जब हम भारत की ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री के दुनिया के तीसरे सबसे बड़े बाजार बनने की बात करते हैं, तो आम तौर पर उसकी तेज़ी से बढ़ती बिक्री और विकास पर ध्यान दिया जाता है. लेकिन यहां उन भारतीय ऑटो कंपनियों का जिक्र करना भी जरूरी है, जो सिर्फ देश में ही नहीं, बल्कि दुनिया के बड़े ब्रांड्स को भी नई पहचान दे रही हैं. ये कंपनियां अब वैश्विक बाजार में भारत की ताकत और तकनीकी क्षमता का उदाहरण बन चुकी हैं. आज हम आपको इस खबर के माध्यम से ऐसे पांच अंतरराष्ट्रीय ब्रांड्स के बारे में बताने जा रहे हैं जो अब भारतीय कंपनियों के सहयोग से अपनी पहचान को और मजबूत बना रहे हैं.
KTM और Husqvarna: बजाज ऑटो के दम पर चलने वालीयूरोप की टू-व्हीलर कंपनियां KTM और Husqvarna अपनी स्पोर्ट्स बाइक के लिए दुनिया भर में मशहूर हैं. पहले KTM में बजाज ऑटो की लगभग बराबर हिस्सेदारी थी, लेकिन मई 2025 में बजाज ने Pierer Bajaj AG (PBAG) में कंट्रोल हासिल कर लिया. ये ऑस्ट्रेलियाई कंपनी KTM, Husqvarna और GASGAS ब्रांड्स की मालिक है. आज बजाज ऑटो भारत में ही इन दोनों ब्रांड्स की ज्यादातर बाइक बनाती है और उन्हें दुनिया के कई देशों में एक्सपोर्ट करती है.
नॉर्टन मोटरसाइकिल कंपनी – टीवीएस मोटर कंपनी द्वारा संचालितजब 2020 में ब्रिटिश मोटरसाइकिल कंपनी नॉर्टन कर्ज में डूबी थी, तब भारतीय दोपहिया वाहन दिग्गज टीवीएस मोटर कंपनी ने उसे बचाया और उसे 16 मिलियन पाउंड (उस समय 153 करोड़ रुपये) में खरीद लिया. तब से नॉर्टन और टीवीएस कई मॉडलों पर काम कर रहे हैं और हम जल्द ही एक नई मास मार्केट मोटरसाइकिल को वैश्विक स्तर पर लॉन्च होते देख सकते हैं.
जगुआर लैंड रोवर – टाटा मोटर्स द्वारा संचालितऑटोमोबाइल दुनिया में भारत की सबसे मशहूर खरीद में से एक थी जब टाटा मोटर्स ने साल 2008 में ब्रिटेन की लग्जरी कार निर्माता कंपनी जगुआर लैंड रोवर (JLR) को अपने अधीन कर लिया. तब से ये लग्जरी ब्रांड टाटा समूह के संरक्षण में लगातार मजबूत हुआ है और आज 2025 में, ये एक पूरी तरह से एकीकृत और सफल ब्रांड के रूप में काम कर रहा है.
रॉयल एनफील्ड – आयशर मोटर्स द्वारा संचालितकभी ब्रिटिश ब्रांड रहे आयशर मोटर्स ने रॉयल एनफील्ड ब्रांड को रिवाइव कर उसे आज एक विश्व-प्रसिद्ध ब्रांड बना दिया है. रॉयल एनफील्ड अभी के समय में वैश्विक मिडसाइज मोटरसाइकिल बाजार में एक प्रमुख हिस्सेदार है और हर मोटरसाइकिल का निर्माण चेन्नई में होता है और फिर उसे यूरोप और उत्तरी अमेरिका में निर्यात किया जाता है. ये अधिग्रहण 1994 में हुआ था और आज भी मजबूती से जारी है.
जावा, यज़्दी, बीएसए महिंद्रा समर्थित क्लासिक लीजेंड्स के तहतक्लासिक लीजेंड्स की स्थापना साल 2015 में इस उद्देश्य से की गई थी कि जावा, यज़्दी और बीएसए जैसे पुराने लेकिन मशहूर मोटरसाइकिल ब्रांड्स को फिर से लाया जा सके. इसके एक साल बाद, 2016 में महिंद्रा एंड महिंद्रा* ने इस कंपनी में 60 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदकर इसका कंट्रोल अपने हाथ में ले लिया. इस कदम से महिंद्रा को देश में तेजी से बढ़ते रेट्रो बाइक मार्केट में प्रवेश करने का मौका मिला. तब से क्लासिक लीजेंड्स ने भारत, ब्रिटेन और अन्य यूरोपीय बाजारों में इन तीनों ब्रांड्स को फिर से सफलतापूर्वक लॉन्च किया है.
You may also like

जैक लगाकर दुकानों के शटर खोले, लाखों का सामान चोरी, महिलाओं पर चाकू से हमला... पढ़िए दिल्ली की टॉप 3 क्राइम न्यूज

मुजफ्फरनगर: 150 ग्राम सोना, मोबाइल चार्जर में छिपाकर सऊदी अरब से लाया! तस्करी ही बनी शोएब का काल, जानिए क्या हुआ-कैसे हुआ

बिहार: समस्तीपुर में पीएम मोदी का आगमन, स्थानीय लोग बोले- पूरा माहौल मोदीमय

बच्चों के गले में डालें चांदी के सूरज का लॉकेट मिलेंगे` ऐसे फायदे सपने में भी नहीं सोचा होगा

हॉकी इंडिया ने सीनियर महिला राष्ट्रीय शिविर के लिए 39 सदस्यीय कोर ग्रुप की घोषणा की




