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पेशाब में झाग: स्वास्थ्य समस्याओं के संकेत और आवश्यक परीक्षण

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पेशाब में झाग आने के कारण और स्वास्थ्य पर प्रभाव

नई दिल्ली: यदि पेशाब करते समय झाग बनता है, तो यह शरीर में किसी गड़बड़ी का संकेत हो सकता है। पेशाब के रंग में परिवर्तन, जलन और झाग आना कई स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत हो सकते हैं, जिन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। समय पर उचित परीक्षण करवाना आवश्यक है।

पेशाब में झाग आने के संभावित कारण:

पेशाब में झाग आना कभी-कभी सामान्य हो सकता है, लेकिन यदि यह बार-बार होता है, तो यह गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत हो सकता है। पेशाब के रंग में बदलाव, जलन और झाग आना कई बीमारियों के लक्षण हो सकते हैं। यदि आप या आपके आसपास कोई इस समस्या का सामना कर रहा है, तो उन्हें तुरंत डॉक्टर से मिलने की सलाह दें।

पेशाब में झाग आने के पीछे की गंभीर समस्याएं:

प्रोटीन का बढ़ा स्तर: किडनी की समस्याओं के कारण पेशाब में प्रोटीन की मात्रा बढ़ सकती है, जिससे झागदार पेशाब बनता है।

किडनी की समस्याएं: यदि किडनी सही से कार्य नहीं कर रही है, तो यह झागदार पेशाब का एक प्रमुख कारण हो सकता है।

मधुमेह: डायबिटीज के रोगियों के पेशाब में अधिक चीनी झाग का कारण बन सकती है। जब रक्त शर्करा का स्तर बढ़ता है, तो पेशाब में झाग बनता है।

यूटीआई या प्रोस्टेट से जुड़ी समस्याएं भी झागदार पेशाब का कारण बन सकती हैं।

पेशाब में झाग आने पर कौन से परीक्षण करवाने चाहिए?

यूरिन रूटीन टेस्ट: पेशाब में प्रोटीन, ग्लूकोज और अन्य तत्वों की जांच के लिए आवश्यक है।

ब्लड टेस्ट (किडनी फंक्शन टेस्ट): किडनी की कार्यप्रणाली का आकलन करने के लिए यह परीक्षण करवाएं।

माइक्रोएल्ब्यूमिन टेस्ट: पेशाब में प्रोटीन की मात्रा की जांच करता है।

अल्ट्रासाउंड (किडनी और प्रोस्टेट जांच): किडनी और मूत्र पथ की स्थिति की जांच के लिए।

डॉक्टर से कब संपर्क करें?

यदि पेशाब में बार-बार झाग आता है, रंग गहरा पीला, लाल या असामान्य होता है, जलन, दर्द या किसी प्रकार की तकलीफ होती है, और शरीर में सूजन होती है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।


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