अगर आपको बार-बार टॉयलेट जाना पड़ रहा है और पेशाब रुक-रुक कर आ रहा है, तो इसे हल्के में लेना भारी पड़ सकता है। आमतौर पर लोग इसे पानी की कमी या मौसम का असर मानकर अनदेखा कर देते हैं, लेकिन चिकित्सकों के अनुसार यह लक्षण कई गंभीर बीमारियों का शुरुआती संकेत हो सकता है।
स्वस्थ व्यक्ति में पेशाब का प्रवाह सामान्य और बिना किसी रुकावट के होता है। यदि यह बार-बार रुक रहा है, बर्निंग महसूस हो रही है, या बार-बार जाने की जरूरत पड़ रही है, तो यह आपके मूत्र मार्ग, प्रोस्टेट, किडनी या ब्लड शुगर से जुड़ी समस्याओं की ओर इशारा कर सकता है।
आइए जानते हैं कि पेशाब में रुकावट आने की यह समस्या किन 5 गंभीर बीमारियों से जुड़ी हो सकती है।
यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI)
यह महिलाओं में सबसे आम कारण होता है। जब बैक्टीरिया मूत्र मार्ग में संक्रमण फैलाते हैं, तो पेशाब करते समय जलन, रुकावट और बार-बार पेशाब की इच्छा होती है। UTI का इलाज न कराने पर संक्रमण किडनी तक पहुंच सकता है, जिससे समस्या और गंभीर हो सकती है।
प्रोस्टेट ग्रंथि में सूजन या बढ़ना (Prostatitis / BPH)
पुरुषों में उम्र के साथ प्रोस्टेट ग्रंथि का आकार बढ़ना एक सामान्य प्रक्रिया है, लेकिन यह मूत्र मार्ग को दबा सकती है, जिससे पेशाब रुक-रुक कर आता है। अगर प्रोस्टेट में सूजन (Prostatitis) हो जाए तो यह दर्द और जलन के साथ और भी परेशान कर सकता है।
मधुमेह (डायबिटीज)
डायबिटीज में शरीर का शुगर लेवल अनियंत्रित हो जाता है, जिससे बार-बार पेशाब आने लगता है। लेकिन कई बार पेशाब पूरी तरह से नहीं हो पाता, जिससे मूत्राशय में दबाव बना रहता है। यह संकेत हो सकता है कि आपका ब्लड शुगर लेवल असंतुलित है।
यूरिनरी ब्लैडर में स्टोन या रुकावट
मूत्राशय या मूत्र मार्ग में पथरी होने पर पेशाब रुक-रुक कर आता है, और इसमें दर्द या जलन महसूस हो सकती है। पथरी मूत्र की सामान्य धारा को रोक सकती है, जिससे पेशाब अधूरा रह जाता है।
नर्व डैमेज या न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर
कभी-कभी रीढ़ की हड्डी या नसों की कमजोरी के कारण भी पेशाब नियंत्रित नहीं रहता। यह समस्या विशेषकर डायबिटीज, पार्किंसन या मल्टीपल स्केलेरोसिस जैसी बीमारियों में देखी जाती है।
कब जाएं डॉक्टर के पास?
पेशाब रुक-रुक कर आए और जलन हो
पेशाब के साथ खून आए
बार-बार टॉयलेट जाने की जरूरत महसूस हो
पेशाब पूरी तरह न निकल पाए
पेट के निचले हिस्से में भारीपन या दर्द हो
इन लक्षणों को नजरअंदाज करने से समस्या गंभीर हो सकती है। उचित समय पर जांच और इलाज से स्थिति को संभाला जा सकता है।
बचाव के उपाय:
पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं
टॉयलेट को रोककर न रखें
पेशाब में जलन या रुकावट हो तो तुरंत डॉक्टर से मिलें
निजी सफाई का ध्यान रखें
डायबिटीज मरीज ब्लड शुगर की नियमित जांच करें
यह भी पढ़ें:
ब्रोकली और फूलगोभी: कौन सी सब्जी आपकी सेहत के लिए बेहतर