New Delhi, 6 अक्टूबर . फेस्टिव सीजन जोर-शोर से जारी है. दशहरा निकला चुका है, जबकि कुछ ही दिनों में करवा चौथ, धनतेरस और दीपावली जैसे अहम त्योहार आने वाले हैं. इस दौरान बड़ी संख्या में लोग लोन लेकर सामान खरीदते हैं. ऐसे में कई डिजिटल लोन कंपनियां ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए बड़े स्तर पर ऑफर्स निकाल रही हैं.
कई कंपनियों भ्रामक विज्ञापन भी निकालती हैं. ऐसे में फ्रॉड या स्कैम से बचने के लिए सतर्क रहना जरूरी है.
अगर आप किसी ऐसी कंपनी से लोन ले रहे हैं, जिनका नाम आपने पहली बार सुना है तो सबसे पहले उस कंपनी की डिटेल्स को सबसे पहले आरबीआई के पास चेक करें और अपनी कोई निजी जानकारी जैसे पेन और आधार देते समय क्रॉस-चेक जरूर करें.
लोन के ऑफर्स की जांच करें और देखें कि इंस्टेंट अप्रूवल और उम्मीद से कम ब्याज दर होने पर नियम व शर्तों को जरूर पढ़ें.
कई ऑफर्स में ब्याज प्रति माह के हिसाब से दी गई होती है. ऐसे में सालाना ब्याज दर काफी अधिक हो जाती है.
उदाहरण के लिए किसी विज्ञापन में 1.5 प्रतिशत प्रति माह की ब्याज अंकित है. इसका मतलब सालाना ब्याज दर (1.5*12= 18 प्रतिशत) है.
फेस्टिव सीजन में अकसर देखा जाता है कि कंपनियां ब्याज दर तो कम कर देती है, लेकिन अन्य चार्जेज लगा देती है, जिसका आपको बिलिंग के समय या प्रोडक्ट खरीदने के बाद पता लगता है. ऐसे में किसी ऑफर्स का फायदा उठाते समय जांच करें कि इसमें कोई हिडन चार्जेस तो नहीं है.
इसके अलावा, फेस्टिव सीजन में फ्रॉड से बचने के लिए जब भी आप ईएमआई पर कोई भी प्रोडक्ट खरीदें, तो ओवरऑल कास्ट का एनालिसिस करें, इससे आपको ऑफर के फायदे को पहचानने में सफलता मिलेगी.
इसके अतिरिक्त, कोई भी ऑफर लेने से पहले सभी की तुलना करें और फायदे एवं नुकसान को समझें. इससे आपके बेहतर ऑफर चुनने में मदद मिलेगी.
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एबीएस/
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