चंडीगढ़, 30 अप्रैल . राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की किताबों से मुगल शासकों के इतिहास की जानकारी हटाने पर हरियाणा शिक्षा बोर्ड भिवानी के चेयरमैन पवन शर्मा ने कहा कि हम छात्रों को अपने पूर्वजों के गौरवपूर्ण इतिहास से रूबरू कराना चाहते हैं.
बुधवार को न्यूज एजेंसी से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि हमारे छात्र अपने पूर्वजों के गौरवपूर्ण इतिहास को जान पाएं. इस उद्देश्य से ही राज्य और केंद्र सरकार की ओर से बदलाव किए जा रहे हैं. इस बदलाव का हम स्वागत करते हैं. उन्होंने कहा कि किताबों में जहां मुगल शासकों का महिमामंडन किया गया है, उसे हटाने पर भी विचार चल रहा है. उन्होंने कहा कि मेरी निजी राय है कि सभी पुस्तकों से मुगल शासकों के महिमामंडन वाली चीजों को हटा देना चाहिए. क्योंकि इससे छात्रों के आत्मविश्वास को ठेस पहुंचती है. उन्हें अपने पूर्वजों के इतिहास के बारे में जानकारी नहीं मिल पाती है. अगर उन्हें अपने पूर्वजों के इतिहास की जानकारी मिलेगी तो उनमें आत्मविश्वास का संचार होगा.
उन्होंने कहा कि नई एजुकेशन पॉलीसी के तहत त्रिस्तीय भाषा का फॉर्मूला लागू कर दिया गया है. हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के जितने भी स्कूल हैं, उनमें छात्र संस्कृत, उर्दू व पंजाबी में से एक का चयन कर सकते हैं. इसके अलावा हिंदी और अंग्रेजी भाषा रहेगी. इसके साथ ही साथ हम लोग चाहते हैं कि छात्रों को सिर्फ किताबी ज्ञान ही नहीं, बल्कि ऐसा ज्ञान भी मिले जिससे वे मजबूत बनें.
एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि 138 शिक्षक और दूसरे कर्मी ऐसे हैं, जिन्होंने परीक्षा की पवित्रता को भंग किया, उनकी लिस्ट शिक्षा निदेशालय को भेज दी गई है.
चंडीगढ़ में शिक्षकों के लिए ड्रेस कोड लागू होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि अगर मेरी निजी राय ली जाए तो ड्रेस कोड लागू होना चाहिए. यह एक अच्छी बात है. इससे न केवल विद्यार्थियों को अच्छी प्रेरणा मिलेगी बल्कि विद्यालय में अच्छा माहौल भी रहेगा.
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डीकेएम/
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