उदयपुर, 8 अक्टूबर 2025 । दुनिया के सबसे बड़े एकीकृत जिंक उत्पादक और शीर्ष पाँच चांदी उत्पादकों में से एक हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड ने सतत परिवहन की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए अपने जिंक स्मेल्टर देबारी (उदयपुर) में 40 इलेक्ट्रिक बल्कर ट्रकों के बेड़े की शुरुआत की है। ये ट्रक एनविरो व्हील्स मोबिलिटी प्राइवेट लिमिटेड के सहयोग से संचालित होंगे और जिंक स्मेल्टर देबारी से चित्तौड़गढ़ स्थित विश्व के सबसे बड़े सिंगल लोकेशन इंटीग्रेटेड जिंक-लेड स्मेल्टर तक कैल्साइन परिवहन के लिए 8 वर्ष के दीर्घकालिक अनुबंध के तहत कार्य करेंगे।
पहले चरण में 10 ईवी बल्कर सफलतापूर्वक संचालित हो चुके हैं, जबकि शेष ट्रक आने वाले महीनों में जोड़े जाएंगे। यह पहल कंपनी की 2050 तक नेट जीरो उत्सर्जन प्राप्त करने की प्रतिबद्धता को सशक्त करती है। रिन्यूएबल एनर्जी से संचालित ये ईवी वाहन न केवल कार्बन उत्सर्जन में उल्लेखनीय कमी लाएंगे, बल्कि परिवहन सुरक्षा, दक्षता और वाहन उपलब्धता में भी सुधार करेंगे।
ग्रीन मोबिलिटी को और मजबूत करते हुए, हिंदुस्तान जिंक ने उसी दिन कर्मचारी परिवहन के लिए इलेक्ट्रिक बसों को तैनात करने हेतु एनविरो व्हील्स मोबिलिटी के साथ एक एमओयू पर हस्ताक्षर किए। यह कदम पारंपरिक डीजल बसों के स्थान पर स्वच्छ और सस्टेनेबल विकल्प प्रदान करेगा, जिससे स्कोप 3 उत्सर्जन में भी कमी आएगी।
इस अवसर पर हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड के सीईओ अरुण मिश्रा ने कहा,
“हम अपनी लॉजिस्टिक्स रणनीति के केंद्र में सस्टेनेबिलिटी को शामिल कर एक स्वच्छ, कनेक्टेड और भविष्य के लिए तैयार पारिस्थितिकी तंत्र बना रहे हैं। इलेक्ट्रिक मोबिलिटी समाधान न केवल हमारे कार्बन फुटप्रिंट को घटा रहे हैं, बल्कि परिचालन दक्षता, कार्यबल सुरक्षा और दीर्घकालिक मूल्य में भी वृद्धि कर रहे हैं। यह कदम हमारे डीकार्बोनाइजेशन के व्यापक विजन का हिस्सा है जो भारत के हरित औद्योगिक विकास को सक्षम बनाता है।”
हिंदुस्तान जिंक लगातार कार्बन उत्सर्जन कम करने की दिशा में कार्यरत है। कंपनी अपने ऊर्जा मिश्रण में नवीकरणीय ऊर्जा का अनुपात बढ़ा रही है और 530 मेगावाट 24×7 रिन्यूएबल एनर्जी सप्लाई के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर कर चुकी है। इसके साथ ही, कंपनी ऊर्जा दक्षता के लिए कैप्टिव पावर प्लांट में टर्बाइन अपग्रेड, सेलहाउस दक्षता वृद्धि, और वेरिएबल फ्रीक्वेंसी ड्राइव्स जैसे कई प्रोजेक्ट्स पर निवेश कर रही है।
एनविरो व्हील्स मोबिलिटी प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ प्रवीण सोमानी ने कहा,
“हिंदुस्तान जिंक का यह प्रयास भारत के विनिर्माण क्षेत्र में एक मील का पत्थर है। हमें गर्व है कि हम 40 इलेक्ट्रिक बल्कर संचालित कर रहे हैं और कंपनी के ग्रीन लॉजिस्टिक्स विजन का हिस्सा हैं। स्वच्छ मोबिलिटी समाधान भारत के सतत विकास लक्ष्यों को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएंगे।”
यह पहल हिंदुस्तान जिंक की डीकार्बोनाइजेशन रणनीति का हिस्सा है, जिसमें एलएनजी और बैटरी-चालित ट्रक, नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का उपयोग और ऊर्जा दक्षता प्रौद्योगिकियों का एकीकरण शामिल है।
हाल ही में हिंदुस्तान जिंक इंटरनेशनल काउंसिल ऑन माइनिंग एंड मेटल्स (ICMM) में शामिल होने वाली पहली भारतीय कंपनी बनी है। साथ ही, कंपनी ने साइंस बेस्ड टारगेट इनिशिएटिव (SBTi) के तहत 1.5°C वार्मिंग सीमा लक्ष्य भी सुरक्षित किया है। कंपनी को लगातार दूसरे वर्ष S&P ग्लोबल सस्टेनेबिलिटी ईयरबुक में शीर्ष 1% में शामिल किया गया है।
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