नई दिल्ली: हाल ही में इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से लौटे एस्ट्रोनॉट और ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने नेहरू प्लैनेटोरियम में आर्यभट्ट गैलरी का उद्घाटन किया। इस मौके पर स्टूडेंट्स से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि मुझे लगा था कि यह केवल गैलरी के रिबन काटने जैसा इवेंट होगा, लेकिन इतने स्टूडेंट्स को देखकर मुझे बहुत खुशी हो रही है।
आकर्षित कर रही है तारों की दुनिया
अंतरिक्ष यात्री शुभांशु ने बताया कि मिशन के दौरान उन्हें तीन बार स्टूडेंट्स से बात करने का मौका मिला। हर बार कम से कम एक बच्चा जरूर पूछता था कि हम एस्ट्रोनॉट कैसे बन सकते हैं। यह बताता है कि आकाश और तारों की दुनिया हमारे बच्चों को आकर्षित कर रही है। उन्होंने कहा कि जब वह स्पेस में थे, तब भी उन्हें अपने देश का यह उत्साह महसूस होता था।
आकाश सबको जोड़ता है: शुभांशु
भारत लौटने के बाद यहां का माहौल देखकर भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि आज आप जिस जगह खड़े हैं, इस तरह के प्लैनेटोरियम ही स्पेस के भविष्य की नींव रखते हैं। उन्होंने स्टूडेंट्स से अपील की कि वे देश के महत्वाकांक्षी मिशनों जैसे गगनयान और भविष्य के भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन का हिस्सा बनें। इस अवसर पर प्राइम मिनिस्टर्स म्यूजियम के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्रा, डायरेक्टर अश्विनी लोहानी, जॉइंट डायरेक्टर डॉ रवि के मिश्रा, संग्रालय और प्लैनेटोरियम के सीईओ पुगलिया चंदन राजेंद्र, इंद्रनील सनयाल और अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
स्टूडेंट्स कर रहे थे बेसब्री से इंतज़ार
कार्यक्रम को लेकर स्टूडेंट्स में नाराजगी भी दिखी। उन्हें सुबह करीब 10 बजे बुलाया गया था, जबकि कार्यक्रम 11.30 बजे शुरू होना था। असल में यह करीब 1 बजे के बाद शुरू हुआ। स्टूडेंट्स से कहा गया था कि यहां इंटरैक्टिव सेशन होगा, इसी कारण वे बेसब्री से शुभांशु शुक्ला का इंतजार कर रहे थे। लेकिन
वह यहां केवल 10 से 15 मिनट ही रुके। इस दौरान उद्घाटन, अधिकारियों से बातचीत और करीब ढाई से तीन मिनट का भाषण हुआ। वह न तो स्टूडेंट्स को ऑटोग्राफ दे पाए, न ही फोटोग्राफी का मौका मिला और न ही सवाल-जवाब का सेशन हो सका। कुछ स्कूल टीचर्स भी मायूस नजर आईं।
आकर्षित कर रही है तारों की दुनिया
अंतरिक्ष यात्री शुभांशु ने बताया कि मिशन के दौरान उन्हें तीन बार स्टूडेंट्स से बात करने का मौका मिला। हर बार कम से कम एक बच्चा जरूर पूछता था कि हम एस्ट्रोनॉट कैसे बन सकते हैं। यह बताता है कि आकाश और तारों की दुनिया हमारे बच्चों को आकर्षित कर रही है। उन्होंने कहा कि जब वह स्पेस में थे, तब भी उन्हें अपने देश का यह उत्साह महसूस होता था।
आकाश सबको जोड़ता है: शुभांशु
भारत लौटने के बाद यहां का माहौल देखकर भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि आज आप जिस जगह खड़े हैं, इस तरह के प्लैनेटोरियम ही स्पेस के भविष्य की नींव रखते हैं। उन्होंने स्टूडेंट्स से अपील की कि वे देश के महत्वाकांक्षी मिशनों जैसे गगनयान और भविष्य के भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन का हिस्सा बनें। इस अवसर पर प्राइम मिनिस्टर्स म्यूजियम के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्रा, डायरेक्टर अश्विनी लोहानी, जॉइंट डायरेक्टर डॉ रवि के मिश्रा, संग्रालय और प्लैनेटोरियम के सीईओ पुगलिया चंदन राजेंद्र, इंद्रनील सनयाल और अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
स्टूडेंट्स कर रहे थे बेसब्री से इंतज़ार
कार्यक्रम को लेकर स्टूडेंट्स में नाराजगी भी दिखी। उन्हें सुबह करीब 10 बजे बुलाया गया था, जबकि कार्यक्रम 11.30 बजे शुरू होना था। असल में यह करीब 1 बजे के बाद शुरू हुआ। स्टूडेंट्स से कहा गया था कि यहां इंटरैक्टिव सेशन होगा, इसी कारण वे बेसब्री से शुभांशु शुक्ला का इंतजार कर रहे थे। लेकिन
वह यहां केवल 10 से 15 मिनट ही रुके। इस दौरान उद्घाटन, अधिकारियों से बातचीत और करीब ढाई से तीन मिनट का भाषण हुआ। वह न तो स्टूडेंट्स को ऑटोग्राफ दे पाए, न ही फोटोग्राफी का मौका मिला और न ही सवाल-जवाब का सेशन हो सका। कुछ स्कूल टीचर्स भी मायूस नजर आईं।
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