New Delhi, 6 नवंबर . जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव का नतीजा आ गया है. यहां केंद्रीय पैनल की चारों सीटों पर लेफ्ट समर्थित छात्र संगठनों ने जीत हासिल की है. वहीं, पिछले साल एक सीट हासिल करने वाली अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद यानी एबीवीपी चारों सीटों पर चुनाव हार गई. इस बार जेएनयू छात्र संघ चुनावों में मुख्य मुकाबला विद्यार्थी परिषद और लेफ्ट समर्थित छात्र संगठनों के बीच था.
यहां अध्यक्ष पद पर अदिति मिश्रा, उपाध्यक्ष पद पर कीझाकूट गोपिका बाबू, महासचिव पद पर सुनील यादव और सचिव पद पर दानिश को जीत मिली है. जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में 4 नवंबर को छात्रसंघ चुनावों के लिए मतदान हुआ था. Thursday सुबह से ही सामने आ रहे रुझानों में लेफ्ट समर्थित उम्मीदवार लगातार अपनी बढ़त बनाए हुए थे. हालांकि एक सीट पर कई बार अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के उम्मीदवार ने मामूली बढ़त हासिल की, लेकिन देर शाम नतीजे आते-आते चारों सीटों पर लेफ्ट समर्थित छात्र संगठनों ने जीत हासिल कर ली.
वाम दलों के उम्मीदवारों ने सभी सीटों अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, महासचिव व संयुक्त सचिव पद पर अपनी जीत सुनिश्चित की है. कांग्रेस समर्थित छात्र संगठन एनएसयूआई ने भी यह चुनाव लड़ा है, लेकिन वह बुरी तरह पिछड़ गई और चारों में से किसी भी सीट पर मुख्य मुकाबले में नहीं रही. इस वर्ष वाम संगठनों ने संयुक्त रूप से छात्रसंघ चुनाव लड़ा. तीनों मुख्य वाम छात्र संगठन एसएफआई, आइसा व डीएसएफ के बीच गठबंधन था. इस बार विशेष रणनीति के तहत ये छात्र संगठन एकजुट हुए थे.
दरअसल, लंबे समय बाद छात्रसंघ चुनाव में ये संगठन साथ आए हैं. इन वामदलों की ओर से अध्यक्ष पद के लिए अदिति मिश्रा मैदान में थीं. अदिति मिश्रा अध्यक्ष पद का चुनाव जीत चुकी हैं. मतगणना में अध्यक्ष पद पर चुनाव लड़ रहे अन्य सभी उम्मीदवारों के मुकाबले वे शुरुआती दौर से ही आगे चल रही थीं.
उपाध्यक्ष पद पर भी लेफ्ट उम्मीदवार कीझाकूट गोपिका बाबू को जीत हासिल हुई. महासचिव पद पर लेफ्ट पार्टियों के संयुक्त उम्मीदवार सुनील यादव ने जीत दर्ज की है. दिनभर चली मतगणना में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के उम्मीदवार राजेश्वर कांत दुबे एक बार मामूली अंतर से आगे हुए थे, लेकिन शाम होते होते लेफ्ट प्रत्याशी ने उन्हें पराजित कर दिया.
वहीं, संयुक्त सचिव पद पर भी लेफ्ट उम्मीदवार दानिश अली को विजय हासिल हुई. लेफ्ट समर्थित छात्र संगठनों ने इसे विचारधारा की जीत बताया. उन्होंने कहा कि जेएनयू के छात्रों ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के विचारों को खारिज कर दिया है. इसके साथ ही चारों सीटों पर मतगणना समाप्त हो चुकी है और अंतिम नतीजे आ गए हैं.
बता दें कि इस वर्ष विश्वविद्यालय में कुल 8 मतदान केंद्र बनाए गए थे. जेएनयू के इन मतदान केंद्रों पर Tuesday को वोट डाले गए थे. यहां दो अलग-अलग पालियों में मतदान कराया गया था. पहली पाली का मतदान दोपहर 1 बजे तक चला. इसके बाद दोपहर 2.30 बजे से दूसरी पाली का मतदान प्रारंभ हुआ था. जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्रसंघ के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, महासचिव व संयुक्त सचिव समेत विभिन्न संकायों के काउंसलर पद के लिए यह मतदान हुआ था. विश्वविद्यालय के कुल 9043 छात्र मतदाता थे. हालांकि, विश्वविद्यालय में इस बार कुल 67 प्रतिशत मतदान हुआ, जो बीते वर्ष के मुकाबले कुछ कम है.
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जीसीबी/डीकेपी
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