कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से आग्रह किया है कि वह वायनाड में 2024 में हुई भूस्खलन की घटना के प्रभावित लोगों के ऋण की माफी सुनिश्चित करें।
कांग्रेस ने एक बयान में कहा कि प्रियंका गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी को फिर से पत्र लिखकर उन्हें भूस्खलन प्रभावित लोगों की दुर्दशा के बारे में अवगत कराया है। उन्होंने पहले भी इस मामले पर पत्र लिखा था।
प्रियंका ने कहा कि प्राकृतिक आपदा में किसानों, लघु एवं मध्यम उद्यमों और अन्य सेवा प्रदाताओं की संपत्तियां क्षतिग्रस्त या पूरी तरह से नष्ट हो गईं तथा कृषि भूमि का एक बड़ा हिस्सा खेती योग्य नहीं रह गया है।
वायनाड से लोकसभा सदस्य ने कहा कि पहले राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण एनडीएमए अधिनियम, 2005 की धारा 13 के प्रावधानों के अनुसार बैंकों को ऋण माफ करने का निर्देश दे सकता था।
उन्होंने कहा, ‘‘केंद्र सरकार ने उस प्रावधान को हटाने के लिए मार्च, 2025 में आपदा प्रबंधन अधिनियम में संशोधन किया।" उन्होंने दावा किया कि संशोधन आपदा पीड़ितों के दर्द और पीड़ा का उपहास उड़ाने वाला है।
कांग्रेस नेता ने दावा किया कि केरल उच्च न्यायालय ने जून में कहा था कि एनडीएमए की धारा 13 को निरस्त करने के बावजूद, केंद्र सरकार के पास संविधान के तहत ऋण माफ करने के निर्देश जारी करने का अधिकार है।
प्रियंका गांधी ने कहा कि वायनाड जिला प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराए गए दस्तावेजों के अनुसार, चूरलमाला-मुंडकई आपदा के पीड़ितों और बचे लोगों पर फरवरी 2025 तक 30.78 करोड़ रुपये की बकाया राशि है।
पार्टी ने बयान में कहा कि अपने पत्र में प्रियंका गांधी ने इस बात का उल्लेख किया कि ‘केरल बैंक’ ने उनके 4.98 करोड़ रुपये के बकाया ऋण को पूरी तरह से माफ कर दिया है।
कांग्रेस महासचिव ने प्रधानमंत्री से आपदा प्रभावित लोगों की "वैध और उचित" मांगों पर मानवीय रूप से विचार करने का आग्रह किया।
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