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GST से मिला तगड़ा बूस्टर, मारुति से महिंद्रा तक, 1 महीनें में बिकीं इतनी गाड़ियां

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भारत के ऑटोमोबाइल उद्योग ने अक्टूबर 2025 में जबरदस्त रही. इस बढ़त का मुख्य कारण त्योहारों के मौसम की जोरदार मांग और ग्राहकों का अच्छा भरोसा रहा. इतना ही नहीं, GST कटौती ने इस ग्रोथ में सबसे बड़ी भूमिका निभाई, क्योंकि इससे गाड़ियों की कीमतों में भारी गिरावट आई.

देश की बड़ी वाहन कंपनियां हुंडई, महिंद्रा एंड महिंद्रा, टीवीएस मोटर, टोयोटा किरलोस्कर और किया इंडिया सभी ने अपने-अपने प्रमुख सेगमेंट में पिछले साल के मुकाबले अच्छी बिक्री दर्ज की है. हुंडई मोटर इंडिया लिमिटेड (HMIL) ने कुल 69,894 गाड़ियां बेचीं, जिनमें 53,792 यूनिट्स भारत में और 16,102 यूनिट्स एक्सपोर्ट की गईं. एक्सपोर्ट में 11% की बढ़त देखी गई. कंपनी की Creta और Venue SUVs ने मिलकर 30,119 यूनिट्स की बिक्री की, जो अब तक की दूसरी सबसे बड़ी मासिक बिक्री है.

मारुति ने बेचीं सबसे ज्यादा कारें

मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड ने अक्टूबर 2025 में कुल 2,20,894 गाड़ियां बेचीं, जो कंपनी की अब तक की सबसे ज्यादा मासिक बिक्री है. इनमें से 1,80,675 यूनिट्स घरेलू बाजार में, 8,915 यूनिट्स अन्य कंपनियों को और 31,304 यूनिट्स एक्सपोर्ट की गईं. टीवीएस मोटर कंपनी ने कुल 5.43 लाख गाड़ियों की बिक्री की, जो अनुमान (5.39 लाख) से ज्यादा रही. यह पिछले साल के मुकाबले 11% ज्यादा है.

महिंद्रा ने की रिकॉर्ड सेल

महिंद्रा एंड महिंद्रा ने कुल 1.2 लाख गाड़ियां बेचीं, जो उम्मीदों के अनुसार रही और पिछले साल से 26% ज्यादा थी. कंपनी की घरेलू पैसेंजर व्हीकल बिक्री 31% बढ़कर 71,624 यूनिट्स रही, जो SUVs की लगातार बढ़ती मांग के कारण हुई. एक्सपोर्ट 15% बढ़कर 4,015 यूनिट्स हुआ और तीन-पहिया वाहनों की बिक्री 30% बढ़कर 12,762 यूनिट्स रही. टाटा मोटर्स ने भी लगातार दूसरे महीने अपनी नंबर 2 की स्थिति मजबूत की है.

इन कंपनियों ने भी दिखाई ग्रोथ

टोयोटा किरलोस्कर मोटर (TKM) ने 40,257 यूनिट्स भारत में बेचीं और 2,635 यूनिट्स एक्सपोर्ट कीं, जिससे उसकी लगातार स्थिर वृद्धि जारी रही. किया इंडिया ने अक्टूबर 2025 में रिकॉर्ड बनाया और अपनी अब तक की सबसे ज्यादा बिक्री की, जो 29,556 यूनिट्स रही, जो पिछले साल से 30% ज्यादा है. कुल मिलाकर, अक्टूबर 2025 भारत के ऑटोमोबाइल उद्योग के लिए बहुत मजबूत महीना रहा. SUVs और इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) की बढ़ती मांग ने उद्योग को नई रफ्तार दी और फेस्टिव सीजन ने इस बढ़त को और मजबूत बना दिया.

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