जिला कलेक्टर हरेंद्र प्रसाद ने बताया कि हादसे के समय मंदिर में चंदनोत्सव कार्यक्रम चल रहा था और भारी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए एकत्रित हुए थे। इसी बीच अचानक मंदिर का एक 20 फीट लंबा हिस्सा गिर गया। हादसे के तुरंत बाद मंदिर परिसर में अफरातफरी मच गई और मौके पर चीख-पुकार सुनाई देने लगी। घायलों को इलाज के लिए अस्पताल भेज दिया गया है और रेस्क्यू अभियान तेज़ी से जारी है।
भीड़ में दबे श्रद्धालु, रात 2:30 बजे हुआ हादसा
प्राप्त जानकारी के अनुसार यह दर्दनाक हादसा देर रात लगभग 2:30 बजे हुआ। अक्षय तृतीया के अवसर पर आयोजित चंदनोत्सव में यह मान्यता है कि भगवान वराहलक्ष्मी नरसिंह स्वामी इस दिन अपने भक्तों को साक्षात दर्शन देते हैं। इसी कारण मंदिर में हजारों की संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे। अचानक आई भीड़ के दबाव के कारण मंदिर का हिस्सा गिर गया और दर्जनों लोग मलबे में दब गए।
मौतों की पुष्टि, राहत कार्य जारी
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस, दमकल और रेस्क्यू टीमों ने तत्परता से कार्रवाई शुरू की। एसडीआरएफ के एक अधिकारी ने बताया कि "अब तक सात लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि घायलों का इलाज अस्पताल में चल रहा है। हमारी टीमें पूरी ताकत से राहत और बचाव कार्य में लगी हुई हैं।"
वहीं, इस दुर्घटना पर भाजपा के पूर्व एमएलसी माधव ने भी दुख प्रकट करते हुए कहा, “यह एक अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण घटना है, खासकर अक्षय तृतीया जैसे पावन दिन पर। हादसा सुबह 2:30 बजे के आसपास हुआ। सरकार इसकी जांच कराएगी और मृतकों व घायलों को उचित मुआवजा दिया जाएगा।”
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