कोलकाता, 1 जून . केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में ‘विजय संकल्प कार्यकर्ता सम्मेलन’ को संबोधित करते हुए ममता सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने तृणमूल कांग्रेस पर राज्य में भ्रष्टाचार, हिंसा और घुसपैठ को बढ़ावा देने का आरोप लगाया.
अमित शाह ने कहा कि वर्षों तक बंगाल ने हर क्षेत्र में देश का नेतृत्व किया है. कई वर्षों तक यहां कम्युनिस्टों का भी शासन रहा. उसके बाद ममता दीदी ने आकर इस भूमि को “घुसपैठ, भ्रष्टाचार, अपराध और हिंदुओं पर अत्याचार का केंद्र” बना दिया.
उन्होंने कहा कि वन्दे मातरम् के रचयिता महान बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय की इस भूमि ने वर्षों तक देश का मार्गदर्शन किया. ज्ञान, धर्म, स्वतंत्रता संग्राम समेत हर क्षेत्र में देश का नेतृत्व करने वाले बंगाल में कई साल तक कम्युनिस्टों का शासन रहा. उसके बाद “मां, माटी, मानुष” का नारा देकर सत्ता में आने वाली ममता बनर्जी ने “महान बंग भूमि को आज घुसपैठ, भ्रष्टाचार, स्त्रियों पर अत्याचार, अपराध, बम धमाकों और हिंदुओं के साथ दुराचार का केंद्र” बनाकर रख दिया है.
उन्होंने कहा कि बंगाल की इसी धरती पर चुनाव के दौरान और तृणमूल कांग्रेस के चुनाव जीतने के बाद भाजपा के अनेक कार्यकर्ताओं की हत्या की गई. पूरे देश में चुनाव के दौरान हिंसा खत्म हो गई होगी, लेकिन बंगाल में हिंसा जारी है.
केंद्रीय गृह मंत्री ने तृणमूल सुप्रीमो को चुनौती देते हुए कहा, “दीदी, हिंसा करने वालों को आप कब तक बचाती रहेंगी? आपका समय पूरा हो गया है और 2026 में पश्चिम बंगाल में भाजपा की सरकार बनने जा रही है. पिछले 10 वर्षों में पश्चिम बंगाल सरकार को जारी किए गए 8,27,000 करोड़ रुपए यूपीए की तुलना में चार गुना अधिक हैं. हमारा फोकस प्रदेश का विकास है. हमें भरोसा है कि प्रदेश की जनता भारतीय जनता पार्टी को सेवा करने का अवसर जरूर देगी.”
उन्होंने मुख्यमंत्री को ललकारते हुए कहा, “हिम्मत हो तो बिना हिंसा के चुनाव कराकर देखिए, आपकी जमानत जब्त हो जाएगी.” उन्होंने ममता बनर्जी पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का विरोध कर देश की करोड़ों माताओं-बहनों के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया और राज्य की महिलाओं से चुनाव में तृणमूल कांग्रेस को सिंदूर की कीमत समझा देने की अपील की.
अमित शाह ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता का जिक्र करते हुए कहा कि सेना ने पाकिस्तान में 100 किलोमीटर अंदर जाकर आतंकवादियों के मुख्यालयों पर हमला किया. इसमें कई आतंकवादी मारे गए, लेकिन लगता है कि ममता बनर्जी को इससे परेशानी हो रही है. उन्होंने ऑपरेशन का विरोध एक खेदजनक बयान के माध्यम से न केवल मिशन का विरोध किया, बल्कि देश की महिलाओं की भावनाओं का भी अनादर किया.
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि बंगाल का चुनाव सिर्फ बंगाल के भविष्य को ही नहीं तय करता है, बल्कि यह देश की सुरक्षा से भी जुड़ा हुआ है. उन्होंने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी ने अपना वोट बैंक बढ़ाने के लिए बंगाल की सीमाओं को बांग्लादेशियों के लिए खुला छोड़ दिया है. उनके आशीर्वाद से बंगाल में घुसपैठ हो रही है. उन्होंने कहा कि यह घुसपैठ सिर्फ भाजपा की सरकार रोक सकती है क्योंकि मुख्यमंत्री का ध्यान देश की सीमा की सुरक्षा से अधिक अपने भतीजे (अभिषेक बनर्जी) का भविष्य सुरक्षित करने पर है.
अमित शाह ने कहा कि विकास को बढ़ावा देने के अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पश्चिम बंगाल की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. दशकों से पश्चिम बंगाल के लोग बंगाली को शास्त्रीय भाषा के रूप में मान्यता दिलाने की वकालत कर रहे थे. हालांकि ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार का समर्थन किया, लेकिन वह बंगाली को लंबे समय से प्रतीक्षित मान्यता दिलाने में असमर्थ रहीं. हालांकि पीएम मोदी के नेतृत्व में बंगाली भाषा को अंततः शास्त्रीय भाषा का प्रतिष्ठित दर्जा दिया गया.
उन्होंने ममता सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि कलकत्ता के बाजार में युवाओं की नौकरियां बिकती हैं. तृणमूल कांग्रेस नेताओं के घरों से इतना पैसा पकड़ा जाता है कि गिनते-गिनते मशीनें थक जाती हैं. अब इस सिलसिले को बंद करना ही होगा.
मुर्शिदाबाद में हाल ही में हुई हिंसा के बारे में केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि गृह मंत्रालय बार-बार कहता रहा कि सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को बुला लीजिए, लेकिन पश्चिम बंगाल सरकार ने नहीं बुलाया क्योंकि “अगर बीएसएफ आता तो हिंदुओं की रक्षा होती”. फिर भाजपा कार्यकर्ता हाई कोर्ट गए, तब जाकर बीएसएफ आया और हिंदुओं को बचाया.
उन्होंने कहा कि हिंदू शरणार्थियों को नोटिस भेजे जा रहे हैं, जिसमें कहा गया है कि उनका नाम मतदाता सूची से हटाया जा सकता है. उन्होंने उन शरणार्थियों को भरोसा दिलाया कि बस सीएए आवेदन भरें और केंद्र सरकार सुनिश्चित करेगी कि उन्हें भारतीय नागरिकता दी जाए. उन्होंने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में शरणार्थियों को वोट देने का अधिकार देने और भारतीय नागरिक के रूप में उनके भविष्य को सुरक्षित करने के लिए लागू किया गया था.
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एकेएस/एकेजे
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