New Delhi, 8 सितंबर . राज्यसभा सांसद विक्रमजीत सिंह साहनी ने पंजाब में आई विनाशकारी बाढ़ को लेकर एकजुटता और राजनीति से ऊपर उठकर काम करने की अपील की है. उन्होंने कहा कि सभी को मिलकर पंजाब की पुनर्स्थापना के लिए प्रयास करना होगा, तभी राज्य सामान्य स्थिति में लौट सकेगा.
बता दें कि पीएम मोदी भी 9 सितंबर को पंजाब के बाढ़ क्षेत्र का दौरा करेंगे.
राज्यसभा सांसद विक्रमजीत सिंह साहनी ने से बातचीत में कहा कि पंजाब में बाढ़ राहत के लिए कई एनजीओ सक्रिय हैं. उन्होंने सभी राजनीतिक दलों से राजनीति से ऊपर उठकर एकजुट होकर काम करने की अपील की. उन्होंने कहा कि बाढ़ क्षेत्रों में एनजीओ और पार्टियां अपनी पहचान बनाए रख सकती हैं, लेकिन समन्वित प्रयास आवश्यक है.
उन्होंने बताया कि वे डिप्टी कमिश्नर के साथ मिलकर काम कर रहे हैं और प्रमुख एनजीओ से समन्वय स्थापित कर रहे हैं.
विक्रमजीत सिंह साहनी ने कहा कि पंजाब में 1988 के बाद सबसे भयंकर बाढ़ आई है, जिसने राज्य के लगभग 40 प्रतिशत हिस्से को प्रभावित किया. अमृतसर सहित कई जिले 5-6 दिनों तक जलमग्न रहे. उनकी टीम राहत कार्यों में जुटी है. बाढ़ से फसलों, खासकर धान की एक तिहाई फसल को भारी नुकसान हुआ, क्योंकि यह क्षेत्र मुख्य रूप से धान उत्पादक है.
उन्होंने कहा कि अब चुनौती बेघर हुए लोगों के लिए घर बनवाने की है. कई हजार परिवार इस बाढ़ से प्रभावित हुए हैं, उन्हें मुख्यधारा में लाने के लिए प्रयास तेज करने की जरूरत है. उन्होंने केंद्र सरकार से इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित करने और प्रभावित परिवारों की मदद की मांग की.
राज्यसभा सांसद ने कहा कि निजी एनजीओ की ओर से राहत कार्यों को तेज कर दिया गया है, इसके अलावा, पंजाबी फाउंडेशन के तहत बाहर से भी लोग मदद करने के लिए आए हैं. उन्होंने केंद्र से विशेष पैकेज देने की मांग भी दोहराई है.
राज्यसभा सांसद ने social media प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि सन फाउंडेशन की टीम ने गुरदासपुर जिले की डेरा बाबा नानक तहसील के पांच गांवों, धर्मकोट रंधावा, मंसूर, तलवंडी हिंदुआन, शामपुरा और धर्माबाद, का दौरा किया. टीम ने मवेशियों के लिए चारा, दवाइयां, स्वच्छता किट और तिरपाल वितरित किए.
स्वयंसेवकों ने प्रभावित परिवारों को मुफ्त कौशल प्रशिक्षण और रोजगार प्रदान करने की प्रतिबद्धता भी जताई. इसके अलावा, टीम फाजिल्का के गुलाबा भैणी, गिदर भैणी, रेती वाली भैणी और नूर शाह गांवों में एम्बुलेंस, मोटरबोट, मेडिकल किट, स्वच्छता सामग्री, सैनिटरी पैड और तिरपाल के साथ राहत कार्य किया. उन्होंने पानी में डूबे दूरदराज के गांवों में परिवारों तक सीधे सहायता पहुंचाई.
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डीकेएम/डीएससी
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