सुकमा, 10 नवंबर . छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले से प्रेरणादायक पहल सामने आई है. यहां सीआरपीएफ की 150वीं बटालियन ने कुख्यात Naxalite नेता हिडमा के गांव पुवार्ती में गुरुकुल की स्थापना की है. यह शिक्षा का केंद्र बनने के साथ ही उम्मीद और बदलाव की एक नई कहानी भी लिख रहा है.
इस गुरुकुल में करीब 60 बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं. यह स्कूल पूरी तरह निःशुल्क है. सीआरपीएफ की ओर से बच्चों को ड्रेस, किताबें, टीचर्स की सैलरी और मॉडर्न प्लेग्राउंड की सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं.
सीआरपीएफ के जवान केवल सुरक्षा देने तक सीमित नहीं हैं, बल्कि अब वे बच्चों की शिक्षा और संस्कारों के मार्गदर्शक भी बन गए हैं. यह पहल नक्सल प्रभावित इलाके में शिक्षा के माध्यम से विकास और शांति की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित हो रही है.
सीआरपीएफ की 150वीं बटालियन के सेकेंड-इन-कमांड हामिद खान ने से बातचीत में बताया कि आसपास के कई गांवों से बच्चे पढ़ने के लिए इस गुरुकुल में आते हैं. वर्तमान में करीब 60 बच्चे यहां शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. सीआरपीएफ की ओर से शिक्षक की व्यवस्था की गई है और उनका वेतन भी हम ही देते हैं. लगभग एक साल से यह गुरुकुल चल रहा है और बच्चों की संख्या लगातार बढ़ रही है.
उन्होंने आगे कहा कि बच्चे अब नियमित रूप से पढ़ाई में रुचि दिखा रहे हैं और माता-पिता भी अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए उत्साहित हैं. करीब एक साल से इस गुरुकुल का संचालन हो रहा है और लगातार बच्चों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है. बच्चे बेहतर तरीके से शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं.
गुरुकुल की इस पहल से न सिर्फ पुवार्ती जैसे नक्सल प्रभावित गांवों में शिक्षा का प्रसार हो रहा है, बल्कि यह कदम आत्मसमर्पण और मुख्यधारा में लौटने की सोच को भी मजबूत कर रहा है.
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एएसएच/डीकेपी
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