएएल ने बनाया है। इसका उत्पादन शुरू हो चुका है और धीरे-धीरे इनकी संख्या बढ़ती रहने वाली है। ध्वनि की गति से 1.6 (Mach 1.6) गुना स्पीड वाला इस स्वदेशी लड़ाकू विमान की रेंज 1,850 किलोमीटर है। 17 अक्टूबर, 2025 को ही नासिक में Tejas Mk1A ने पहली उड़ान भरी है। वायुसेना के लिए पहले 83 और बाद में 97 अतिरिक्त तेजस के ऑर्डर एचएएल को मिले हुए हैं।
मिग- 29 फाइटर जेट
भारतीय वायुसेना की सेवा में तैनात शीर्ष फाइटर जेट में मिग-29 यूपीजी (अपग्रेडेड-MiG-29 UPG) भी शामिल हैं। मॉडर्नाइजेशन के बाद यह ध्वनि से 2.25 गुनी रफ्तार (Mach 2.25) से उड़ सकता है और इसमें एडवांस रडार और उड़ान के दौरान ही इंधन भरने की क्षमता भी आ चुकी है। रूसी मूल का होते हुए भी, अपग्रेड होने के बाद इसमें स्वदेशी सिस्टम का इस्तेमाल किया गया है, जिससे इसका भारतीयकरण भी हुआ है।
मिराज-2000 फाइटर जेट
मिराज-2000 अतीत में भी संघर्षों के दौरान अपनी क्षमता का प्रदर्शन कर चुका है। यह सटीकता और विश्वसनीयता के लिए जाना जाने वाला लड़ाकू विमान है, जिसकी स्पीड ध्वनि के 2.2 गुनी (Mach 2.2) है और प्रिसिजन गाइडेड म्यूनिशन वाले ऑपरेशन में भी धुरंधर है। फिलहाल अगले कई और वर्षों तक इस लड़ाकू विमान के भारतीय वायुसेना के लिए फ्रंटलाइन ऑपरेशन में बने रहने की संभावना है।
राफेल फाइटर जेट
भारतीय वायुसेना के पास अभी जो सबसे एडवांस फाइटर जेट हैं, उनमें फ्रांस में बने एडवांस मल्टीरोल राफेल फाइटर जेट भी शामिल है। भारतीय वायुसेना के पास अभी 36 राफेल लड़ाकू विमान हैं। राफेल अत्याधुनिक रडार सिस्टम से लैस एक मल्टीरोल एयरक्राफ्ट है, जिसकी अत्याधुनिक डिजाइन और लंबी दूरी की मारक क्षमता इसे बहुत ही बेहतर लड़ाकू विमानों में शामिल करता है। यह फाइटर जेट डीप स्ट्राइक मिशन में शानदार प्रदर्शन के लिए भी जाना जाता है।
सुखोई एसयू-30
रूसी मूल के सुखोई एसयू-30एमकेआई ( Sukhoi Su-30MKI ) अभी भी भारतीय वायुसेना के प्राथमिक लड़ाकू विमानों में शामिल है। अब हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL)के द्वारा भारत में ही बनने वाला यह विमान लंबी दूरी के रडार से लैस है और इनपर ब्रह्मोस मिसाइल भी तैनात की गई हैं। ध्वनि की गति से दो गुनी स्पीड (Mach 2.0) से उड़ने में सक्षम यह लड़ाकू विमान एकसाथ कई टारगेट को निशाना बनाने में सक्षम हैं। इस समय 270 से ज्यादा सुखोई एसयू-30एमकेआई विमान सेवा में हैं। मतलब, भारतीय वायुसेना के पास अभी सबसे ज्यादा संख्या में यही फाइटर जेट हैं।
तेजस एलसीए एमके1एतेजस (Tejas Mk1A) एक हल्का लड़ाकू विमान (LCA) है, जिसे डीआरडीओ ने डिजाइन किया है और एचएएल ने बनाया है। इसका उत्पादन शुरू हो चुका है और धीरे-धीरे इनकी संख्या बढ़ती रहने वाली है। ध्वनि की गति से 1.6 (Mach 1.6) गुना स्पीड वाला इस स्वदेशी लड़ाकू विमान की रेंज 1,850 किलोमीटर है। 17 अक्टूबर, 2025 को ही नासिक में Tejas Mk1A ने पहली उड़ान भरी है। वायुसेना के लिए पहले 83 और बाद में 97 अतिरिक्त तेजस के ऑर्डर एचएएल को मिले हुए हैं।
मिग- 29 फाइटर जेट
भारतीय वायुसेना की सेवा में तैनात शीर्ष फाइटर जेट में मिग-29 यूपीजी (अपग्रेडेड-MiG-29 UPG) भी शामिल हैं। मॉडर्नाइजेशन के बाद यह ध्वनि से 2.25 गुनी रफ्तार (Mach 2.25) से उड़ सकता है और इसमें एडवांस रडार और उड़ान के दौरान ही इंधन भरने की क्षमता भी आ चुकी है। रूसी मूल का होते हुए भी, अपग्रेड होने के बाद इसमें स्वदेशी सिस्टम का इस्तेमाल किया गया है, जिससे इसका भारतीयकरण भी हुआ है।
मिराज-2000 फाइटर जेट
मिराज-2000 अतीत में भी संघर्षों के दौरान अपनी क्षमता का प्रदर्शन कर चुका है। यह सटीकता और विश्वसनीयता के लिए जाना जाने वाला लड़ाकू विमान है, जिसकी स्पीड ध्वनि के 2.2 गुनी (Mach 2.2) है और प्रिसिजन गाइडेड म्यूनिशन वाले ऑपरेशन में भी धुरंधर है। फिलहाल अगले कई और वर्षों तक इस लड़ाकू विमान के भारतीय वायुसेना के लिए फ्रंटलाइन ऑपरेशन में बने रहने की संभावना है।
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