New Delhi, 2 अक्टूबर . शरीर को स्वस्थ रखने के लिए भोजन के अलावा पानी भी जरूरी है. हमारे शरीर की रचना ऐसी की गई है कि वह 70 फीसदी पानी से बना है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि आयुर्वेद में पानी को ‘औषधि’ माना गया है?
शरीर को स्वस्थ रखने के लिए सही समय और उचित मात्रा में पानी बड़ा लाभदायक माना गया है.
आयुर्वेद में पानी को शरीर के पांच तत्वों में शामिल किया गया है, जो मनुष्य के शरीर का निर्माता होता है. सही समय और उचित मात्रा में पानी आपके शरीर से रोगों का नाश कर सकता है.
पानी सिर्फ प्यास बुझाने का काम नहीं करता, बल्कि रक्त संचार को बेहतर बनाने, शरीर की गंदगी को बाहर निकालने, शरीर के तापमान को सही बनाए रखने, गुर्दे और किडनी का सही संचालन करने, पाचन शक्ति बढ़ाने और मस्तिष्क को ठीक से काम करने में मदद करता है.
मस्तिष्क का करीब 80 फीसदी हिस्सा ही पानी से बना है. कुल मिलाकर यह शरीर के जरूरी अंगों को सुचारू रूप से काम करने में मदद करता है.
अगर शरीर में पानी की मात्रा सही नहीं होती है तो चिड़चिड़ापन, यूरिन इंफेक्शन, पथरी, मांसपेशियों में जकड़न, थकान और याद्दाश्त में कमी जैसी बीमारियों से जूझना पड़ सकता है. आयुर्वेद के पास इन बीमारियों का हल है और पानी पीने के तीन तरीकों का जिक्र किया गया है. आयुर्वेद में गर्म पानी के काफी फायदे बताए गए हैं.
अगर आपको कफ, जुखाम या सर्दी की समस्या है तो गर्म पानी पीएं. ज्यादा गर्म पानी पीने से बचें. इतना गर्म पानी पीएं जो पेट और स्किन को नुकसान न पहुंचाए. ज्यादा गर्म पानी पीने से त्वचा शुष्क हो जाती है और छाले होने की संभावना भी रहती है.
गर्म पानी पीने से पाचन क्रिया ठीक रहती है और वजन भी कंट्रोल में रहता है. वैसे तो हर पानी को उबालने के बाद ठंडा होने पर ही पीना चाहिए. एक स्वस्थ व्यक्ति को रोजाना 3.7 लीटर और महिलाओं को 2.7 लीटर पानी पीना चाहिए.
अगर अपनी डाइट में हर्बल पानी जोड़ते हैं तो कई बीमारियों को रोका जा सकता है. जैसे तांबे के बर्तन में पानी पीना अच्छा होता है. सुबह खाली पेट तांबे के बर्तन में पानी पीने से तीनों दोष संतुलित रहते हैं और ये पेट के लिए किसी टॉनिक की तरह काम करता है, लेकिन सर्दियों में इसे लेने से बचें, क्योंकि ये ठंडा होता है. आयुर्वेद में खाना खाने के बाद गर्म पानी पीना सेहत के लिए अच्छा माना गया है. खाना खाने के 30 मिनट बाद हल्का गर्म पानी थोड़े-थोड़े अंतराल में पीते रहना चाहिए, इससे जठराग्नि बढ़ती है और पाचन क्रिया तेजी से होती है.
–
पीएस/वीसी
You may also like
पंजाब-हरियाणा में विजयादशमी का उत्साह, जगह-जगह रावण दहन
राजस्थान: जयपुर के कई इलाकों में बारिश, शुक्रवार के लिए अलर्ट जारी
Chanakya Niti: पति को भिखारी से राजा` बना देती है ऐसी स्त्रियां, इनसे शादी कर चमक उठता है भाग्य
ब्रिटेन: यहूदी आबादी वाले इलाके में हमला, दो लोगों की मौत, अब तक क्या-क्या पता चला है
किसी के चेहरे की कॉपी करके आपत्तिजनक वीडियो बनाने का चलन, क्या इस क़ानून के ज़रिए किया जा सकता है बचाव