haryana update, DA Arrears Update: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए एक बार फिर निराशाजनक समाचार सामने आया है। कोरोना महामारी के दौरान रोके गए महंगाई भत्ते (DA Arrears) की तीन किस्तों को लेकर कर्मचारियों की उम्मीदें टूट गई हैं। सरकार ने स्पष्ट किया है कि इन बकाया राशियों का भुगतान नहीं किया जाएगा।
कोरोना के दौरान DA की किस्तें रोकी गईं
कोरोना काल में रोक दी गई थीं DA की तीन किस्तें
2020 में कोरोना महामारी के चलते देश की आर्थिक स्थिति में गिरावट आई थी। इस दौरान सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों की तीन DA किस्तों को रोकने का निर्णय लिया। ये किस्तें जनवरी 2020 से जून 2021 तक की थीं। सरकार का कहना था कि आर्थिक दबाव के कारण वह इनका भुगतान नहीं कर सकती।
DA में संशोधन की प्रक्रिया
हर छह महीने में होता है DA में संशोधन
केंद्र सरकार हर साल जनवरी और जुलाई में महंगाई भत्ते में संशोधन करती है। हालांकि, इसकी घोषणा आमतौर पर मार्च और सितंबर में की जाती है। यह संशोधन महंगाई दर के आधार पर किया जाता है, जिससे कर्मचारियों को बढ़ती महंगाई से राहत मिल सके। लेकिन 2020 में विशेष परिस्थितियों के चलते यह संशोधन रोक दिया गया था।
कर्मचारियों की मांगें
DA एरियर को लेकर कर्मचारियों की लगातार मांग
केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनर्स लंबे समय से बकाया DA एरियर की मांग कर रहे हैं। इसको लेकर कई बार प्रदर्शन और ज्ञापन भी दिए जा चुके हैं। हाल ही में ‘कॉन्फेडरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट एम्प्लाइज एंड वर्कर्स’ ने एक बार फिर 18 महीने के बकाया DA को लेकर सरकार से मांग की है। इस मुद्दे पर 7 मार्च 2025 को एक सर्कुलर भी जारी किया गया, जिसमें साफ तौर पर कहा गया कि यह कर्मचारियों की एक प्रमुख मांग है और इसे जल्द सुलझाया जाए।
अन्य मांगें भी उठाई गईं
8वें वेतन आयोग और अन्य मांगें भी उठीं
सिर्फ DA एरियर ही नहीं, कर्मचारियों की और भी कई मांगें हैं। इनमें 8वें वेतन आयोग का गठन जल्द किया जाए, पुरानी पेंशन योजना (OPS) को बहाल किया जाए, 12 सालों में पेंशन से काटे गए अमाउंट को बहाल किया जाए, अनुकंपा नौकरी में 5% की सीमा खत्म की जाए और खाली पदों को जल्द भरा जाए – ये सब प्रमुख मांगें हैं।
सरकार का नकारात्मक जवाब
सरकार की ओर से फिर मिला नकारात्मक जवाब
हालांकि, सरकार की ओर से अब तक इस मांग पर कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिला है। पहले भी सरकार ने यह स्पष्ट किया था कि वह बकाया DA एरियर का भुगतान करने की स्थिति में नहीं है। आर्थिक तंगी और राजकोषीय दबाव का हवाला देते हुए सरकार ने यह फैसला लिया है।
कर्मचारियों की नाराजगी
इस फैसले से लाखों केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स को झटका लगा है। जहां एक ओर कर्मचारियों को महंगाई से राहत की उम्मीद थी, वहीं सरकार के इस जवाब से उनकी नाराजगी और बढ़ गई है। अब देखना होगा कि भविष्य में इस मुद्दे पर कोई समाधान निकलता है या नहीं।
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