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दुनिया की कोई भी ताकत आरएसएस पर प्रतिबंध नहीं लगा सकती: संजय निरुपम

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Mumbai , 1 नवंबर . मोकामा हत्याकांड पर शिवसेना प्रवक्ता संजय निरुपम ने कहा कि बिहार चुनाव के दौरान हिंसा की आशंका अब सच साबित हो गई है. कई माफिया नेता एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि कुछ अलग-अलग उम्मीदवारों का समर्थन कर रहे हैं. Police को मामले की पूरी जांच करनी चाहिए और सुनिश्चित करना चाहिए कि दोषियों को सजा मिले.

उन्होंने कहा कि मोकामा ने बिहार चुनाव में होने वाले खून खराबे की घंटी बजा दी है. राजद के पूर्व विधायक दुलारचंद की हत्या में कौन-कौन शामिल है, इसकी जांच होनी चाहिए. दोषियों को सजा मिलनी चाहिए.

उन्होंने कहा कि दुलारचंद यादव भी दूध के धुले नहीं थे. वे भी एक छोटे-मोटे माफिया थे. उन्होंने भी चुनाव को हिंसक रूप देने का कदम उठाया. फिर भी चुनाव शांतिपूर्ण होना चाहिए. किसी भी व्यक्ति की हत्या नहीं होनी चाहिए. इसके साथ ही दुलारचंद को लेकर इतनी सहानुभूति भी नहीं होनी चाहिए, जितनी हो रही है.

वहीं, शिवसेना प्रवक्ता संजय निरुपम ने कहा कि दुनिया की कोई भी ताकत आरएसएस पर प्रतिबंध नहीं लगा सकती क्योंकि यह कोई आतंकवादी संगठन नहीं, बल्कि एक सामाजिक और सांस्कृतिक संगठन है.

इससे पहले अखिल भारतीय एसआईआर विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए शिवसेना (शिंदे गुट) के वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता संजय निरुपम ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोला. उन्‍होंने कहा कि फर्जी मतदाता का मुद्दा सिर्फ हार छिपाने का बहाना है.

उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि कांग्रेस ने मतदाता सूची को लेकर झूठा नैरेटिव गढ़ा था और अब उनके ही दावे गलत साबित हो चुके हैं. निरुपम ने कहा कि कुछ महीने पहले कांग्रेस ने यह प्रचार करना शुरू किया कि मतदाता सूचियों में अनियमितताएं हैं और बड़े पैमाने पर फर्जी मतदाता जोड़े गए हैं.

इस मुद्दे पर राहुल गांधी ने खुद एक पावरपॉइंट प्रजेंटेशन दिया था, लेकिन बाद में जिन मतदाताओं को फर्जी बताया गया था, वे खुद सामने आकर सच्चाई बयान कर चुके हैं, जिससे कांग्रेस के झूठ का पर्दाफाश हो गया.

संजय निरुपम ने कहा कि राहुल गांधी ने दावा किया था कि Maharashtra में Lok Sabha और विधानसभा चुनावों के बीच करीब 72 लाख वोट बढ़े हैं. बाद में उन्होंने अपने आंकड़ों में खुद ही सुधार किया और कहा कि 50 से 55 लाख वोट बढ़े हैं. कुछ समय बाद यह संख्या घटते-घटते 40 से 42 लाख तक पहुंच गई.

एमएस/डीकेपी

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